पढ़िए- कैसे दो महिलाओं ने गैर मर्द को लिवर देकर बचाई अपने-अपने पति की जान

दो महिलाओं ने अपने-अपने पति की जान बचाने के लिए एक-दूसरे के पति को लीवर डोनेट कर नई जिंदगी दी है। लीवर स्वैप ट्रांसप्लांट के जरिए इस सर्जरी को अंजाम दिया गया।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 18 Apr 2019 10:20 AM (IST) Updated:Thu, 18 Apr 2019 11:00 AM (IST)
पढ़िए- कैसे दो महिलाओं ने गैर मर्द को लिवर देकर बचाई अपने-अपने पति की जान
पढ़िए- कैसे दो महिलाओं ने गैर मर्द को लिवर देकर बचाई अपने-अपने पति की जान

नई दिल्ली, जेएनएन।  दो पत्नियां अपने पतियों की जान बचाने के लिए देवी की तरह सामने आईं। उन्होंने एक-दूसरे के पति को अपना लिवर दान किया। उन्हें 12 घंटे ऑपरेशन थियेटर में रहना पड़ा। 40 डॉक्टरों की टीम ने उनका ऑपरेशन किया।

लिवर की बीमारी से जूझ रहे 45 साल के हरमिंदर सिंह और योगेश शर्मा का साकेत के मैक्स अस्पताल में इलाज चल रहा था। डॉक्टरों ने उन्हें लिवर प्रत्यारोपण की सलाह दी थी, लेकिन कोई अंगदान करने वाला नहीं मिल रहा था। पत्नियां लीवर दान करने में सक्षम नहीं थीं, क्योंकि उनका ब्लड ग्रुप का मिलान नहीं हो रहा था। हरमिंदर का ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव था और उसकी पत्नी गुरदीप कौर का ए पॉजिटिव, वहीं योगेश शर्मा का ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव था और उनकी पत्नी अनु शर्मा का ए पॉजिटिव।

अनु को पता चला कि उनके पति का ब्लड ग्रुप एक अन्य मरीज हरमिंदर की पत्नी से मिल रहा है और हरमिंदर को जिस ब्लड ग्रुप के अंगदानकर्ता की जरूरत है, वह खुद उनका है। अनु ने गुरदीप से बात की। इसके बाद दोनों एक-दूसरे के पति को लिवर दान करने के लिए तैयार हो गईं। लिवर प्रत्यारोपण करने वाले डॉ. सुभाष गुप्ता ने बताया कि हमें जैसे ही अंगदान करने वालों के बारे में पता चला हमने तुरंत उनकी जांच कराई। दोनों मरीजों का प्रत्यारोपण एकसाथ करना था। डॉक्टरों ने 30 जनवरी को एक ही वक्त पर चार ऑपरेशन थिएटर में ऑपरेशन किया।

करना चाहिए अंगदान

अनु शर्मा ने कहा कि लिवर दान करने में कोई खतरा नहीं हैं। लोगों को अंगदान करना चाहिए। दानकर्ता न मिलने की वजह से मैं काफी परेशान थी। गुरदीप से बात करने पर राहत मिली थी। हमारे इस कदम से दो परिवार बिखरने से बच गए। गुरदीप हमारे पड़ोस में ही रहती हैं और अब हम अच्छे दोस्त हैं।

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