केजरीवाल सरकार के मोहल्ला क्लीनिक का अमेरिका भी हुआ दीवाना

अमेरिकी मीडिया हाउस द वाशिंगटन पोस्ट ने एक लेख प्रकाशित किया है, जिसमें दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार की शुरू की गई मोहल्ला क्लीनिक की तारीफ की गई है।

By JP YadavEdited By: Publish:Sun, 13 Mar 2016 08:44 AM (IST) Updated:Sun, 13 Mar 2016 09:01 AM (IST)
केजरीवाल सरकार के मोहल्ला क्लीनिक का अमेरिका भी हुआ दीवाना

नई दिल्ली। अमेरिका में लोगों को आसान स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए केजरीवाल सरकार की मोहल्ला क्लीनिक से सबक लेने के सुझाव दिए जा रहे हैं। अमेरिकी मीडिया हाउस द वाशिंगटन पोस्ट ने एक लेख प्रकाशित किया है, जिसमें दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार की शुरू की गई मोहल्ला क्लीनिक की तारीफ की गई है।

इसमें अमेरिका को सलाह दी गई है कि वह भी अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए मोहल्ला क्लीनिक से सबक ले। द वाशिंगटन पोस्ट में मोहल्ला क्लीनिक की तारीफ से स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन खुश हैं। उन्होंने कहा कि आगामी दो महीने में दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में ऐसे सौ क्लीनिक और चालू हो जाएंगे।

गौरतलब है कि प्रकाशित लेख में रूपदीप कौर नाम की एक महिला के इलाज का उदाहरण देकर समझाया गया है। रूपदीप कौर नाम की एक गर्भवती महिला गंभीर हालत में दिल्ली के पीरागढ़ी इलाके में एकमात्र मोहल्ला क्लीनिक चेकअप के लिए पहुंची थी।

जहां महिला का नाम, पता पूछे जाने के बाद उन्हें एक महिला फिजिशियन के पास भेजा गया जिन्होंने कुछ पूछताछ के बाद ब्लड और यूरीन समेत कई तरह की जांच लिखे। जांच में पता चला कि महिला का गर्भ तो ठीक है लेकिन उनका हीमोग्लोबिन और रक्तचाप काफी कम है।

अल्का चौधरी नाम की फिजिशियन ने फौरन एंबुलेंस बुलवाई और उन्हें पास के अस्पताल भेजा। मोहल्ला क्लीनिक में हुई मेडिकल जांच समेत इस पूरी प्रक्रिया में करीब 15 मिनट का वक्त लगा। क्लीनिक में आने से लेकर परामर्श और मेडिकल जांच, उनका विश्लेषण और एंबुलेंस से भेजने तक की पूरी प्रक्रिया कंप्यूटराइज्ड थी।

कागजी कार्रवाई की कहीं जरूरत नहीं पड़ी, ना तो मरीज को कोई बिल दिया गया और ना ही इंश्योरेंस कंपनी को भेजा गया। मालूम हो कि गत वर्ष दिल्ली सरकार ने जुलाई माह में पीरागढ़ी इलाके में पहला मोहल्ला क्लीनिक चालू किया था।

इसी तर्ज पर एक हजार क्लीनिक बनाने की योजना है। ताकि लोगों को अपने घर के आसपास ही प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं मिल जाएं। इसके बाद जरूरत पर वह पॉलीक्लीनिक तथा फिर बड़े अस्पताल की ओर रुख करें।

chat bot
आपका साथी