Loksabha Election 2019: सातवें चरण में पीएम मोदी समेत इन वीआइपी सीटों पर डालें एक नजर

19 मई को लोकसभा चुनाव के सातवें चरण की 59 सीटों पर वोट पड़ेंगे। इनमें वीआइपी सीटों पर नजर डालते हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 18 May 2019 05:40 PM (IST) Updated:Sat, 18 May 2019 05:40 PM (IST)
Loksabha Election 2019: सातवें चरण में पीएम मोदी समेत इन वीआइपी सीटों पर डालें एक नजर
Loksabha Election 2019: सातवें चरण में पीएम मोदी समेत इन वीआइपी सीटों पर डालें एक नजर

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। 19 मई को लोकसभा चुनाव के सातवें चरण की 59 सीटों पर वोट पड़ेंगे। इसमें पंजाब की सभी 13, हिमाचल प्रदेश की सभी चार, उत्‍तर प्रदेश की शेष 13, बिहार की आठ, झारखंड की तीन, मध्‍य प्रदेश की आठ और पश्चिम बंगाल की शेष नौ सीटों पर वोट पड़ेंगे। 23 मई को मतगणना निर्धारित है। आइए एक नजर कुछ वीआईपी सीटों पर डाल लेते हैं।

नरेंद्र मोदी
वाराणसी लोकसभा सीट पर वैसे तो नरेंद्र मोदी को कोई टक्कर देता नहीं दिख रहा है, लेकिन यहां लड़ाई हार जीत के अंतर को लेकर है। भाजपा जहां मोदी के जीत के अंतर को छह से सात लाख रखना चाहती है। गठबंधन और कांग्रेस की कोशिश कड़ी टक्कर देने की है। पीएम मोदी के खिलाफ गठबंधन की तरफ से सपा की शालिनी यादव मैदान में हैं तो कांग्रेस ने फिर अजय राय पर भरोसा जताया है।

 

मनोज सिन्हा
गाजीपुर लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा की प्रतिष्ठा दांव पर है। उनकी लड़ाई गठबंधन प्रत्याशी और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी से है। यहा पर किए गए विकास कार्य और मोदी फैक्टर की वजह से मनोज सिन्हा मजबूती से चुनाव लड़ते नजर आ रहे हैं।

महेंद्र नाथ पांडेय
चंदौली लोकसभा सीट भी भाजपा के लिए बड़ी प्रतिष्ठा का सवाल है। यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्रनाथ पांडेय मैदान में हैं। उन्हें गठबंधन के संजय चौहान और कांग्रेस की शिवकन्या कुशवाहा से टक्कर मिल रही है।

अनुप्रिया पटेल
मिर्जापुर लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है। यहां से भाजपा की सहयोगी अपना दल के टिकट पर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल मैदान में हैं। गठबंधन की तरफ से समाजवादी पार्टी से मछलीशहर से मौजूदा सांसद भाजपा छोडऩे वाले रामचरित निषाद को टिकट दिया है। कांग्रेस ने ललितेश पति त्रिपाठी पर दांव खेला है।

आरपीएन सिंह
कुशीनगर लोकसभा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह एक बार फिर कांग्रेस की वापसी कराने के लिए मैदान में हैं। उनका मुकाबला भाजपा के विजय दुबे और गठबंधन के नथुनी कुशवाहा से है। इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय होने की वजह से भाजपा को फायदा मिल सकता है। भाजपा से यहां से सांसद रहे राजेश पाण्डेय का टिकट काटा है।

रविकिशन
गोरखपुर लोकसभा सीट को भारतीय जनता पार्टी का गढ़ कहा जाता है। इस सीट पर बीते करीब 29 वर्ष से भाजपा का दबदबा रहा है। 2018 में उपचुनाव में उसका यह ताज सपा-बसपा के प्रत्याशी प्रवीण निषाद ने छीन लिया। इस सीट पर इस बार भी संभवत: पूरे देश की नजरें टिकी होंगी। इस सीट पर भाजपा ने भोजपुरी एक्टर रवि किशन को उम्मीदवार बनाया है। उपचुनाव में गठबंधन में सपा के कोटे में गई गोरखपुर सीट पर रामभुआल निषाद प्रत्याशी हैं।

सनी देओल
भाजपा ने बॉलीवुड स्‍टार सनी देओल को पंजाब की गुरदासपुर सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। उनके खिलाफ कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ चुनावी मैदान में हैं। इस सीट पर देश की निगाहें टिकी हुई हैं। सनी देओल को मिल रही लोकप्रियता से भाजपा आशान्वित है।

किरण खेर
केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की एकमात्र संसदीय सीट है। यहां से भाजपा की किरण खेर सांसद हैं। यहां से उनका मुकाबला कांग्रेस के पवन बंसल से हैं, जो यहां से चार बार सांसद चुने जा चुके हैं। चंडीगढ़ सीट पर अब तक कांग्रेस ने सात बार कब्जा जमाया है। भाजपा यहां से तीन बार जीती है।

