Jharkhand Assembly Election 2019: सबको साध रहे रघुवर, लक्ष्य पर है निशाना; जानें जोहार यात्रा के मायने Insight Report

Jharkhand Assembly Election 2019 चुनाव घोषित होने से पहले वोटरों का मूड भांप मुद्दे उछाल रहे मुख्यमंत्री रघुवर दास स्थायी और डबल इंजन की सरकार की उपलब्धियों को हथियार बना रहे।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sat, 12 Oct 2019 09:05 AM (IST) Updated:Sat, 12 Oct 2019 07:53 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: सबको साध रहे रघुवर, लक्ष्य पर है निशाना; जानें जोहार यात्रा के मायने Insight Report
Jharkhand Assembly Election 2019: सबको साध रहे रघुवर, लक्ष्य पर है निशाना; जानें जोहार यात्रा के मायने Insight Report

जोहार यात्रा से प्रदीप सिंह। Jharkhand Assembly Election 2019 झारखंड में विधानसभा चुनाव की विधिवत घोषणा भले ही न हुई हो, लेकिन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आक्रामक तरीके से इसका आगाज कर दिया है। वे संताल परगना सरीखे इलाके से अपने अभियान का श्रीगणेश कर शुक्रवार को कोल्हान में दौरे के दूसरे चरण को अंजाम देने पहुंचे हैं। भाजपा की निचली सांगठनिक इकाइयों से रास्ता तय कर मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने वाले रघुवर इस बात को बखूबी समझते हैं कि आसानी से फतह हाथ में नहीं आती। यही वजह है कि पूरे अभियान की कमान हाथ में लिए वे आमलोगों का मूड भांपने निकले हैं।

जमशेदपुर के आगे पोटका के हाता चौक पर सुबह से उनके इंतजार में खड़े लोगों को वे ये कहकर प्रसन्न कर देते हैं कि वे हिसाब देने आए हैं अपने कामकाज का। रिपोर्ट कार्ड लेकर यह बताने आये हैं कि उन्होंने बीते साढ़े चार साल में क्या बदलाव लाया। सड़क-बिजली पर बोलते हैं तो हल्दी पोखर की रश्मि कहती है- सही बोल रहे हैं मुख्यमंत्री जी। हुजूम साथ में सेल्फी के लिए उमड़ती है तो वे किसी को निराश नहीं करते।

राजनगर की सभा में महिलाओं की तादाद काफी है। कड़ी धूप में लगी कुर्सियों पर सीएम का इंतजार हो रहा है। मालती कहती हैं, उनकी बेटी का एडमिशन हुआ, पढ़ रही है स्कूल में। खुद सखी मंडल में भी सक्रिय है। मुख्यमंत्री इन उपलब्धियों को गिनाकर आधी आबादी को रिझाते हैं। बताते हैं-पहले 43 हजार सखी मंडल थे। अब इसकी संख्या 2.17 लाख है।

महिलाओं का सशक्तिकरण उनका एजेंडा है। अब एक नवंबर से सखी मंडलों के जरिए रेडी टू ईट भोजन की आपूर्ति होगी। इससे गरीबी मिटेगी। बालिका शिक्षा के फायदे भी समझाते हैं। यह भी बताते हैं कि बीते साढ़े चार साल में सिर्फ कोल्हान इलाके में 2445 किलोमीटर सड़कें बनीं। 

सोरेन परिवार के बहाने विपक्ष टारगेट पर

मुख्यमंत्री अपनी सभाओं में लंबे भाषण नहीं देते। उपलब्धियां गिनाने के बाद वे राजनीतिक विरोधियों को निशाने पर ले रहे हैं। सीधे टारगेट पर झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन व हेमंत सोरेन हैं। वे इनका नाम लेने की बजाय गोला का सोरेन परिवार कह संबोधित करते हैं तो सुनने आए लोग तालियां बजाते हैं। मुख्यमंत्री सीधे आरोप लगाते हैं कि सोरेन परिवार ने पूरे राज्य में करोड़ों की जमीन ली और संपत्तियां खड़ी की हैं।

यह भी कहते हैं कि हेमंत सोरेन जब सीएम थे तो उन्होंने जेपीएससी की परीक्षाओं में स्थानीय भाषाओं में ली जाने वाली परीक्षाएं बंद कराईं जिसे उन्होंने आरंभ कराया। रघुवर दास बखूबी समझते हैं कि कोल्हान सरीखे झामुमो के प्रभाव वाले इलाके में घेराबंदी ही कारगर उपाय है। 

आमलोगों से सीधा संवाद

राजनगर से शुक्रवार को मुख्यमंत्री को जोहार जन आशीर्वाद यात्रा के लिए खासतौर पर बनाए गए रथ से रोड शो आरंभ करना था, लेकिन ऐन मौके पर रथ का एसी खराब हो गया। इसके बाद झींकपानी और चाईबासा में रोड शो कार के जरिए करनी पड़ी। शाम ढलने के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास का चाईबासा के नवनिर्मित जुबिली पार्क में बगैर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के पहुंचना भी लोगों को आश्चर्यचकित कर गया।

उन्होंने यहां चाय की चुस्की ली और पैसे चुकाने के लिए अपने ओएसडी राकेश चौधरी को कहा। मौजूद लोगों से उनकी समस्याएं पूछीं तो समाधान के लिए उपायुक्त तलब किए गए। पार्क के अंधेरे से निपटने के लिए जेनरेटर लगाने का फरमान जारी हुआ तो लोगों ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहा।

chat bot
आपका साथी