जज साहब...अगर ऐसा है तो संजय दत्त को दोबारा जेल भेज दीजिये

कोर्ट ने कहा कि वह अब दोबारा भूतकाल में नहीं जाना चाहते बस इतना जानना चाहते है कि किन आधार पर संजय दत्त को जेल से जल्दी छोड़ा गया ताकि भविष्य में कोई प्रश्न न उठे।

By Manoj KhadilkarEdited By: Publish:Thu, 27 Jul 2017 08:05 PM (IST) Updated:Thu, 27 Jul 2017 08:05 PM (IST)
जज साहब...अगर ऐसा है तो संजय दत्त को दोबारा जेल भेज दीजिये
जज साहब...अगर ऐसा है तो संजय दत्त को दोबारा जेल भेज दीजिये

रुपेशकुमार गुप्ता, मुंबई। फिल्म अभिनेता संजय दत्त की जेल से रिहाई और बार बार उन्हें पेरोल और फर्लो मिलने में मुंबई उच्च न्यायालय एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार के वकील ने कहा कि कोर्ट को यदि लगता है कि संजय दत्त को गलती से जल्दी छोड़ दिया गया है तो अदालत उन्हें दोबारा जेल भेज सकती है।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा था कि संजय दत्त को आत्मसमर्पण करने के दो महीने के भीतर पेरोल और फर्लो कैसे मिल गए। किसी भी कैदी का किस आधार पर यह तय किया जाता है कि उसका बर्ताव अच्छा है और किन आधारों पर संजय दत्त को जेल से छोड़ा गया। साधारणतया जेल के सुप्रीटेंडेट तो आवेदन को आगे भी नहीं बढ़ाते है और ऐसे आवेदनों को उठाकर फेंक देते है।' महाराष्ट्र सरकार का पक्ष रख रहे वकील आशुतोष कुम्बकोनि ने कहा कि संजय दत्त के साथ कोई विशेष व्यवहार नहीं किया गया है और कोर्ट को अगर लगता है कि राज्य सरकार ने संजय दत्त को जल्दी छोड़कर कोई गलती की है तो वह संजय दत्त को दोबारा जेल भेज सकती है। इसपर कोर्ट ने कहा कि वह अब दोबारा भूतकाल में नहीं जाना चाहते बस इतना जानना चाहते है कि किन आधार पर संजय दत्त को जेल से जल्दी छोड़ा गया ताकि भविष्य में कोई प्रश्न न उठे।

यह भी पढ़ें:बड़ी बड़ी गाड़ियों वाले अमीर लोग ही गंदगी ज़्यादा करते हैं और मानते भी नहीं -अक्षय

कोर्ट ने यह भी माना कि कई मामलों में कैदी के माता-पिता के देहांत के मामले में भी पेरोल नहीं दी जाती जबकि संजय के मामले में उनकी पत्नी के बीमार होने पर भी पेरोल दी गई थी। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दो सप्ताह में विस्तृत जानकारी देने को कहा है।

chat bot
आपका साथी