कम्युनिस्ट नेता रेड्डी बोले- खतरे में नहीं है हमारा अस्तित्व, जमीनी स्तर पर सुधार की जरूरत

2004 के लोकसभा चुनाव में सीपीआई-एम सीपीआई और छोटे कम्युनिस्ट पार्टियों वाले वामपंथियों ने 61 लोकसभा सीटें जीतीं

By NiteshEdited By: Publish:Tue, 16 Apr 2019 06:52 PM (IST) Updated:Tue, 16 Apr 2019 06:52 PM (IST)
कम्युनिस्ट नेता रेड्डी बोले- खतरे में नहीं है हमारा अस्तित्व, जमीनी स्तर पर सुधार की जरूरत
कम्युनिस्ट नेता रेड्डी बोले- खतरे में नहीं है हमारा अस्तित्व, जमीनी स्तर पर सुधार की जरूरत

हैदराबाद (पीटीआइ)। वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता सुरवरम सुधाकर रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि वामपंथियों को 'अस्तित्ववादी खतरा' नहीं है, लेकिन उनका मानना है कि उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका निभाने के लिए लोकसभा में अपनी स्थिति में सुधार करना होगा।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव ने कहा कि 'वामपंथ पार्टी दो तरह से मुश्किल में है, एक तो भाजपा का सत्ता में आना और दूसरी ओर 2014 के चुनावों में कम्युनिस्ट पार्टी का बुरा हश्र होना।'

2004 के लोकसभा चुनाव में सीपीआई-एम सीपीआई और छोटे कम्युनिस्ट पार्टियों वाले वामपंथियों ने 61 लोकसभा सीटें जीतीं, जो पिछले आम चुनावों में घटकर मात्र 12 रह गई।

रेड्डी ने कहा कि इसलिए इस लोकसभा चुनाव में हमें अपनी स्थिति में सुधार करना जरूरी है, रेड्डी का मानना ​​है कि वामपंथी अस्तित्व खतरे में नहीं है।

उन्होंने कहा, 'चुनावों में उतार-चढ़ाव आते रहेंगे, लेकिन हमारे जन संगठन, और लोगों का समर्थन कम नहीं हुआ है। हमारा वोट फीसद कम हुआ है लेकिन यह उतना नहीं है।'

सीपीआई नेता ने दावा किया कि देश की चुनाव प्रणाली स्वयं दोषपूर्ण है क्योंकि यह आनुपातिक प्रतिनिधित्व पर आधारित नहीं है। उन्होंने कहा कि वाम दलों को अपनी ताकत के अनुसार सीटें नहीं मिलतीं।

उन्होंने कहा कि हमारे आस्तित्व को लेकर कोई खतरा नहीं है, हम इसे खारिज करते हैं। हम नहीं मनाते कि यह चुनाव हमारे लिए करो या मरो की लड़ाई है। यह जरूर हमारे लिए महत्वपूर्ण है मैं इसे मानता हूं, हमें अपनी स्थिति में और सुधार की जरूरत है।  

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