पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा, मसूद अजहर को छोड़े जाने का भी क्रेडिट ले भाजपा

पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री व कांग्रेस के दिग्गज नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि मसूद अजहर को अंतराष्ट्रीय आंतकी घोषित किए जाने का श्रेय भाजपा को नहीं नहीं लेना चाहिए। यह एक प्रक्रिया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 04 May 2019 11:15 AM (IST) Updated:Sun, 05 May 2019 11:26 AM (IST)
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा, मसूद अजहर को छोड़े जाने का भी क्रेडिट ले भाजपा
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा, मसूद अजहर को छोड़े जाने का भी क्रेडिट ले भाजपा

गोरखपुर, राजेश्वर शुक्ला। पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री व कांग्रेस के दिग्गज नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि मसूद अजहर को अंतराष्ट्रीय आंतकी घोषित किए जाने का श्रेय भाजपा को नहीं नहीं लेना चाहिए। यह एक प्रक्रिया है। इसकी शुरुआत 2009 में कांग्रेस सरकार ने की थी। अगर भाजपा मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने का श्रेय ले रही है तो उसे मसूद अजहर को छोड़े जाने का भी क्रेडिट लेना चाहिए, क्योंकि मसूद अजहर को 1999 में भाजपा की सरकार ने छोड़ा था। लखवी और हाफिज सईद जैसे आतंकियों पर कांग्रेस सरकार ने कार्रवाई की, लेकिन उसका श्रेय कभी नहीं लिया। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को तानाशाह बताया। कहा कि मोदी लोगों में डर पैदा कर रहे हैं। उनके शासनकाल में स्वतंत्र देश के नागरिक लोकतंत्र के साये में रहकर भी डरकर जी रहे हैं। चुनाव आयोग को घेरते हुए कहा कि इस चुनाव में मोदी के दबाव में आयोग भी निष्क्रिय हो गया है। शुक्रवार को महराजगंज से कांग्रेस प्रत्याशी सुप्रिया श्रीनेत के समर्थन में प्रचार के लिए जाने से पूर्व गोरखपुर एयरपोर्ट पर जागरण ने उनसे बातचीत की। 1पांचवां चरण महत्वपूर्ण : चिदंबरम ने कहा, चौथे चरण के अंत तक कांग्रेस और उसके सहयोगी दल आगे चल रहे हैं। पांचवां चरण महत्वपूर्ण है। इसमें भी कांग्रेस को बढ़त मिलेगी। सबका उद्देश्य भाजपा को हराना है।

जहां कांग्रेस प्रत्याशी मजबूत है वहां हम भाजपा को हराएंगे और जहां गठबंधन मजबूत है वहां उसे सपोर्ट करेंगे। हमने गठबंधन में शामिल करने से मायावती ने इंकार किया फिर भी सब मिलकर बीजेपी को मात देंगे। 1कांग्रेस ने हर वादा निभाया : कहा कि कांग्रेस ने जो भी वादा किया है, उसे निभाया है। वर्तमान में देश की जीडीपी 210 लाख करोड़ है। न्याय योजना पर जीडीपी का एक फीसद खर्च किया जाना है। देश के 20 फीसद लोगों के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी जिसे हम एक फीसद जीडीपी से पूरा कर लेंगे। पांच साल बाद देश की जीडीपी चार सौ लाख करोड़ हो जाएगी। इसका एक फीसद यानी चार लाख करोड़ होगा लेकिन न्याय योजना के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपये की ही जरूरत होगी।

..और 2014 के अपने बयान पर मुस्करा दिए चिदंबरम

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम से जैसे ही संवाददाता ने 2014 में लोकसभा चुनाव से पूर्व उनके दिए गए बयान 'मोदी का आर्थिक ज्ञान उतना, जितना डाक टिकट के पीछे जगह' को याद दिलाया तो वह हंस दिए। कहा कि आपको अभी तक वह बयान याद है। उन्होंने कहा कि हां मैं अब भी उस बयान पर कायम हूं। नोटबंदी व जीएसटी की हालत आप देख ही रहे हैं। इसका खामियाजा देश की जनता व व्यापारी वर्ग भुगत रहा है। बेरोजगारी 7.6 फीसद तक पहुंच गई है। बजट से टैक्स कलेक्शन में भी 11 फीसद की कमी हुई है। ऐसे में मोदी किसी आर्थिक विकास की बात कर रहे हैं, वह झूठे आंकड़ें देकर देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं।

56 इंच का सीना नहीं, सेना करती है देश की सुरक्षा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सैनिकों की शहादत पर हो रही राजनीति को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि 56 इंच का सीना नहीं, भारतीय सेना देश की सुरक्षा कर रही है। आज पूरे देश में भय का माहौल है। कांग्रेस के घोषणापत्र से पीएम मोदी भयभीत हो गए हैं। इसलिए भाजपा को भूलकर वह पूरे देश में कांग्रेस के घोषणापत्र व न्यूनतम आय योजना (न्याय) की चर्चा कर रहे हैं। चुनावी बैठक में भाग लेने महरागंज आए चिदंबरम ने यह बातें पत्रकारों से बात करते हुए कहीं। वह महराजगंज से कांग्रेस प्रत्याशी सुप्रिया श्रीनेत के समर्थन में यहां आए थे।

उन्होंने नोटबंदी को आजाद भारत में अब तक का सबसे मूर्खतापूर्ण निर्णय बताते हुए इसे एक व्यक्ति द्वारा लिया गया फैसला करार दिया। उन्होंने जीएसटी की खामियों को गिनाया और कहा कि कांग्रेस की सरकार आने पर इसे परिवर्तित कर जीएसटी टू लाया जाएगा। चिदंबरम ने कहा कि न्याय योजना को एक कमरे में बैठकर या स्वप्न में नहीं बनाया गया है। इसके लिए देश के जाने माने अर्थशास्त्रियों की सलाह ली गई है। मनरेगा, कर्जमाफी, शिक्षा का अधिकार सहित सभी महत्वपूर्ण निर्णय कांग्रेस की सरकार द्वारा लिए गए। कहा कि प्रधानमंत्री ने हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन भाजपा सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह से फेल हो गई है। इसी के चलते पीएम अब देश में बढ़ती बेरोजगारी की बात अपने चुनावी सभाओं में नहीं कर रहे हैं।

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