Lok Sabha Election 2024: पंजाब की इस सीट की क्यों हो रही चर्चा, क्या भाजपा खेलेगी ये दांव? जानें यहां का सियासी समीकरण

Lok Sabha Election 2024 पंजाब की संगरूर लोकसभा सीट की चर्चा खूब है। दरअसल यह पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का गृह जिला है। यहां से भगवंत मान दो बार सांसद रह चुके हैं। मगर यहां उपचुनाव में शिअद (अ) के सिमरनजीत सिंह मान ने चुनाव जीत सभी को चौंका दिया था। आइए जानते हैं कि संगरूर लोकसभा सीट का सियासी समीकरण।

By Jagran NewsEdited By: Ajay Kumar Publish:Tue, 16 Apr 2024 10:52 PM (IST) Updated:Tue, 16 Apr 2024 10:52 PM (IST)
Lok Sabha Election 2024: पंजाब की इस सीट की क्यों हो रही चर्चा, क्या भाजपा खेलेगी ये दांव? जानें यहां का सियासी समीकरण
लोकसभा चुनाव 2024: संगरूर लोकसभा सीट पर भाजपा क्या खेलेगी ये दांव?

सचिन धनजस, संगरूर l वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव के बाद से हिंदू सीट माने जाने वाली संगरूर लोकसभा सीट पर हिंदू उम्मीदवार को उतारकर भाजपा मास्टर स्ट्रोक खेल सकती है। संगरूर लोकसभा क्षेत्र में लगभग 35 प्रतिशत संख्या हिंदू मतदाताओं की मानी जाती है। इस सीट पर पांच बड़े शहर और कई कस्बे भी आते हैं। शहरी मतदाताओं को भाजपा अपना वोट बैंक मानती है।

किस दल से कौन मैदान में

शिअद, आप और कांग्रेस ने यहां अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं और सभी सिख हैं। ऐसे में भाजपा हिंदू उम्मीदवार को उतार सकती है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के उम्मीदवार सुखपाल सिंह खैहरा, आप के गुरमीत सिंह मीत हेयर, शिअद के इकबाल सिंह झूंदा और शिअद (अ) के सिमरनजीत सिंह मान चुनाव मैदान में हैं।

यह भी पढ़ें: अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ उतरा भाजपा विधायक, लोग बोले- कार्यकर्ता तो हैं नहीं पोस्टर कौन लगा जाता है?

ढींडसा को हरा चुके विजय इंदर सिंगला

वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने हिंदू उम्मीदवार अरविंद खन्ना को चुनाव मैदान में उतारा था। हालांकि, वह जीत नहीं पाए थे लेकिन हिंदू वोट बैंक को इकट्ठा करने में कामयाब जरूर हो गए थे। इसका फायदा कांग्रेस को 2009 के लोकसभा चुनाव में मिला। कांग्रेस ने संगरूर से हिंदू चेहरे विजय इंदर सिंगला को चुनाव मैदान में उतारा था। सिंगला ने अपने प्रतिद्वंद्वी सुखदेव सिंह ढींडसा को करारी शिकस्त दी थी।

संगरूर से दो बार भगवंत मान बने सांसद 

हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव में आप की आंधी में भगवंत मान से सिंगला मात खा गए थे। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में संगरूर से सिंगला जीते थे। तब सुनाम से आप के अमन अरोड़ा ने जीत प्राप्त की थी। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सिख चेहरे केवल सिंह ढिल्लों और शिअद ने परमिंदर सिंह ढींडसा पर दांव खेला था। इस बार भी जनता ने फिर आप के भगवंत मान को ही चुना।

तीन बार जीते हिंदू चेहरे 

शिअद से गठबंधन टूटने के बाद वर्ष 2022 के लोकसभा उपचुनाव में भाजपा ने यहां से सिख चेहरे केवल सिंह ढिल्लों को टिकट दिया लेकिन वे हार गए थे। संगरूर विधानसभा सीट के चुनाव इतिहास की बात की जाए तो यहां 2002 से लेकर अब तक तीन बार हिंदू उम्मीदवार विजयी हुए हैं।

वर्ष 2002 में कांग्रेस के अरविंद खन्ना, वर्ष 2012 में शिअद के प्रकाश चंद गर्ग और 2017 में कांग्रेस के विजय इंदर सिंगला जीते थे। सुनाम से भी अमन अरोड़ा दो बार और उनके पिता दिवंगत भगवान दास अरोड़ा विधायक रह चुके हैं।

भाजपा को ढींडसा गुट का मिल सकता है साथ

शिअद से परमिंदर ढींडसा को टिकट न मिलने के बाद ढींडसा गुट पर सभी की निगाहें हैं। वर्तमान हालात को देखते हुए भी ढींडसा के कहने के बावजूद उनके समर्थक शिअद को वोट नहीं डालेंगे। ऐसे में ढींडसा समर्थकों के लिए दूसरा विकल्प आप है, लेकिन अपने वोट बैंक को आप में जाने को ढींडसा समर्थक भविष्य में नुकसान होने के संकेत के रूप में देखते हैं। भाजपा को ढींडसा समर्थकों का साथ मिल सकता है। 2022 विधानसभा चुनाव ढींडसा गुट ने भाजपा के साथ लड़ा था।

यह भी पढ़ें: पंजाब में सात सीटों के लिए कांग्रेस फिर से करेगी माथापच्ची; पूर्व सीएम समेत इन नेताओं को मिल सकता है टिकट

chat bot
आपका साथी