प्रत्यूषा बनर्जी: मौत के दो साल बाद भी इंसाफ का इंतज़ार, काम्या ने लिखा इमोशनल ख़त

प्रत्यूषा की मौत के बाद से कई तरह के सवाल उठे हैं। ये मामला सेशन कोर्ट में चल रहा है।

By Manoj KhadilkarEdited By: Publish:Sun, 01 Apr 2018 03:38 PM (IST) Updated:Sun, 01 Apr 2018 05:56 PM (IST)
प्रत्यूषा बनर्जी: मौत के दो साल बाद भी इंसाफ का इंतज़ार, काम्या ने लिखा इमोशनल ख़त
प्रत्यूषा बनर्जी: मौत के दो साल बाद भी इंसाफ का इंतज़ार, काम्या ने लिखा इमोशनल ख़त

मुंबई। दो साल पहले आज ही के दिन एक अप्रैल को छोटे परदे के शो बालिका वधु में आनंदी का रोल करने वाली प्रत्यूषा बनर्जी के ख़ुदकुशी की ख़बर आई थी तो लोगों ने पहले सोचा कि ये अप्रैल फूल बनाया जा रहा है। वो मज़ाक नहीं था, लेकिन दो साल बाद प्रत्यूषा को इंसाफ न मिलना उनके दोस्त न्याय व्यवस्था का मज़ाक ही बता रहे हैं।

प्रत्यूषा बनर्जी ने अपने घर में पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी। उनकी बॉडी पर चोट के निशान पाए गए और माथे पर सिंदूर लगा हुआ था। उनके पिता शंकर और माँ सोमा बनर्जी ने प्रत्यूषा के बॉयफ्रेंड राहुल राज सिंह को उनकी बेटी की मौत का जिम्मेदार बताया। वो आज भी मुंबई के गोरेगांव में रह कर केस लड़ रहे हैं। इस बीच प्रत्यूषा की सबसे करीबी दोस्त काम्या पंजाबी ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट लिखी है, जिसमें उन्होंने भावनात्मक रूप से अपने गुस्से और बेबसी का इज़हार किया है। काम्या ने अपनी और प्रत्यूषा के तस्वीर पोस्ट की जिसमें प्रत्यूषा हंस रही हैं।

2yrs n no trail also as yet! Dont laugh,i m not givin up, yes ur parents r miserable but “i hav complete faith in our juridical system” aise hi bolte hai na? To hell wit dat, value ur life kyuki aapki jaan ki yaha koi keemat nahi hai, people 4get n move on N U, You better dont rest in peace😡 Pls dont write abt my friendship wit her pls dont write RIP here agar kuch karna hai toh itna karo dont be blind in love, dont give up on urself, fight back, stop domestic voilence... just stop stop stop!!! Nothing n nobody is worth ur life! Bcoz when u die, there are hell lot people die with you!!! Breathe, stay alive!!! Life is beautiful 🙏

A post shared by Kamya Panjabi (@panjabikamya) on Mar 31, 2018 at 9:14pm PDT

काम्या ने लिखा - " दो साल हो गए। अब तक इंसाफ नहीं मिला। हंसों मत। मैंने हार नहीं मानी। तुम्हारे माँ-बाप दुखीं हैं। मुझे अपनी न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है.... ऐसा ही बोलते हैं ना। सब बकवास है। अपनी ज़िंदगी की कीमत समझो क्योंकि जान की यहाँ कोई कीमत ही नहीं है। लोग भूल जाते हैं और आगे बढ़ जाते हैं। पर तुम शांति से मत रहो। प्लीज़ , उसके साथ मेरी दोस्ती के बारे में कुछ मत लिखो। प्लीज़ कमेंट्स में RIP मत लिखो। अगर कुछ करना है तो इतना करो कि प्यार में अंधे मत बनो। हार मत मानो। परिस्थिति से लड़ो। घरेलू हिंसा रोको। कुछ भी तुम्हारी ज़िन्दगी से बाद कर नहीं हो सकता क्योंकि जब तुम्हारी मौत होती है तो तुमसे जुड़े लोग जीते जी मर जाते हैं। लाइफ़ खूबसूरत है इसलिए जीते रहो।" प्रत्यूषा की मौत के बाद से कई तरह के सवाल उठे हैं। ये मामला सेशन कोर्ट में चल रहा है।

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