Lok Sabha Election 2019: हुजूर, हम भी मतदाता हैं... मतदान केंद्र की व्यवस्था कर दीजिए

वर्ष 2009 के बाद से केंद्र सरकार की ओर से झरिया पुनर्वास की नीति बनाकर अग्नि व भू - धंसान प्रभावित क्षेत्र के लोगों को बेलगढिय़ा झरिया विहार कॉलोनी में पुनर्वासित किया गया।

By mritunjayEdited By: Publish:Sat, 04 May 2019 02:20 PM (IST) Updated:Sat, 04 May 2019 02:20 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019: हुजूर, हम भी मतदाता हैं... मतदान केंद्र की व्यवस्था कर दीजिए
Lok Sabha Election 2019: हुजूर, हम भी मतदाता हैं... मतदान केंद्र की व्यवस्था कर दीजिए

झरिया, गोविंद नाथ शर्मा। मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए SWEEP के तहत धनबाद जिले में युद्धस्तर पर मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। मतदाताओं का ध्यान खींचने के लिए हर रोज नए-नए आइडिया को लेकर अधिकारी जनता के बीच दस्तक दे रहे हैं। लेकिन, झरिया विहार, बेलगड़िया की तरफ किसी का ध्यान नहीं है। दस साल मे झरिया विहार में एक मतदान केंद्र स्थापित करनेे की किसी भी अधिकारी ने सुध नहीं ली। जबकि यहां 2500 से ज्यादा परिवार झरिया विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से पुनर्वासित किए गए हैं। बेलगड़िया, बलियापुर विधानसभा के तहत आता है।

वर्ष 2009  के बाद से केंद्र सरकार की ओर से झरिया पुनर्वास की नीति बनाकर अग्नि व भू - धंसान प्रभावित क्षेत्र के लोगों को बेलगढिय़ा झरिया विहार कॉलोनी में पुनर्वासित किया गया। इससे झरिया विधानसभा के 20 हजार से अधिक लोगों का वोट अधर में लटक में गया है। यह विडंबना ही है कि झरिया के विभिन्न अग्नि व भू धंसान प्रभावित क्षेत्रों से पुनर्वासित लगभग ढाई हजार परिवारों का मतदान केंद्र अभी भी झरिया में हैं। जबकि लोग बेलगढिय़ा में रह रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में इन लोगों के लिए मतदान करना काफी मुश्किल हो गया है। पिछले चुनाव में कुछ लोगों ने झरिया आकर मतदान किया। इस चुनाव में भी यही स्थिति बनी हुई है। हालांकि झरिया से बेलगढिय़ा पुनर्वासित लोगों ने कई बार बूथ के बीएलओ से नाम स्थानांतरण की गुहार लगाई। लेकिन यह हो नहीं सका।

2500 परिवारों को जेआरडीए ने बेलगढिय़ा में बसाया : केंद्र सरकार ने झरिया के अग्नि व भू धंसान प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित जगह पर पुनर्वास के लिए वर्ष 2005 में झरिया पुनर्वास नीति बनाई। वर्ष 2005 में धनबाद में जेआरडीए का कार्यालय खुला। वर्ष 2008 से कार्यालय में काम शुरू हुआ। वर्ष 2004 के पूर्व से झरिया में रहनेवालों के पहचान पत्र के आधार पर उनका सर्वे किया गया। अब तक झरिया के अग्नि व भू-धंसान प्रभावित क्षेत्र के लगभग 2500 परिवारों यानि की 20 हजार से अधिक लोगों को यहां बसाया गया है। लगभग साढ़े छह हजार आवास यहां बनाए गए हैं।

घनुडीह से पुनर्वासित हुए 450 परिवार : झरिया के अग्नि व भू-धंसान प्रभावित क्षेत्र घनुडीह व इसके आसपास क्षेत्रों से अबतक लगभग 450 परिवारों को बेलगढिय़ा में बसाया गया है। गांधी चबूतरा, छह नंबर, आठ नंबर, 12 नंबर, कुम्हारपट्टी, मल्लाह पट्टी, मोहरीबांध, लालटेन गंज, बाफर, खटाल पट्टी के हजारों लोगों का पुनर्वास किया गया। यहां से पुनर्वासित उपेंद्र ङ्क्षसह, संतोष कुमार, चक्रधारी पंडित का कहना है कि यहां से बेलगढिय़ा गए लोगों का बूथ अभी भी यहीं है। चुनाव के समय वोट देने लगभग 15 किलोमीटर दूर बेलगढिय़ा से झरिया आने में काफी परेशानी होती है। गाड़ी की कोई व्यवस्था नहीं है। चुनाव के दिन मतदान के बारे में सोचा जाएगा।

