Delhi: मोबाइल से मिले सुराग से नौ माह बाद धरे गए कैब चालक के हत्यारोपित

डीसीपी क्राइम ब्रांच मोनिका भारद्वाज के मुताबिक 50 वर्षीय कैब चालक कृपा शंकर तिवारी मूलरूप से नोएडा के रहने वाले थे।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 15 Sep 2020 03:57 PM (IST) Updated:Tue, 15 Sep 2020 03:57 PM (IST)
Delhi: मोबाइल से मिले सुराग से नौ माह बाद धरे गए कैब चालक के हत्यारोपित
Delhi: मोबाइल से मिले सुराग से नौ माह बाद धरे गए कैब चालक के हत्यारोपित

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। ओला कैब को लूटकर चालक की हत्या करने के मामले में क्राइम ब्रांच ने नौ महीने बाद तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर घटना का पर्दाफाश कर दिया है। आरोपितों ने चालक निजामुद्दीन से कैब बुक कराने के बाद चालक से लूटपाट करने के बाद हत्या कर शव आगरा में फेंक दिया था। इसके बाद मोबाइल मध्य प्रदेश के शिवपुरी में एक युवक को बेचा था। मोबाइल लोकेशन से मिले सुराग के बाद पुलिस ने तीनों आरोपितों को दबोच लिया।

डीसीपी क्राइम ब्रांच मोनिका भारद्वाज के मुताबिक 50 वर्षीय कैब चालक कृपा शंकर तिवारी मूलरूप से नोएडा के रहने वाले थे। दो दिसंबर को दो बदमाशों ने कृपा शंकर की कैब हजरत निजामुद्दीन के पास से बुक कराई थी। कुछ ही दूर जाने के बाद दोनों ने उसे बंधक बना कैब समेत अगवा कर लिया था। लूटपाट के बाद जेवर टोल टैक्स के पास गला दबाकर बदमाशों ने कृपा शंकर की हत्या कर दी और शव को देर रात ही आगरा में ले जाकर आगरा के बोराई चौक के पास फेंक दिया था।

इसके बाद कैब लेकर मध्य प्रदेश फरार हो गए थे। इसी साल तीन मार्च को हाई कोर्ट के निर्देश पर केस क्राइम ब्रांच के मानव तस्करी दस्ता में ट्रांसफर कर दिया गया था।क्राइम ब्रांच को काफी मशक्कत के बाद पता चला कि कृपा शंकर का मोबाइल शिवपुरी, मध्य प्रदेश में चल रहा है। राजेंद्र माझी नाम का व्यक्ति फोन का इस्तेमाल कर रहा है। पुलिस टीम ने वहां पहुंच कर पहले राजेंद्र को पकड़ा। पूछताछ में उसने बताया कि मोबाइल उसे शिवपुरी के ही अशफाक ने दिया है। जांच में पता चला कि वह लूटपाट के एक अन्य मामले में मध्य प्रदेश की जेल में बंद है। इसके बाद प्रोडक्शन वारंट लेकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने बताया कि ग्वालियर निवासी रामधर के साथ मिलकर उसने वारदात को अंजाम दिया था। इसके बाद उसे भी दबोच लिया गया।

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