नगर निगम में आधार कार्ड बनाने के लिए वसूली का खेल

नगर निगम परिसर में अधिकारियों की नाक के नीचे आधार कार्ड बनवाने के लिए लोगों से निर्धारित शुल्क से अधिक वसूला जा रहा है। नागरिकों की सुविधा के लिए खोले गए केंद्र भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Dec 2019 09:45 AM (IST) Updated:Tue, 03 Dec 2019 09:45 AM (IST)
नगर निगम में आधार कार्ड बनाने के लिए वसूली का खेल
नगर निगम में आधार कार्ड बनाने के लिए वसूली का खेल

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर :

नगर निगम परिसर में अधिकारियों की नाक के नीचे आधार कार्ड बनवाने के लिए लोगों से निर्धारित शुल्क से अधिक वसूला जा रहा है। नागरिकों की सुविधा के लिए खोले गए केंद्र भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका हैं। ठीक इसी तरह नगर निगम में जरूरतमंदों के काम को कराने के लिए अलग अलग कार्य के लिए काउंटर पर भी फीस से अधिक की वसूली होती है। जो काउंटर के कर्मचारियों के मनमाफिक रुपये नहीं देता उसे हफ्तों अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर काटना पड़ता है।

निगम परिसर में जन्म, मृत्यु, निवास, सफाई, वाटर टैक्स, हाउस टैक्स से लेकर अन्य के लिए अलग अलग काउंटर बनाया गया है। इसी काउंटर के बीच में आधार कार्ड बनाने के लिए निजी कंपनी के दो कर्मचारी फिगर स्कैनर, आई रैटीना स्कैनर व कम्प्यूटर के साथ कार्यालय अवधि में रहते हैं। यहां आने वालों को पहले दरवाजे के बाहर घंटों लाइन में लगना पड़ता है। फिर उसके बाद सुरक्षा में लगे महिला और पुरुष होमगार्ड निजी कंपनी के काउंटर पर भेजते हैं। यहां पहुंचने के बाद आधार कार्ड के लिए निर्धारित प्रोफार्मा की औपचारिकता पूरी करने के बाद फीस वसूला जाता है। लोगों से कितना फीस वसूला जा रहा है इसकी रसीद भी नहीं दी जाती है। रसीद नहीं दिए जाने का फायदा निजी कंपनी के दोनों कर्मी उठाते हुए मनमाना फीस लेते हैं। सोमवार को इसी तरह एक बच्चे का आधार कार्ड बनवाने के लिए अस्पताल से लेकर अन्य का प्रमाण पत्र देने के बाद दो सौ रुपये लिए गए।

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वर्जन

आधार कार्ड बनाने का कार्य निजी कंपनी को दिया गया है। अगर निर्धारित शुल्क से अधिक वसूली की जा रही है तो इसकी जांच कराकर संबंधित कंपनी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

विनय, जिला सूचना अधिकारी।

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