चिदंबरम की गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट ने तीन जुलाई तक लगाई रोक

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : आइएनएक्स मीडिया के 305 करोड़ के विदेशी फंड से जुड़े मामले में अदालत ने पी चिदंबरम को राहत दे दी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 31 May 2018 06:29 PM (IST) Updated:Thu, 31 May 2018 06:29 PM (IST)
चिदंबरम की गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट ने तीन जुलाई तक लगाई रोक
चिदंबरम की गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट ने तीन जुलाई तक लगाई रोक

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : आइएनएक्स मीडिया के 305 करोड़ के विदेशी फंड से जुड़े मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) द्वारा जारी नोटिस पर अग्रिम जमानत याचिका दाखिल करने वाले पूर्व मंत्री पी चिदंबरम को हाई कोर्ट से राहत मिल गई है। न्यायमूर्ति एके पाठक ने चिदंबरम की गिरफ्तारी पर तीन जुलाई तक रोक लगा दी है। निर्देश दिया कि सीबीआइ द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर वह जांच में शामिल हों और सहयोग करें। सीबीआइ को नोटिस जारी कर तीन जुलाई तक प्रतिक्रिया देने को भी कहा।

सीबीआइ की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जांच एजेंसी ने चिदंबरम को सिर्फ पूछताछ के लिए बुलाया था।

चिदंबरम बुधवार को सबसे पहले 3500 करोड़ रुपये के एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी समन पर निचली अदालत पहुंचे थे और उन्होंने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी। विशेष न्यायाधीश (सीबीआइ) ओपी सैनी ने उन्हें पांच जून को ईडी के समक्ष पेश होने के आदेश दिए थे। यह भी कहा था कि ईडी पांच जून तक चिदंबरम के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं करेगी। निचली अदालत से राहत मिलने के बाद चिदंबरम ने 305 करोड़ के आइएनएक्स मीडिया मामले में हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। इस पर गुरुवार को न्यायमूर्ति एके पाठक ने उन्हें राहत दे दी।

गौरतलब है कि एयरसेल-मैक्सिस और आइएनएक्स मीडिया मामले में पी चिदंबरम के बेटे कार्ति को कोर्ट से 10 जुलाई तक की गिरफ्तारी से सुरक्षा मिली है। कार्ति के खिलाफ एयरसेल-मैक्सिस मामले में सीबीआइ ने 2011 और ईडी ने 2012 में एफआइआर दर्ज की थी। सीबीआइ ने आइएनएक्स मीडिया मामले में रिपोर्ट दर्ज की थी। ईडी और सीबीआइ दोनों ही मामले में पूर्व वित्त मंत्री की भूमिका की जांच कर रहीं हैं। आरोप है कि वित्त मंत्री रहने के दौरान पी चिदंबरम ने मामलों में फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआइपीबी) की क्लियरेंस दी थी।

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