मेरी फिल्मों का फैसला डैड का ही रहता है: वरुण धवन
कॉमेडी पसंद आ रही है इसलिए कर रहा हूं। लोगों को हंसाना आसान काम नहीं है। आगे भी हल्की फुल्की और पारिवारिक फिल्में मैं करता रहूंगा। डेविड धवन मेरे पिता है पर उन जैसे दिग्गज निर्देशक साथ काम करना मेरे लिए सम्मान की भी बात है।
स्मिता श्रीवास्तव, जेएनएन। फिल्म 'मैं तेरा हीरो', 'जुड़वा 2' के बाद वरुण धवन एक बार फिर अपने पिता डेविड धवन की बनाई फिल्म 'कुली नंबर 1' के रीमेक में नजर आएंगे। वर्ष 1995 में आई 'कुली नंबर वन' में गोविंदा और करिश्मा कपूर, कादर खान, सदाशिव अमरापुरकर अहम भूमिका में थे। वही वरुण के साथ सारा अली खान, परेश रावल, राजपाल यादव नजर आएंगे। वरुण से हुई बातचीत के प्रमुख अंश :
-साल की शुरुआत फिल्म स्ट्रीट डांसर से हुई थी। अंत आपकी फिल्म कुली नंबर 1 की रिलीज से हो रहा है। यह याद अपनी यादों में कैसे रखेंगे?
मुझे लगता है कि हालातों से सीखते हुए आगे बढ़ना ही जीवन है। हम सब भी वही कोशिश कर रहे हैं। फिल्म इंडस्ट्री ने सावधानियां बरतते हुए अपना काम भी शुरु ही कर दिया है। ज्यादातर कलाकारों ने शूटिंग शुरु कर दी है। हम सब जिंदगी को वापस पटरी पर ही लाने की कोशिश कर रहे हैं। कुली का काम होता है वजन उठाना। हम लोग अगले साल लोगों के मनोरंजन का भार अपने कंधों पर खुशी-खुशी उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
-लॉकडाउन के दौरान कुछ नया आपने सीखा?
मैंने योग शुरु कर दिया था। उस वक्त सबसे ज्यादा जरुरी था कि आप ज्यादा से ज्यादा जरुरतमंद लोगों की मदद कर सकें। हम सबने वही कोशिश की।
-ऐसी खबरें हैं कि आप अपने पिता डेविड धवन की नंबर 1 सीरीज की सभी फिल्मों के रीमेक में काम करना चाहते हैं...
ऐसी कोई बात नहीं है। फिल्मों का फैसला डैड का ही रहता है। 'कुली नंबर 1' उनकी 45वीं फिल्म है। यह ऐसी फिल्म है जिसका स्क्रीन प्ले आप कभी भी बना सकते हैं। यहां पर गड़बड़ियों की वजह से कॉमेडी होती है। मैंने डबल रोल किया है। मगर एक ही इंसान दो तरह की जिंदगी जी रहा है। ऐसा किरदार मैंने पहले कभी निभाया नहीं था। यह बहुत एंटरटेनिंग जॉनर है। अगर आप पीछे देखें तो ऐसी सफल फिल्में बनाई जाती रही है। मुझे इसका स्क्रीन प्ले बहुत पसंद रहा है। जब डैड और निर्माता वासु भगनानी के बीच फिल्म बनाने को लेकर बात हुई थी तभी मैं फिल्म से जुड़ गया था। ऐसी फिल्मों में कलाकारों को अपनी प्रतिभा के कई पहलू दिखाने का मौका मिलता है। उम्मीद है कि दर्शक जब मेरी फिल्म देखेंगे तो लगेगा कि मैंने एंटरटेन तो किया।
-कुली से अमिताभ बच्चन और कुली नंबर वन ही याद आता है...
अमिताभ जी की फिल्म 'कुली' शानदार थी। चीची भैयया (गोविंदा) ने भी लाजवाब काम किया था। अपनी जेनरेशन में तो मैं उस फिल्म को देखकर बड़ा हुआ हूं। मैंने उनका हमेशा से प्रशंसक रहा हूं। इस फिल्म में कादर खान साहब की एक्टिंग भी यादगार थी। बहुत हंसाया था। मैंने इस फिल्म में सामान उठाने की कोशिश की है। मूल फिल्म देख चुके दर्शकों को हमारी फिल्म में काफी अलग-अलग सीन भी दिखेंगे।
-ट्रेलर में एक जगह आप मिथुन चक्रवर्ती की मिमिक्री करते दिख रहे हैं। मिमिक्री करने का कितना शौक रहा है?
मैं बहुत अच्छी मिमिक्री नहीं करता हूं। बचपन में मैं मिथुन सर को डांस इंडिया डांस में बतौर जज देखता था। उसे देखकर थोड़ा सा उनकी आवाज निकालने की कोशिश की थी। उसे ही थोड़ा सा फिल्म में इस्तेमाल करने की कोशिश की है।
-पुरुष कलाकारों को महिला किरदारों में पसंद किया जाता रहा है। फिल्म में आप नर्स की भूमिका में एक सीन में आए हैं...
मैं उस सीन को करने से पहले डरा हुआ था। मैंने उसकी जगह कुछ और करने का आग्रह भी किया था। कहा था कि मुझे लड़की मत बनाओ। उसी दौरान अली असगर (कपिल शर्मा के शो में दादी की भूमिका में नजर आए हैं) उनकी भी शूटिंग पास के सेट पर चल रही थी। वह महिला के गेटअप में ही हमारे सेट पर आए थे। हमने साथ में जुड़वा 2 की थी। मैंने उनसे कहा कि यह मुझे औरत बनने को कह रहे हैं। मैं मना कर रहा हूं। तो उन्होंने कहा कि बेटा कर ले तू, जितना सम्मान मुझे औरत बनकर मिला है मर्द बनकर कभी नहीं मिला। दरअसल, उन्होंने ही मुझे उस गेटअप में आने के लिए आश्वस्त किया।
-आपने बदलापुर, अक्टूबर जैसी फिल्में भी है। पर कॉमेडी आपका कंफर्ट जॉनर बन गया है....
कॉमेडी पसंद आ रही है इसलिए कर रहा हूं। लोगों को हंसाना आसान काम नहीं है। सच बताउं कॉमेडी करने में मुझे भी मजा आता है। आगे भी हल्की फुल्की और पारिवारिक फिल्में मैं करता रहूंगा। डेविड धवन मेरे पिता है पर उन जैसे दिग्गज निर्देशक साथ काम करना मेरे लिए सम्मान की भी बात है। मैं 'कुली नंबर 1' उनके साथ मेरी तीसरी फिल्म है। एक बार कोई चीज हिट हो जाती है तो टीम बन जाती है।