मनमोहन सिंह बोले, मोदी सरकार को बाहर करने का लोगों ने बना लिया है मन

Manmohan Singh INTERVIEW पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक साक्षत्‍कार में कहा है कि लोगों के अंदर मोदी सरकार के खिलाफ खामोश लहर चल रही है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sun, 05 May 2019 10:21 PM (IST) Updated:Sun, 05 May 2019 10:45 PM (IST)
मनमोहन सिंह बोले, मोदी सरकार को बाहर करने का लोगों ने बना लिया है मन
मनमोहन सिंह बोले, मोदी सरकार को बाहर करने का लोगों ने बना लिया है मन

नई दिल्ली, प्रेट्र। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए, क्योंकि पांच साल का उनका कार्यकाल देश के युवाओं, किसानों, व्यापारियों और लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए 'सर्वाधिक त्रासदीपूर्ण और विनाशकारी' रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि नोटबंदी शायद स्वतंत्र भारत का 'सबसे बड़ा घोटाला' था।

पिछले पांच साल में भ्रष्टाचार बढ़ा 
सिंह ने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि लोगों के अंदर मोदी सरकार के खिलाफ खामोश लहर चल रही है। लोगों ने ऐसी सरकार को बाहर करने का मन बना लिया है, जो 'समावेशी विकास में यकीन नहीं करती है और नफरत के सहारे अपना राजनीतिक हित साधने में लगी रहती है। सिंह ने आरोप लगाया कि पिछले पांच साल में भ्रष्टाचार 'अकल्पनीय अनुपात' तक पहुंचा गया है।

विदेश नीति के मुद्दे पर घेरा
पूर्व प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी की पाकिस्तान नीति की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि बिना बुलाये पाकिस्तान जाने से लेकर आतंकवादी हमले की जांच के सिलसिले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ को पठानकोट वायु स्टेशन बुलाने तक मोदी सरकार का पाकिस्तानी नीति की असफलता के उदाहरण हैं। विदेश नीति के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखा है, न कि 'किसी व्यक्ति की छवि के निर्माण' को।

आर्थिक नीति पर निशाना
भारत में आर्थिक सुधारों के प्रणेता माने जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आर्थिक मंदी की ओर अग्रसर है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार को आर्थिक समझ नहीं है और उसने अर्थव्यवस्था को बेहद 'खराब हालत' में ला दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर जरूरत से ज्यादा नियम थोप दिए गए हैं और सरकार अर्थव्यवस्था की 'नियंत्रक बन गयी है।' पूर्व प्रधानमंत्री ने आर्थिक नीतियों में अदालत के बढ़ते दखल पर भी निराशा जताई और कहा कि कांग्रेस होती तो अर्थव्यवस्था को अलग तरीके से संभालती।

मोदी की प्रतिबद्धता पर उठाए सवाल
पूर्व प्रधानमंत्री ने राष्ट्रवाद और आतंकवाद के मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह 'दुख' की बात है कि पुलवामा हमले के बाद सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता करने की बजाय प्रधानमंत्री मोदी जिम कॉर्बेट पार्क में 'फिल्मों की शूटिंग' कर रहे थे। पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे।

पांच साल में आतंकी घटनाएं बढ़ीं
मनमोहन सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर मोदी सरकार का रिकॉर्ड 'निराशाजनक' है क्योंकि आतंकवाद की घटनाओं में वृद्धि हुई है। मोदी के राष्ट्रवाद के विमर्श पर उन्होंने कहा, 'सौ बार बोला गया कोई झूठ सच नहीं हो जाता है।' उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षो में अकेले जम्मू-कश्मीर में ही आतंकवाद की घटनाओं में 176 फीसद और पाकिस्तान से युद्धविराम उल्लंघन की घटनाओं में 1000 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है।

घोटालेबाजों-राजनेताओं में साठगांठ
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया, 'बैंकों से धोखाधड़ी करके देश से भागने वाले घोटालेबाजों और उच्च राजनीतिक पदों पर बैठे लोगों के बीच निश्चित तौर पर साठगांठ है।' सिंह ने कहा कि वर्ष 2014 में मोदी जी 'अच्छे दिन' के वादे के साथ सत्ता में आए थे। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि एक व्यक्ति भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में 'एक व्यक्ति' की विचार प्रक्रिया और इच्छा को लागू करके लोगों की आकांक्षाओं और आशाओं के साथ कोई न्याय नहीं करेगा। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव प्रणाली को भी भारत के लिए प्रासंगिक नहीं बताया।

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