भलस्वा लैंडफिल साइट पर लगाई जाएंगी सात और ट्रॉमेल मशीनें, कूड़ा निस्तारण कार्य में आएगी तेजी

कूड़े के पहाड़ में अक्सर आग लग जाने से हवा में उठने वाला धुंआ पर्यावरण को लगातार नुकसान पहुंचा रहा है। ऐसे में पर्यावरण सुरक्षा के साथ लोगों के स्वास्थ्य के लिहाज से कूड़े के पहाड़ को हटाने की योजना बनाई गई है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Wed, 18 Nov 2020 11:12 AM (IST) Updated:Wed, 18 Nov 2020 11:12 AM (IST)
भलस्वा लैंडफिल साइट पर लगाई जाएंगी सात और ट्रॉमेल मशीनें, कूड़ा निस्तारण कार्य में आएगी तेजी
एक मशीन के जरिये प्रतिदिन तीन सौ टन कूड़े का निस्तारण हो रहा है।

नई दिल्ली जागरण संवाददाता। भलस्वा लैंडफिल साइट पर चल रहे कूड़ा निस्तारण कार्य में तेजी लाने के लिए सात और ट्रॉमेल मशीनें लगाई जाएंगी। ये मशीनें एक हफ्ते के अंदर लगेंगी। मौजूदा समय में 17 मशीनों के जरिये कूड़ा के निस्तारण कार्य को संपन्न किया जा रहा है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने भलस्वा लैंडफिल साइट से कूड़े के पहाड़ को दो साल के अंदर समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए गत साल अक्टूबर माह से ही कूड़ों को अलग-अलग करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। लेकिन लॉक डाउन के दौरान कार्य प्रभावित रहा था। ऐसे में दो साल के अंदर कूड़े के पहाड़ को समाप्त करने के लक्ष्य को पार पाने में आशंका बनी हुई है। यही कारण है कि ट्रॉमेल मशीनों की संख्या बढ़ाई जा रही है।

जिस समय योजना का शुभारंभ किया गया था, उस समय करीब साइट 70 एकड़ में फैली भलस्वा लैंडफिल साइट की ऊंचाई कुतुब मीनार (73 मीटर) से भी अधिक हो गई थी। साइट पर 80 लाख मीट्रिक टन से अधिक कूड़ा था। टॉमेल मशीनों के माध्यम से कूड़े को अलग-अलग किया जा रहा है। इसके तहत कूड़े में मौजूद मिट्टी, प्लास्टिक कचरे व ठोस पदार्थ आदि को अलग किया जा रहा है। एक मशीन के जरिये प्रतिदिन तीन सौ टन कूड़े का निस्तारण हो रहा है।

योजना का मकसद

लैंडफिल के कारण आसपास की कॉलोनियों में रहने वाली बड़ी आबादी के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। लैंडफिल साइट के अंदर खतरनाक केमिकल के रिसाव से भूजल दूषित हो रहा है। बारिश होने पर कूड़े के पहाड़ से नीचे गिरने वाला दूषित पानी लोगों के घरों में प्रवेश कर जाता है। जिसके चलते लोग त्वचा कैंसर, पेट, नेत्र रोग आदि के शिकार हो रहे हैं। कूड़े के पहाड़ में अक्सर आग लग जाने से हवा में उठने वाला धुंआ पर्यावरण को लगातार नुकसान पहुंचा रहा है। ऐसे में पर्यावरण सुरक्षा के साथ लोगों के स्वास्थ्य के लिहाज से कूड़े के पहाड़ को हटाने की योजना बनाई गई है। उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश जेपी ने बताया कि अगले दो तीन दिनों के भीतर सात और ट्रॉमेल मशीनें लगा दी जाएगी। योजना अपने निर्धारित समय पर पूरा हो, यह कोशिश जारी है।

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