बर्थडे स्‍पेशल: राजकपूर का स्पॉटब्वॉय से 'शोमैन' तक का सफर

हिंदी फिल्‍म जगत के 'शोमैन' कहे जाने वाले दिवंगत प्रोड्यूसर-एक्टर-डायरेक्टर राज कपूर की आज 91वीं जयंती है। उनका जन्म 14 दिसंबर 1924 को पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था।

By Tilak RajEdited By: Publish:Mon, 14 Dec 2015 08:53 AM (IST) Updated:Mon, 14 Dec 2015 09:08 AM (IST)
बर्थडे स्‍पेशल: राजकपूर का स्पॉटब्वॉय से 'शोमैन' तक का सफर

मुंबई। हिंदी फिल्म जगत के 'शोमैन' कहे जाने वाले दिवंगत प्रोड्यूसर-एक्टर-डायरेक्टर राज कपूर की आज 91वीं जयंती है। उनका जन्म 14 दिसंबर 1924 को पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था।

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राज कपूर ने पृथ्वी राज कपूर जैसे दिग्गज के घर जन्म लिया था, लेकिन इसके बावजूद उन्हें अपना अगल मुकाम बनाने के लिए बड़ी मेहनत करनी पड़ी। बहुत कम लोगों को पता होगा कि राज कपूर के फिल्मी करियर की शुरुआत एक थप्पड़ के साथ हुई थी। राज कपूर जब अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के साथ मुंबई आकर बसे तो उनके पिता ने उन्हें मंत्र दिया था कि 'राजू नीचे से शुरुआत करोगे तो ऊपर तक जाओगे'।

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पिता की बात को गांठ बांधकर राजकूपर ने 17 साल की उम्र में रंजीत मूवीकॉम और बॉम्बे टॉकीज फिल्म प्रोडक्शन कंपनी में स्पॉटब्वॉय का काम शुरू किया। उस वक्त के नामचीन निर्देशकों में शुमार केदार शर्मा की एक फिल्म में क्लैपर ब्वॉय के तौर पर काम करते हुए राज कपूर ने एक बार इतनी जोर से क्लैप किया कि नायक की नकली दाड़ी क्लैप में फंसकर बाहर आ गई। इस पर केदार शर्मा ने गुस्से में आकर राज कपूर को जोरदार थप्पड़ जड़ दिया था।

लेकिन इसके बाद केदार शर्मा ने ही राज कपूर को अपनी फिल्म 'नीलकमल' में लीड रोल में कास्ट किया था। उनकी फिल्मों में 'मेरा नाम जोकर', 'श्री 420', 'आवारा', 'बेवफा', 'आशियाना', 'अंबर', 'अनहोनी', 'पापी', 'आह', 'धुन', 'बूट पॉलिश' प्रमुख हैं।

राज कपूर को एक अवार्ड समारोह में दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद वह एक महीने तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूलते रहे। आखिरकार 2 जून 1988 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

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राज कपूर को फिल्म जगत में उनके अपूर्व योगदान के लिए 1971 में पद्मभूषण से सम्मनित किया था। साल 1987 में उन्हें सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान 'दादा साहब फाल्के पुरस्कार' से भी नवाजा गया था।

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