Loksabha Election 2019 : लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश को बड़ा झटका, महागठबंधन से अलग हुई निषाद पार्टी

कुछ दिन पहले सपा में शामिल हुई निषाद पार्टी ने अखिलेश यादव को बड़ा झटका दिया है। पार्टी के अध्यक्ष डॉ संजय निषाद ने शुक्रवार को घोषणा की है कि वह गठबंधन के साथ नहीं है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 29 Mar 2019 07:31 PM (IST) Updated:Sat, 30 Mar 2019 10:23 AM (IST)
Loksabha Election 2019 :  लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश को बड़ा झटका, महागठबंधन से अलग हुई निषाद पार्टी
Loksabha Election 2019 : लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश को बड़ा झटका, महागठबंधन से अलग हुई निषाद पार्टी

लखनऊ, जेएनएन। सपा-बसपा-रालोद गठबंधन में मंगलवार को निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के जुड़ने का एलान हुआ लेकिन, शुक्रवार तक इस रिश्ते में दरार पड़ गई। निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद गठबंधन से छिटक गए और नई संभावनाओं की तलाश में भाजपा मुख्यालय पहुंच गए।

संजय निषाद ने लोकसभा चुनाव प्रभारी जेपी नड्डा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल से मुलाकात की। बाद में संजय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी भेंट की। उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ भी थे। संजय निषाद के पुत्र प्रवीण निषाद गोरखपुर से सपा के सांसद हैं।संकेत मिल रहे हैं कि अब निषाद भाजपा से तालमेल करेंगे। उन्हें गोरखपुर, घोसी, भदोही या जौनपुर लोकसभा सीट में से एक-दो मिल सकती है।

मंगलवार को सपा-बसपा गठबंधन को मजबूत करने का दम भरने वाले डॉ. संजय निषाद ने शुक्रवार को कहा 'महागठबंधन में हम गए लेकिन हमें लगा कि धोखा हो गया। अखिलेश यादव ने हमें सम्मान नहीं दिया। हमारा बैनर-पोस्टर में कहीं नाम नहीं दिया गया। पहले ही दिन से हमें लगा कि सामान्य स्थिति नहीं है और कहीं न कहीं हमें मिटाने की साजिश हो रही है।

उन्होने कहा कि हम अकेले चुनाव लड़ेंगे। हम दूसरी संभावना भी देख रहे हैं। संजय निषाद ने बसपा प्रमुख पर भी गंभीर आरोप लगाए। उनके तेवर तीखे थे। भाजपा मुख्यालय पहुंचे संजय निषाद ने प्रमुख नेताओं से मुलाकात कर नई संभावनाओं की नींव रख दी।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे के बाद गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र के उप चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संजय निषाद के पुत्र प्रवीण निषाद को सपा का उम्मीदवार बनाया। प्रवीण निषाद ने गोरखपुर में भाजपा उम्मीदवार को हरा दिया।

गठबंधन में निषाद के शामिल होने के बाद सीटों को लेकर पेंच फंस गया। सपा गोरखपुर सीट पर प्रवीण को सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ाने को तैयार थी लेकिन, संजय निषाद महराजगंज सीट भी अपने सिंबल पर लडऩे की मांग कर रहे थे। बात नहीं बनी और वह खफा हो गए।

सूत्रों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ की सहमति बन गई तो भाजपा प्रवीण निषाद को ही गोरखपुर से उम्मीदवार बना सकती है। इसके अलावा घोसी संसदीय सीट पर भी विकल्प खुला है। शाम को भाजपा मुख्यालय में कोर ग्रुप की बैठक में भी संजय निषाद पर चर्चा हुई लेकिन, भाजपा ने इस पर अपना पत्ता नहीं खोला है।

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