बिना इजाजत के विज्ञापन लगा रही टैक्सियों पर निगम की कार्रवाई

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : उत्तरी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में चलने वाली निजी टैक्सियों पर निगम ने ब

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Dec 2018 10:06 PM (IST) Updated:Fri, 14 Dec 2018 10:08 PM (IST)
बिना इजाजत के विज्ञापन लगा रही टैक्सियों पर निगम की कार्रवाई
बिना इजाजत के विज्ञापन लगा रही टैक्सियों पर निगम की कार्रवाई

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

उत्तरी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में चलने वाली निजी टैक्सियों पर निगम ने बड़ी कार्रवाई की है। निगम ने बिना इजाजत के विज्ञापन लगाकर चांदी काट रही गाड़ियों के चालान काटने के साथ विज्ञापन को काले रंग से रंगना शुरू किया है। निगम का कहना है कि यह गाड़ियां निगम की बिना अनुमति के विज्ञापन लगा रही थीं, जो पूरी तरह गैर कानूनी है। निगम के मुताबिक पहले दिन की गई कार्रवाई में 20 ऑटो व गाड़ियों के चालान काटे गए हैं, वहीं नौ लोगों के चालान किए गए हैं।

निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक उबर और अन्य टैक्सी कंपनिया गाड़ियों के बाहरी हिस्से पर विज्ञापन लगा रही हैं और उन्होंने निगम से इजाजत भी नहीं ले रखी है। इसलिए ऐसी गाड़ियों पर अब लगातार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को निगम ने ऐसी गाड़ियों को पकड़कर उन पर कार्रवाई की है और टैक्सियों पर लगे विज्ञापन को काले रंग से रंग दिया है। इतना ही नहीं, निगम ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि बिना अनुमति के किसी भी गाड़ी या फिर ऑटो पर विज्ञापन नहीं लगाया जाएगा। निगम के अधिकारी ने बताया, दिल्ली म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट के अनुसार गाड़ियों पर विज्ञापन लगाने के लिए निगम से अनुमति लेनी होती है, वहीं विज्ञापन लगवाने वाली कंपनी को इसका कुछ शुल्क भी जमा करना होता है, लेकिन जिन गाड़ियों को निगम ने पकड़ा, उन पर लगे विज्ञापन से निगम को एक भी रुपये का शुल्क नहीं मिल रहा था। इसके बाद इन पर कार्रवाई की गई है।

स्थायी समिति में पिछले दिनों उठा था मुद्दा

निजी कंपनियों की टैक्सी पर निगम की बिना इजाजत के विज्ञापन लगाने का मुद्दा स्थायी समिति में उठा था। समिति की सदस्य व भाजपा पार्षद पूनम पाराशर झा ने स्थायी समिति की बैठक में गाड़ियों पर लगने वाले विज्ञापन के मुद्दे पर सवाल उठाया था। उन्होंने सवाल उठाया था कि किस प्रावधान के तहत यह बिना अनुमति के विज्ञापन लगा रहे हैं। इसके बाद सभी पक्ष और विपक्ष के पार्षदों ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप भी लगा दिए थे। इसके बाद अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए यह कार्रवाई की है।

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