बोका पहाड़ी से पुनर्वास हुए 400 परिवार : बोका पहाड़ी व इसके आसपास क्षेत्रों से भी अब तक लगभग 400 परिवारों का पुनर्वास हुआ है। यहां के भी सैकड़ों लोग चुनाव के समय मतदान देने में काफी परेशान होते हैं। यहां से पुनर्वासित गुलाम समदानी का कहना है कि यहां के सैकड़ों लोगों के नाम बीएलओ की मनमानी व लापरवाही के कारण नई मतदाता सूची में नहीं चढ़ पाई है। काफी प्रयास के बाद भी हमारे परिवार व रिश्तेदारों के नाम को नई मतदाता सूची में नहीं चढ़ाया गया। बेलगढिय़ा से झरिया मतदान केंद्र में वोट देने जाने में बहुत परेशानी होती है। कारण चुनाव के दिन वाहन भी नहीं चलता है।

आवास बेलगढिय़ा में मतदान केंद्र झरिया में : इंदिरा चौक अग्नि व भू-धंसान प्रभावित क्षेत्र से पुनर्वासित साहेब खान व असलम खान का कहना है कि दो वर्ष पूर्व इंदिरा चौक के पास परिवार को बबलू खान व रहीम खान के गोफ में समा जाने के बाद जेआरडीए की ओर से बेलगढिय़ा में आवास दिया गया। वहां कोई मौलिक सुविधा नहीं है। हमलोगों के परिवार का अभी तक झरिया के वोटर लिस्ट में ही नाम है। कई बार नई मतदाता सूची में नाम स्थानांतरण का प्रयास भी किया। अधिकारियों व कर्मियों की लापरवाही से सफल नहीं हो सका।

झरिया के इन क्षेत्रों से लोग हुए पुनर्वासित : झरिया से लोगों के पुनर्वासित होने व रिटायर के कारण झरिया विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में कमी आई। कई लोगों का नाम भी मतदाता सूची में नहीं है। झरिया के बस्ताकोला व लोदना क्षेत्र से ही अब तक लगभग एक हजार से अधिक परिवारों का पुनर्वास किया जा चुका है। इनमे घनुडीह, मोहरीबांध, नदी पार कुजामा, नार्थ तिसरा, साउथ तिसरा, डीबी रोड, दोबारी, बोका पहाड़ी, बागडीगी, लोदना, फुलारीबाग, इंदिरा चौक, बोका पहाड़ी, बेरा, दोबारी, बर्फकल, कुकुरतोपा, हुचुकटांड़, बस्ताकोला, राजापुर आदि क्षेत्र शामिल हैं। जिस प्रकार झरिया से लोगों का पुनर्वास किया जा रहा है। ऐसा लगता है कि अगले दशक तक झरिया विधानसभा क्षेत्र का कहीं अस्तित्व ही कहीं लुप्त न हो जाए।

झरिया के अग्नि व भू धंसान प्रभावित क्षेत्र के लगभग 2800 परिवार को बेलगढिय़ा में बसाया गया है। नया सर्वे के अनुसार यहां के लगभग एक लाख लोगों को बेलगढिय़ा सुरक्षित स्थान में में बसाना है। इसके लिए जेआरडीए के कर्मी बीसीसीएल व जिला प्रशासन के सहयोग से क्षेत्र में सर्वे कर रहा है। यहां अभी तक छह हजार 352 आवास बनकर तैयार हैं। झरिया से बेलगढिय़ा में बसाए गए लोगों के मतदान केंद्र अभी भी झरिया में हैं। इसकी जानकारी नहीं है। संबंधित विभाग को इस दिशा में पहल करनी चाहिए

- अजफर हसनैन, प्रभारी जेआरडीए धनबाद

झरिया से बेलगढिय़ा विस्थापित हुए लोग अभी भी वोट देने झरिया आते हैं। इसकी जानकारी हमें नहीं थी। लोगों को भी मामले में सजग होकर नई मतदाता सूची में नाम स्थानांतरण कराना चाहिए था। इस चुनाव में तो अब समय नहीं है। आगामी विधानसभा चुनाव में ऐसे लोगों को नई मतदाता सूची में नाम जोडऩे की पहल करेंगे।

- राजेश कुमार, झरिया सीओ सह सहायक निर्वाचक पदाधिकारी

यह सच है कि झरिया से कई बूथ के लोग माइग्रेट हुए हैं। चुनाव के मतदान में भी इसका असर पड़ा है। यहां का मतदान प्रतिशत चुनाव दर चुनाव कम होता जा रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान प्रशासन व निगम की ओर से झरिया से पुनर्वासित लोगों को बूथ तक लाने में पहल की जानी चाहिए। पार्टी की ओर से भी ऐसा किया जाएगा।

- विष्णु त्रिपाठी, जिला उपाध्यक्ष भाजपा सह झरिया विधानसभा संयोजक

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