UP Lok Sabha Election Result 2019 : सपा-बसपा के साथ मजबूत गठबंधन में भी रालोद खाली हाथ

UP Lok Sabha Election Result 2019 17वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल को अपना वोट प्रतिशत बढ़ाने में कामयाबी जरूर मिली परंतु लोकसभा में खाता न खुल सका।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sat, 25 May 2019 02:40 PM (IST) Updated:Sat, 25 May 2019 02:40 PM (IST)
UP Lok Sabha Election Result 2019 : सपा-बसपा के साथ मजबूत गठबंधन में भी रालोद खाली हाथ
UP Lok Sabha Election Result 2019 : सपा-बसपा के साथ मजबूत गठबंधन में भी रालोद खाली हाथ

लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन का साथ लेने के बाद उम्मीद थी कि राष्ट्रीय लोकदल को उत्तर प्रदेश में कम से कम दो सीटी को मिलेगी। इसके बावजूद राष्ट्रीय लोकदल भारतीय जनता पार्टी की घेराबंदी तोडऩे में नाकाम रहा।

17वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल को अपना वोट प्रतिशत बढ़ाने में कामयाबी जरूर मिली परंतु लोकसभा में खाता न खुल सका। रालोद मुखिया अजित सिंह और उनके पुत्र जयंत चौधरी के सांसद निर्वाचित होने की मंशा पूरी न हो सकीं। रालोद के खाते में आई तीसरी सीट मथुरा मेें भी भगवा फहराया। चौधरी परिवार को लगातार दूसरे लोकसभा चुनाव में भी खाली हाथ रहना पड़ा।

जाटों के लिए बेहद सुरक्षित मानी जाने वाली मुजफ्फरनगर से अजित सिंह पहली बार उतरे। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजित सिंह को भाजपा के संजीव बालियान के हाथों 6,526 वोट से पराजित होना पड़ा। अजित सिंह को सपा तथा बसपा के अलावा कांग्रेस का भी समर्थन मिल रहा था। पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान की इस छोटी जीत से पश्चिमी उप्र की राजनीति में बड़ा संदेश गया है। दंगों के कारण चर्चा में आई मुजफ्फनगर सीट पर भाजपा की जीत को धुव्रीकरण का नतीजा माना जा रहा है। संजीव की इस जीत से मुजफ्फनगर में चौधरी परिवार की घुसपैठ नहीं होने की धारणा को भी बल मिला है।

वहीं मथुरा से गत लोकसभा चुनाव में भाजपा के हाथों पराजित हुए अजित के पुत्र जयंत चौधरी को अपने पुश्तैनी क्षेत्र बागपत से लडऩा भी रास नहीं आया। इस बार केंद्रीय मंत्री डा. सत्यपाल सिंह से मामूली अंतर से पराजित हुए जयंत चौधरी को भी सपा व बसपा के साथ कांग्रेस का भी समर्थन था। उल्लेखनीय है सत्यपाल गत चुनाव में अजित को दो लाख से अधिक वोट के अंतर से हरा चुके है इस बार सत्यपाल मात्र छह हजार वोट से ही जीत सके।

रालोद के खाते में तीसरी सीट मथुरा मेंं भाजपा का कब्जा बरकरार रहा। गत चुनाव में हेमा मालिनी ने जयंत चौधरी को हराया। इस बार रालोद के नरेंद्र सिंह को तीन लाख से बड़ी हार झेलनी पड़ी। रालोद को अपना वोटबैंक गत चुनाव में मिले 0.86 प्रतिशत से बढ़ाकर 1.68 करने में कामयाबी मिली। 

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