Wakaalat From Home Review: कोरोना काल में 'लॉकडाउन' वाली कॉमेडी, हंसी को करती है 'अनलॉक'

Wakaalat From Home Review सुमित व्यास और निधि सिंह स्टारर वकालत फ्रॉम होम एक नए कॉन्सेप्ट के साथ नए किस्म कॉमेडी है। पढ़िए पूरा रिव्यू...

By Rajat SinghEdited By: Publish:Thu, 10 Sep 2020 09:20 PM (IST) Updated:Fri, 11 Sep 2020 08:11 AM (IST)
Wakaalat From Home Review: कोरोना काल में 'लॉकडाउन' वाली कॉमेडी, हंसी को करती है 'अनलॉक'
Wakaalat From Home Review: कोरोना काल में 'लॉकडाउन' वाली कॉमेडी, हंसी को करती है 'अनलॉक'

नई दिल्ली, (रजत सिंह)। Wakaalat From Home Review: कोरोना काल में सबके चेहरे पर एक शिकन है। चारों ओर एक किस्म दबाव-सा है। इस बीच कुछ कलाकारों घर में शूट करके एक वेब सीरीज़ लेकर आए हैं। अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ इस वेब सीरीज़ का नाम 'वकालत फ्रॉम होम' है। वीडियो कॉल और तलाक पर बनी यह सीरीज़ एक बेहतरीन नमूना है कि कैसे ख़राब परिस्थिति में सिनेमा के जरिए मनोरंजन जारी रखा जा सकता है। यह भी कैसे एक हल्की फुल्की कॉमेडी दिमाग को अनलॉक कर देती है। कुल मिलकार अनुभव पाल की लेखनी और सुमित व्यास, निधि सिंह, गोपास दत्त और कुब्रा सैत की एक्टिंग ने मिलकर एक स्वीट, सिंपल कॉमेडी डोज़ दिया है।

कहानी

वेब सीरीज़ की कहानी चारों लोग के इर्द-गिर्द घूमती रहती है। शुजिन, राधिका, लोबा त्रिपाठी और रजनी टैक्कर। शुजिन लॉकडाउन में अपनी पत्नी राधिका से दूर फंस गया है। राधिका को लगता है कि वह उसे चीट कर रहा है। वहीं, शुजिन को लगता है कि उसकी पत्नी लेस्बियन है। ऐसे में दोनों एक तलाक केस की अर्जी देते हैं। शुजिन बतौर वकील रजनी को चुनता है। वहीं, राधिका के वकील बनते हैं लोबो त्रिपाठी। इन सबके बीच एक फ्लैट है, जिस पर सबकी निगाहें। कोविड -19 की वज़ह केस की सुनवाई ऑनलाइन होती है, जिसे जज को भेजना है। इसके आगे की कहानी बताना स्पॉइलर हो जाएगा।

क्या लगा ख़ास

- सबसे ख़ास है कॉन्सेप्ट। यूट्यूब पर इससे पहले ऐसे वीडियोज़ और सीरीज़ आ चुके हैं, जिसे घर पर शूट किया गया है। लॉकडाउन के दौरान भी काफी कुछ देखने को मिला है। लेकिन अमेज़न प्राइम वीडियो की नई सीरीज़ ने इस कॉन्सेप्ट को बिल्कुल अलग तरीके से परोसा है। आपको कहीं भी नहीं लगता है कि यह घर पर शूटिंग की गई है। इसमें एक्टर्स की भी खू़बी है, जिन्होंने खुद तकनीकी रूप से उतनी अच्छी परफॉर्मेंस दी है।

- वेब सीरीज़ स्टार कास्ट वैसे भी आकर्षित करने वाली है। निधि सिंह (राधिका) और सुमित व्यास (शुजिन) इससे पहले परमानेंट रूममेंट्स में एक साथ नज़र आ चुके हैं। दोनों की एक्टिंग में एक फ्लो देखने को मिलता है। इन सबके बीच सेक्रेड गेम्स की कुकू यानी कुब्रा सैत (रजनी) बिल्कुल ही फ्रेश एक्टिंग के साथ वापस नज़र आई हैं। लेकिन इन सब के बीच सबसे ज्यादा ध्यान खींचा है, लोबो त्रिपाठी के किरदार में गोपाल दत्त ने। वह बिल्कुल ही नेचुरल नज़र आए हैं।

- अनुभव पाल की राइटिंग भी काफी शानदार है। इसलिए भी ख़ास है कि सीरीज़ में राइटिंग के अलावा ज्यादा कुछ करने का मौका नहीं है। बिना हिले-डुले कैमरे के सामने सिचुएशन कॉमेडी पैदा करना काफी मुश्किल काम है। वैसे भी कॉमेडी अपने आप में काफी मुश्किल जॉनर्स है। उनकी राइटिंग से काफी कुछ स्टैंडअप की फीलिंग आती है, जो जोक्स की टाइमिंग और पंच के हिसाब से भी हंसाती है।

- वेब सीरीज़ को छोटा रखा गया है। 10 एपिसोड की सीरीज़ में एक एपिसोड 15 मिनट का है। ऐसे में यह आप पर लोड नहीं डालता है। रोहन का निर्देशन भी सही है। छोटी-छोटी चीजों का इस्तेमाल करने में कामयाब रहे हैं।

कहां रह गई कमी

-लॉकडाउन में नए कॉन्सेप्ट पर काम करना अपने आप में बड़ी बात है। हालांकि, इसके बाद कुछ कमियां आपको नज़र आएंगी। जैसे कि कहीं-कहीं आपको निधि सिंह की एक्टिंग हल्की से ओवर लग सकती है। कुब्रा का फ्लो बीच के कुछ एपिसोड में टूटता है। इसके अलावा एपिसोड छोटे होने के बावजूद बीच में वकील और उसके पति का फ्लॉट देखकर ऐसा लगता है कि इसे खींचने की कोशिश की गई है।

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अंत में

'वकालत फ्रॉम होम' एक अच्छी कॉमेडी वेब सीरीज़ है। जिसके शुरुआती एपिसोड आपको जबरदस्त हंसाने वाले हैं। बीच थोड़ा-सा लॉकडाउन देखने को मिलेगा। लेकिन अंत में आते-आते हंसी एक बार फिर अनलॉक हो जाती है। अनुभव पाल और रोहन सिप्पी का एक बेहतरीन प्रयास है।

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