Delhi Metro News: मेट्रो स्टेशन पर व्यावसायिक कांप्लेक्स बनाने से पहले होगा अध्ययन

Delhi Metro News पीठ ने कहा है कि तथ्यों के आलोक में यह जरूरी है कि प्रस्तावित निर्माण कार्य से पहले ईआईए और ‘कैरीइंग केपेसिटी’ अध्ययन अवश्य कराया जाए।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 08:56 AM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 08:56 AM (IST)
Delhi Metro News: मेट्रो स्टेशन पर व्यावसायिक कांप्लेक्स बनाने से पहले होगा अध्ययन
Delhi Metro News: मेट्रो स्टेशन पर व्यावसायिक कांप्लेक्स बनाने से पहले होगा अध्ययन

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Metro News:  राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए साफ तौर पर कहा है कि दिल्ली के भीकाजी कामा प्लेस मेट्रो स्टेशन पर व्यावसायिक कांप्लेक्स बनाने से पहले  इस बाबत पूरा अध्ययन जरूरी है। इसे बनाने से पहले पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन भी करना होगा। पर्यावरण विभाग की तरफ से दायर की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यावसायिक कांप्लेक्स बनने से मेट्रो स्टेशन के आस-पास की सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बढ़ेगी, जिससे यातायात का बोझ बढ़ेगा। ऐसे में एनजीटी में एक याचिका दायर कर कहा गया था कि मेट्रो स्टेशन के साथ वाली जगह पर व्यावसायिक कांप्लेक्स का निर्माण अनुचित होगा, क्योंकि दिल्ली मास्टर प्लान 2021 में इस जगह पर एक पार्क बनाने का प्रस्ताव भी दिया जा चुका है।

दरअसल, एनजीटी ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा दाखिल रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए यह कहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मेट्रो स्टेशन पर मुआयना दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अधिकारियों के साथ किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक मुआयने के दौरान डीएमआरसी ने मेट्रो स्टेशन के ऊपर प्रस्तावित वाणिज्यिक निर्माण कार्य के लिए यातायात प्रभाव आकलन अध्ययन प्रस्तुत किया।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा है कि तथ्यों के आलोक में यह जरूरी है कि प्रस्तावित निर्माण कार्य से पहले ईआईए और ‘कैरीइंग केपेसिटी’ अध्ययन अवश्य कराया जाए। ‘कैरीइंग कपेसिटी’की अवधारणा इस प्रश्न का हल करती है कि पर्यावरण को क्षति पहुंचाए बगैर वहां कितने लोगों कोइजाने की अनुमति दी जा सकती है। अधिकरण ने कहा कि अध्ययन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), आईआईटी दिल्ली और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के प्रतिनिधियों की सदस्यता वाली समिति से कराया जाए। ऐसे में माना जा रहा है कि अध्ययन के बाद ही इस पर कोई ठोस निर्णय आ सकता है। 

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