Lok Sabha Election 2019: राजग से लड़ाई में लेफ्ट भी आए साथ : हेमंत सोरेन

Lok Sabha Election 2019. कांग्रेस के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात में झामुमो के कार्यकारी अध्‍यक्ष हेमंत सोरेन ने वामपंथी दलों को भी साथ लाने का प्रस्ताव दिया है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sun, 17 Mar 2019 10:42 AM (IST) Updated:Sun, 17 Mar 2019 10:42 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: राजग से लड़ाई में लेफ्ट भी आए साथ : हेमंत सोरेन
Lok Sabha Election 2019: राजग से लड़ाई में लेफ्ट भी आए साथ : हेमंत सोरेन

Lok Sabha Election 2019 राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में घट रही ताकत के बावजूद वामदलों को कथित महागठबंधन में शामिल करने की कवायद जारी है। खासकर झारखंड में महागठबंधन के भावी मुख्यमंत्री चेहरे हेमंत सोरेन इसके प्रबल समर्थक हैं। लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात में भी उन्होंने इसकी पैरवी की। माना जा रहा है कि फिलहाल जो प्रस्ताव है उसके तहत कांग्रेस को छह, झामुमो को चार, झाविमो को दो और राजद और वाम को एक एक सीट मिलेगी।

अब फैसले की गेंद कांग्रेस और खुद वामदलों के पाले में है। दैनिक जागरण के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुुख आशुतोष झा से बातचीत में हेमंत सोरेन ने आशा जताई कि विपक्ष कुशलता और एकजुटता से रणनीति बनाए तो झारखंड में राजग को पटखनी दी जा सकती है। 

प्रश्न- दूसरे राज्यों की तरह ही झारखंड में भी विपक्ष के बीच सहमति नहीं बन पाई है। क्या अड़चन है?
मैं मानता हूं कि ऐसे काम जल्द पूरे हो जाने चाहिए ताकि जमीन पर सामंजस्य बिठाने में मदद मिले। हालांकि अभी भी बहुत देर नहीं हुई है। मैं इसी सिलसिले में राहुल गांधी से मिला। उन्हें अपना प्रस्ताव भी दे दिया है। मुझे लगता है कि होली के बाद झामुमो सुप्रीमो गुरुजी की मौजूदगी में इसकी घोषणा हो जाएगी। 

प्रश्न- क्या आपके प्रस्ताव पर सर्वसम्मति है?
अभी फैसला होना है। मेरा मानना है कि इसमें कांग्रेस, झामुमो, झाविमो और राजद के साथ-साथ वाम को भी शामिल किया जाना चाहिए। प्रदेश में उसकी भी एक ताकत है। उनके समर्थकों की मौजूदगी है। 

प्रश्न- फिर अड़चन कहां है? क्या कांग्रेस इसके लिए राजी नहीं है क्योंकि उस स्थिति में कांग्रेस को ही सीट छोडऩी पड़ेगी?
ऐसा नहीं है। राहुल जी इस प्रस्ताव को लेकर खुले दिल से फैसला करने के लिए तैयार हैं। हालांकि वामदलों से मेरी अपील है कि पहले वह कोई एक सीट तय कर लें। 

प्रश्न- क्या झामुमो अपने दावे की सीटों की संख्या को लेकर खुश है?
समझौता करने के लिए सामंजस्य बिठाना ही होता है। हर किसी की मांग अलग-अलग होती है लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी होता है कि एकजुटता नहीं टूटे। किसी को त्याग भी करना होता है। 

प्रश्न- राजग उपलब्धियों का खाका लेकर मैदान में उतरेगी। फिर बालाकोट एअरस्ट्राइक को लेकर देश में माहौल है। ऐसे में आपके पास क्या मुद्दा होगा?
भाजपा की ओर से एजेंडा सेट किया गया है, लेकिन मेरा तो मानना है कि हर किसी को अपना काम करना चाहिए। सेना ने एअरस्ट्राइक  की है। सरकार क्या कर रही है यह बताना चाहिए। हमें भी सरकार से यही पूछना चाहिए।

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