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'के. कविता को जमानत मिली तो जांच होगी प्रभावित', दिल्ली हाईकोर्ट ने बीआरएस नेता को बेल देने से किया इनकार

ईडी ने कहा कि के. कविता ने अन्य लोगों के साथ साजिश रची और 100 करोड़ रुपये की रिश्वत के भुगतान में सक्रिय रूप से शामिल रही। कविता की जमानत याचिका पर हलफनामा दाखिल कर जांच एजेंसी ने कहा कि मनी लांड्रिंग के अपराध से कविता को जोड़ने के लिए पर्याप्त सबूत हैं और अपराध की आय का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है।

By Vineet Tripathi Edited By: Sonu Suman Published: Fri, 24 May 2024 08:22 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2024 08:22 PM (IST)
दिल्ली हाईकोर्ट ने बीआरएस नेता के कविता को बेल देने से किया इनकार।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आबकारी घोटाला से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में आरोपित बीआरएस नेता के. कविता की जमानत का विरोध करते हुए ईडी ने कहा कि कविता को रिहा करने से जांच पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। ईडी ने तर्क दिया कि कविता एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उन पर गंभीर आर्थिक अपराध करने का आरोप है। एजेंसी ने कहा कि कविता में सुबूतों के साथ छेड़छाड़ करने और गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता है।

ईडी ने न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ के समक्ष कहा कि के. कविता ने अन्य लोगों के साथ साजिश रची और 100 करोड़ रुपये की रिश्वत के भुगतान में सक्रिय रूप से शामिल रही। कविता की जमानत याचिका पर हलफनामा दाखिल कर जांच एजेंसी ने कहा कि मनी लांड्रिंग के अपराध से कविता को जोड़ने के लिए पर्याप्त सबूत हैं और अपराध की आय का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है। ईडी ने तर्क दिया कि अगर उसे जमानत पर रिहा किया गया तो महत्वपूर्ण सुबूत नष्ट होने की आशंका है।

मामले की सुनवाई 27 मई तक के लिए स्थगित

ईडी ने कविता की भूमि पर कहा कि मामले में सह-आरोपित, उनके सहयोगी अरुण रामचंद्रन पिल्लई के बयानों से पता चला है कि आम आमदी पार्टी को 100 करोड़ रुपये के भुगतान के बदले में कविता को कुछ थोक कंपनियों में हिस्सेदारी मिलेगा। ईडी के तर्कों को सुनने के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई 27 मई तक के लिए स्थगित कर दी।

50 आरोपितों में से कविता अकेली महिला

वहीं, कविता की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि मामले में 50 आरोपितों में से कविता अकेली महिला हैं। उन्होंने कविता को जमानत देने पर विचार करने का आग्रह किया। कविता ने जमानत देने से इन्कार करने छह मई के निचली अदालत के निर्णय को चुनौती दी थी। निचली अदालत ने सीबीआइ व ईडी से जुड़ी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थी।

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