एनएचएम के 273 कर्मी हड़ताल पर रहे, एंबुलेंस ले जा रहे चालक का विरोध

सेवा सुरक्षा की मांग को लेकर मंगलवार को जिले में कार्यरत 552 में से 273 एनएचएम कर्मी हड़ताल पर रहे। इस कारण टीकाकरण, स्कूल हेल्थ कार्यक्रम, सुकून सेंटर, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र व एंबुलेंस सेवा भी प्रभावित रही। जो कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं थे उन्हें इन कर्मियों का विरोध झेलना पड़ा। एंबुलेंस ले जा रहे एक चालक के साथ हड़ताली कर्मियों की खूब तू-तू मैं मैं हुई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 06 Feb 2019 12:41 AM (IST) Updated:Wed, 06 Feb 2019 12:41 AM (IST)
एनएचएम के 273 कर्मी हड़ताल पर रहे, एंबुलेंस ले जा रहे चालक का विरोध
एनएचएम के 273 कर्मी हड़ताल पर रहे, एंबुलेंस ले जा रहे चालक का विरोध

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : सेवा सुरक्षा की मांग को लेकर मंगलवार को जिले में कार्यरत 552 में से 273 एनएचएम कर्मी हड़ताल पर रहे। इस कारण टीकाकरण, स्कूल हेल्थ कार्यक्रम, सुकून सेंटर, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र व एंबुलेंस सेवा भी प्रभावित रही। जो कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं थे उन्हें इन कर्मियों का विरोध झेलना पड़ा। एंबुलेंस ले जा रहे एक चालक के साथ हड़ताली कर्मियों की खूब तू-तू मैं मैं हुई। हालांकि, हड़ताली कर्मियों के विरोध के बावजूद चालक एंबुलेंस को लेकर गया। मंगलवार को चार एंबुलेंस पर चार के बजाय तीन ही चालक रहे। वही, 108 के कंट्रोल रूम में भी कर्मी नहीं था जिसके चलते यहां ओपीडी रजिस्ट्रेशन ¨वडो से एक कर्मी को बिठाया गया था। जिससे यह भी जानकारी नहीं थी कि हड़ताल कितने दिन चलेगी। कंट्रोल रूम में आने वाले फोन पर कर्मी जवाब दे रहा था कि हड़ताल के चलते तीन चार दिन एंबुलेंस मौजूद नहीं रहेगी। कर्मचारी को सिर्फ इतना पता था कि प्रसूति व दुर्घटना के मामले में फोन आने पर ही एंबुलेंस उपलब्ध करानी है। बुधवार को इस हड़ताल में हालात और बिगड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है।

वहीं, हरियाणा एनएचएम कर्मचारी संघ के बैनर तले जुटे कर्मियों ने सुबह ट्रामा सेंटर के साथ एकत्र हो नारेबाजी शुरू कर दी थी। इन कर्मियों का नेतृत्व जिला प्रधान तरणदीप ने नेतृत्व किया। तरणदीप ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के इस कार्यक्रम के तहत करीब दो दशक से सेवाएं दे रहे हैं। कर्मचारियों को पीएफ, ईएसआइ एवं ईल की सुविधा से वंचित रखा गया और बीमारी की अवस्था में बिना वेतन छुट्टी पर रहना पड़ता है। कर्मचारी को दुर्घटना व मुत्यु की अवस्था में कोई क्षतिपूर्ति नहीं दिया जाता। हरियाणा सरकार ने जो सेवा नियम 1 जनवरी 2018 से लागू किए गए उसमें सेवा सुरक्षा प्रदान नहीं की गई जबकि अधिकांश कर्मचारी ओवर एज हो चुके हैं। कर्मचारी लंबे समय से सेवा सुरक्षा की मांग कर रहे हैं ताकि उनके अनुबंध को खत्म कर उन्हें घर न भेजा जा सके।

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