1993 केस में संजय दत्त को सुभाष घई ने अब बताया निर्दोष, कहा- 'उन्हें फंसाया गया था, वे कोई अपराधी नहीं थे'

साल 1993 में हुए मुंबई बम ब्लास्ट से जुड़े एक मामले में संजय दत्त को आतंकवादी गतिविधियां में शामिल होने का आरोप लगा था। जिसके बाद उनपर आपराधिक मामला भी दर्ज हुआ था। उस समय संजय दत्त बॉलीवुड के स्टार कलाकारों में से एक थे।

By Anand KashyapEdited By: Publish:Tue, 18 Jan 2022 04:50 PM (IST) Updated:Tue, 18 Jan 2022 04:59 PM (IST)
1993 केस में संजय दत्त को सुभाष घई ने अब बताया निर्दोष, कहा- 'उन्हें फंसाया गया था, वे कोई अपराधी नहीं थे'
निर्देशक सुभाष घई और अभिनेता संजय दत्त- तस्वीर : Instagram: subhashghai1/i_duttsanjay

नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता संजय दत्त की जिंदगी किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं रही हैं। उनकी निजी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव रहे हैं। जिसको वह अपने इंटरव्यू के जरिए भी बताते रहे हैं। साल 1993 में हुए मुंबई बम ब्लास्ट से जुड़े एक मामले में संजय दत्त को आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।

उस समय संजय दत्त बॉलीवुड के स्टार कलाकारों में से एक थे। उनकी फिल्म खलनायक सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया था। अब खलनायक के निर्देशक सुभाष घई ने साल 1993 में हुई संजय दत्त की गिरफ्तार को लेकर बड़ा बयान दिया है। सुभाष घई ने कहा कि उस मामले में संजय दत्त निर्दोष थे। साथ ही उन्होंने कहा कि वह संजय दत्त के बुरे दौर को फिल्म के प्रोमोशन के लिए भुना सकते थे लेकिन यह उनके सिद्धातों के खिलाफ था। इसलिए सुभाष घई ने फिल्म खलनायक के प्रोमोशन में एक भी रुपया खर्च नहीं किया था।

अंग्रेजी वेबसाइट बॉलीवुड हंगामा से बात करते हुए सुभाष घई ने कहा, 'मैं संजय दत्त को तब से जानता हूं जब वह छोटे थे। मैंने उनकी दूसरी फिल्म विधाता का निर्देशन किया था और फिर 10 साल बाद मैंने उन्हें खलनायक के लिए कास्ट करने का फैसला किया था। मैं उन्हें बहुत करीब से जानता हूं। जब वह गिरफ्तार हुए थे तो मैं जानता हूं कि वह निर्दोष थे और उन्हें फंसाया गया था। वह कोई अपराधी नहीं थे।' इसके बाद सुभाष घई ने बताया कि फिल्म खलनायक के प्रोमोशन के लिए उन्होंने संजय दत्त के विवाद का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया।

निर्देशक ने कहा, 'मैंने खलनायक के प्रोमोशन के लिए एक रुपया भी खर्च नहीं किया था। मैं चुप रहा। चोली के पीछे क्या है पर ऐसा बवाल हुआ, 32 राजनीतिक पार्टियां मेरे खिलाफ थीं, मेरे खिलाफ कोर्ट केस थे। लेकिन मैं चुप रहा। मुझे पता था कि मैंने कौन सी फिल्म बनाई है, मुझे पता था कि संजय दत्त क्या हैं, मुझे पता था कि चोली के पीछे क्या है।' इसके अलावा सुभाष घई ने संजय दत्त को लेकर और भी ढेर सारी बातें कीं।

आपको बता दें कि 1993 केस में संजय दत्त को 2006 में टाडा अदालत ने 9 एमएम पिस्तौल और एके -56 राइफल रखने के आरोप में दोषी ठहराया था, लेकिन उन्हें अधिक गंभीर टाडा आरोपों से बरी कर दिया गया था। उन्होंने साल 2007 में कुछ दिन जेल में बिताए लेकिन तीन हफ्तों से भी कम समय में उन्हें जमानत मिल गई। वहीं इस मामले में उन्होंने साल 2013 से 2016 तक जेल में भी समय बिताया था। 

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