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Cyber Fraud: साइबर सेल के नाम से फर्जी मेल भेज लोगों से हो रही ठगी, बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

काफी समय से देखा जा रहा है कि साइबर अपराधी अब अलग-अलग राज्यों की पुलिस की साइबर सेल के नाम से भी फर्जी मेल भेजकर अथवा वाट्स एप पर पुलिस अधिकारियों की तस्वीरें लगाकर कॉल कर डरा धमका कर उगाही करने की कोशिश कर रहे हैं। लोग असली व नकली मेल आइडी होने का अंतर नहीं समझ पाते हैं और साइबर ठगों का शिकार बन जाते हैं।

By Rakesh Kumar Singh Edited By: Abhishek Tiwari Published: Mon, 29 Apr 2024 11:43 AM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2024 11:43 AM (IST)
Cyber Fraud: साइबर सेल के नाम से फर्जी मेल भेज लोगों से हो रही ठगी

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। साइबर अपराधियों के बढते हौसलों ने देश भर के लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है। हर दिन साइबर अपराधी सुबह से देर रात तक लोगों के मोबाइल पर अलग-अलग बहाने कॉल कर, लिंक भेजकर अथवा मेल भेजकर डराने व सहायता के बहाने उनसे पैसे ठगने की कोशिश करते हैं।

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ठगों के झांसे में न आएं

पिछले काफी समय से देखा जा रहा है कि साइबर अपराधी अब अलग-अलग राज्यों की पुलिस की साइबर सेल के नाम से भी फर्जी मेल भेजकर अथवा वाट्स एप पर पुलिस अधिकारियों की तस्वीरें लगाकर कॉल कर डरा धमका कर उगाही करने की कोशिश कर रहे हैं। ठगों के झांसे में आकर जो लोग डरकर मेल पर या कॉलर को उत्तर देने की लापरवाही करते हैं उन्हें वे अपना शिकार बना लेते हैं।

दिल्ली पुलिस साइबर सेल के डीसीपी हेमंत तिवारी का कहना है कि डेटा की चोरी एक समस्या है। लाेग किसी न किसी जरूरी काम के लिए अक्सर अपने दस्तावेज व आईकार्ड आदि का इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में साइबर अपराधी कहीं से भी लोगाें के मोबाइल नंबर व मेल आइडी आसानी से चुरा लेते हैं।

इसके बाद वे लोगों को पुलिस की तरफ से मेल भेजकर अथवा कॉल कर उनसे अलग-अलग बहाने उगाही करने की कोशिश करते हैं। साइबर अपराधी पुलिस की फर्जी मेल आइडी इतनी बारीकी से बनाते हैं जिसे आम लोग असली व नकली मेल आइडी होने का अंतर नहीं समझ पाते हैं और उनके सवालों का उत्तर देकर फंस जाते हैं।

दिल्ली के सभी जिलों में खुले साइबर सेल थाने

डीसीपी का कहना है कि पुलिस की फर्जी मेल आइडी से हर दिन अलग-अलग बहाने सैकड़ों लाेगों को मेल भेजे जाते हैं। ऐसे मेल आने पर पीड़ित को तुरंत दिल्ली के सभी 15 जिलों में खुले साइबर सेल थाने, मुख्य साइबर सेल यूनिट अथवा गृह मंत्रालय के साइबर पोर्टल पर शिकायत करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि कुछ वर्षों से सेक्सटार्शन व बच्चों के पॉर्न साइट देखने संबंधी फर्जी बातें बताकर साइबर अपराधी लोगों को सबसे अधिक शिकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं। मेल में फर्जी कोर्ट आर्डर का भी हवाला दिया जाता है ताकि लोगों में डर पैदा किया जा सके।

मेल पर यकीन करके लोग किसी तरह की कार्रवाई व बदनामी से बचने के लिए साइबर अपराधियों को मुंह मांगी रकम देने को तैयार हो जाते हैं। बच्चों की पार्न साइट देखने संबंधी मेल भेजकर साइबर अपराधी पीड़ितों को डराने के लिए 24 घंटे के अंदर उत्तर देने की बात भी कहते हैं।

डीसीपी का कहना है कि सेक्सटार्शन का वीडियो डालकर पैसे ऐठने के धंधे में शामिल अधिकतर साइबर अपराधी राजस्थान व हरियाणा के मेवात के रहने वाले हैं जबकि पार्न साइट देखने संबंधी मेल भेल कंबोडिया, कजाकिस्तान व थाइलैंड आदि देशों से भेजी जाती है।

इन बातों का रखें ध्यान...

  • सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती करने से बचें।
  • ऑनलाइन लिंक और सोशल मीडिया पर किसी भी तरह के आफर और लालच में ना आएं।
  • अनजान व्यक्ति से फोन पर बात कर उसके बहकावे में ना आएं।
  • अच्छी तरह जांच करने के बाद ही किसी भी बैंक खाते में राशि डालें।
  • फेसबुक, ट्विटर आइडी का पासवर्ड कठिन तरीके का रखें, सरल पासवर्ड न रखें।
  • कोई रुपयों की मांग करता है, तो पहले जांच लें या मैसेज करने वाले से फोन पर संपर्क कर परख लें कि वे जानकार है या नहीं।
  • बैंक कर्मचारी कभी भी फोन पर बैंक खातों से संबंधित जानकारी नहीं मांगते हैं।
  • पुलिस अधिकारियों के नाम से व पुलिस विभाग की ओर से बिना किसी वजह आने वाले मेल फर्जी होते हैं। इससे घबराना नहीं चाहिए।
  • किसी भी अनजान मेल अथवा पुलिस अधिकारियों की तस्वीरें लगी वाट्सएप कॉल को रिसीव न करें

छह माह में साइबर सेल द्वारा की गई कार्रवाई के आंकड़े

  • फर्जी कॉल सेंटर, सोशल मीडिया के जरिये ब्लैकमेल, सेक्सटार्शन, कृप्टो, डिजिटल अरेस्ट, ट्रेडिंग आदि के 140 साइबर अपराधी पकड़े गए
  • 32000 वित्तीय फ्राड की शिकायतें एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज हुई। हर शिकायत पर खाते फ्रीज की अनुरोध मेल भेजी गई, जिसमें 7200 खातों में 62 करोड़ रकम फ्रीज कराई गई।
  • करीब 20 प्रतिशत रकम शिकायतकर्ताओं को वापस किया गया
  • मुख्य साइबर सेल यूनिट द्वारा 45 केसों में आरोप पत्र दाखिल किए गए

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