Lok Sabha Elections 2019: वसुंधरा के पुत्र दुष्यंत चौथी बार झालावाड़ बारां लोकसभा क्षेत्र से मैदान में

vasundhara raje. राजस्थान की झालावाड़ बारां लोकसभा क्षेत्र से भाजपा ने वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह को मैदान में उतारा है।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Wed, 03 Apr 2019 07:33 PM (IST) Updated:Wed, 03 Apr 2019 07:33 PM (IST)
Lok Sabha Elections 2019: वसुंधरा के पुत्र दुष्यंत चौथी बार झालावाड़ बारां लोकसभा क्षेत्र से मैदान में
Lok Sabha Elections 2019: वसुंधरा के पुत्र दुष्यंत चौथी बार झालावाड़ बारां लोकसभा क्षेत्र से मैदान में

जागरण संवाददाता, जयपुर। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक लामबंदी तेज हो गई है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव में मिली जीत से उत्साहित कांग्रेस मिशन-25 की रणनीति पर काम कर रही है। वहीं, पिछले लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी सीटें जीतने वाली भाजपा के सामने अपना प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है। राजस्थान की हाईप्रोफाइल क्षेत्रों में से एक झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र है। यहां पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे का राजनीतिक कार्यक्षेत्र है। भाजपा ने एक बार फिर उनके पुत्र दुष्यंत सिंह को मैदान में उतारा है।

कांग्रेस ने भाजपा युवा मोर्चा के पुराने कार्यकर्ता प्रमोद शर्मा को टिकट दिया है। प्रमोद शर्मा विधानसभा चुनाव में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए और अब लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। पुराने और जनाधार वाले नेताओं को दरकिनार कर भाजपा से तीन माह पहले पार्टी में शामिल होने वाले प्रमोद शर्मा को टिकट दिए जाने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। कांग्रेसी खुलकर कहते है कि हमारे नेतृत्व ने यह सीट भाजपा को आसानी से जीतने के लिए दे दी। कांग्रेस कार्यकर्ता प्रमोद शर्मा का सहयोग करने को फिलहाल नजर नहीं आ रहे हैं।

राजनीतिक पृष्ठभूमि और सामाजिक तानाबाना 

आजादी के बाद यह सीट सिर्फ झालावाड़ थी, लेकिन 2008 के परिसीमन में झालावाड़ जिले की चार और बारां जिले की चार विधानसभा सीटों को मिलाकर झालावाड़ा-बारां संसदीय क्षेत्र का गठन किया गया। यहां अब तक हुए कुल 16 लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा भाजपा ने आठ बार जीत दर्ज की है। कांग्रेस ने चार बार, भारतीय जनसंघ ने दो बार, भारतीय लोकदल ने एक बार और जनता पार्टी ने एक बार इस सीट पर कब्जा जमाया।

वसुंधरा राजे इस सीट से लगातार पांच बार सांसद बनीं। वहीं, उनके पुत्र दुष्यंत सिंह तीन बार सांसद बने और अब चौथा चुनाव लड़ने के लिए मैदान में हैं। इस क्षेत्र में कुल आबादी का 17.65 फीसद एससी और 17.43 फीसद एसटी है। गुर्जर और जैन समाज का यहां काफी प्रभाव माना जाता है।

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