परनीत कौर
पटियाला सीट से पिछले चुनाव में आप के धर्मवीर गांधी के हाथों हार का सामना करने वालीं कैप्टन की पत्नी और पूर्व केंद्रीय मंत्री परनीत कौर को इस बार भी गांधी से कड़ी टक्कर मिल रही है। गांधी इस बार पंजाब डेमोक्रेटिक अलायंस से लड़ रहे हैं। लेकिन अकाली-भाजपा गठबंधन के कैंडिडेट सुरजीत सिंह रखड़ा को भी कम नहीं आंका जा रहा है। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार नीना मित्तल राजनीति में नया चेहरा हैं।

सुखबीर सिह बादल
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल भी खुद फिरोजपुर से मैदान में हैं। उनके सामने शिअद से ही कांग्रेस में गए मौजूदा सांसद शेर सिंह घुबाया जीत का दम भर रहे हैं। यहां पर कड़ी टक्‍कर देखने को मिल रही है।

हरसिमरत कौर बादल
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल की पत्नी और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की बठिंडा लोकसभा सीट पर चुनावी मैदान में है। हैट्रिक बनाने का दावा कर रहीं हरसिमरत कौर के सामने कांग्रेस से राहुल गांधी के करीबी अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग हैं। यहां कड़ी देखने को मिल रही है।

मनीष तिवारी
श्री आनंदपुर साहिब में कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी को उम्मीदवार बनाया है। उनके सामने शिअद के दिग्गज नेता मौजूदा सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा हैं। उन्होंने पिछली बार कांग्रेस की अंबिका सोनी को हराया था।

रविशंकर प्रसाद
बिहार में कायस्‍थ बहुल पटना साहिब सीट पर भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद चुनावी मैदान में है। यहां से उनके मुकाबले महागठबंधन और कांग्रेस के प्रत्‍याशी शत्रुघ्‍न सिन्‍हा हैं। इस सीट पर कड़ी टक्‍कर देखने को मिल रही है।

रामकृपाल यादव
पाटलिपुत्र सीट पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती भी राजग के गढ़ सेंध लगाने में जुटीं हैं। यहां से भाजपा उम्‍मीदवार के रूप में केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव चुनावी मैदान में हैं। यहां कड़ी टक्‍कर देखने को मिल रही है।

अश्विनी चौबे
भोजपुरी भाषी क्षेत्र बक्‍सर लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के मुकाबले महागठबंधन के प्रत्‍याशी जगदानंद सिंह चुनावी मैदान में हैं। जगदानंद सिंह लालू-राबड़ी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। यह ब्राहमण बहुल सीट है। यहां इस बार स्‍थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा जोरों पर रहा।

आरके सिंह
बाबू वीर कुंवर सिंह की धरती आरा लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री और पूर्व नौकरशाह आरके सिंह चुनावी मैदान में हैं। यहां से उनके मुकाबले महागठबंधन और सीपीआइ एमएल के प्रत्‍याशी राजू यादव कड़ी टक्‍कर दे रहे हैं। जातीय संघर्ष के कारण यह इलाका सुखिर्यों में रहता है। यहां आरके सिंह अपने विकास कार्यों और मोदी लहर की भरोसे है। वहीं महागठबंधन के प्रत्‍याशी जातीय समीकरण और सामाजिक न्‍याय के भरोसे हैं।

मीरा कुमार
बिहार की सासाराम लोकसभा सीट से पूर्व लोकसभा अध्‍यक्ष मीरा कुमार महागठबंधन के प्रत्‍याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं। उनके मुकाबले भाजपा के प्रत्‍याशी के रूप में छेदी पासवान कड़ी टक्‍कर दे रहे हैं।

अनुराग ठाकुर
हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर लोकसभा सीट एक बार फिर चर्चाओं में है। यहां से भाजपा की ओर से तीन बार के सांसद अनुराग ठाकुर प्रत्याशी हैं, जबकि कांग्रेस की ओर से तीन बार हारने वाले रामलाल ठाकुर। इस चुनाव में एक बार फिर अनुराग ठाकुर की छवि का परीक्षण होगा।

 

शिबू सोरेन
दुमका लोकसभा क्षेत्र में झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन का मुकाबला भाजपा के सुनील सोरेन से है। इस लड़ाई में दोनों नेताओं की ओर से उनकी पार्टियों ने जान लगा दी है। शिबू सोरेन ने अपनी ओर से कई बार यह कहा है कि वे आगे भी चुनाव लड़ते रहेंगे लेकिन कई इलाकों में यह भ्रम फैला है कि यह उनका अंतिम चुनाव है। अब जीते तो अंतिम बार जीतेंगे।

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