Weather Update: दिल्ली-NCR में तेज हवा के साथ बारिश, गुरुग्राम में दिन में ही छाया अंधेरा

Weather Update दिल्ली-एनसीआर में सुबह से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। सुबह कुछ इलाकों में बारिश हुई तो कई जगह बादल छाए हुए हैं। शाम तक तेज बारिश के आसार हैं।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 14 Mar 2019 08:04 AM (IST) Updated:Thu, 14 Mar 2019 08:58 PM (IST)
Weather Update: दिल्ली-NCR में तेज हवा के साथ बारिश, गुरुग्राम में दिन में ही छाया अंधेरा
Weather Update: दिल्ली-NCR में तेज हवा के साथ बारिश, गुरुग्राम में दिन में ही छाया अंधेरा

नई दिल्ली [संजीव कुमार]। इस सर्दी में बार-बार बदल रहे मौसम से दिल्लीवासी ही हैरान-परेशान नहीं हैं, बल्कि मौसम विशेषज्ञ भी इसे सामान्य नहीं मान रहे हैं। उनकी नजर में इस बार दिल्ली की सर्दी असामान्य है। इस बार जितने रिकॉर्ड टूटे हैं, उतने पहले कभी नहीं टूटे। इसके पीछे जलवायु परिवर्तन का असर भी बताया जा रहा है। सर्दी के बाद गर्मी के मौसम में भी ऐसी ही हालत रह सकती है।

आमतौर पर सर्दी का मौसम नवंबर से फरवरी तक माना जाता है, लेकिन इस बार सर्दी मार्च के तीसरे सप्ताह में भी प्रभावी है। इस बार तो कई बार ऐसी स्थिति आई जब दिल्ली को शिमला से भी ठंडा बताया गया। सात फरवरी को बड़े स्तर पर हुई ओलावृष्टि ने तो सभी को हैरत में डाल दिया था। एक मार्च को 118 वर्षो में सबसे अधिक ठंड पड़ने वाली तिथि के रूप में दर्ज किया गया।

इस बार पश्चिमी विक्षोभ भी एक के बाद एक आते रहे तो बारिश ने भी पिछले तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए। कोहरा भी इस बार नहीं के बराबर ही नजर आया। मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि सामान्यतया फरवरी से पश्चिमी विक्षोभ धीरे-धीरे ऊपरी अक्षांश की ओर जाना शुरू हो जाते हैं। इससे भारतीय क्षेत्र प्रभावित नहीं होता। लेकिन, इस बार पश्चिमी विक्षोभ दक्षिण की तरफ ज्यादा रहे हैं यानी भारतीय क्षेत्र पर ही प्रभावी हो रहे हैं।

एक तथ्य यह भी सामने आ रहा है कि जनवरी में पश्चिमी विक्षोभ की अधिकता के पीछे भी यही कारण था लेकिन वर्तमान में यह स्थिति न होने के बावजूद पश्चिमी विक्षोभ प्रभावी साबित हो रहे हैं। निश्चय ही यह जलवायु परिवर्तन का असर है।
इस बार टूटे ये रिकॉर्ड
दिसंबर 2018 पिछले 50 सालों में सर्वाधिक ठंडा माह रहा। - दिसंबर और जनवरी में नौ दिन दिल्ली का तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस कम रहा। कोहरे ने 22 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा। घना कोहरा महज नौ घंटे रहा जबकि अमूमन सर्दियों के दौरान यह 45 घंटे तक रहता है।

इस बार सर्दी में बारिश भी सामान्य से कहीं अधिक रही
ज्यादातर दिन तापमान सामान्य से नीचे ही दर्ज किया गया। निसंदेह इस बार की सर्दी असामान्य रही है। बारिश और पश्चिमी विक्षोभ का दौर लगातार बन रहा है। जनवरी में सात, फरवरी में पांच और मार्च में भी अभी दो-तीन विक्षोभ आ चुके हैं। कोहरा अधिक न पड़ने के कारण इस बार कंपकंपी वाले दिनों का गायब रहना भी हैरान करता है। इसे जलवायु परिवर्तन से जोड़कर देखा जा सकता है।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मौसम की स्थिति में चरम की ओर तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। सर्दी में न्यूनतम तापमान कम हो रहा है और शीत लहर बढ़ रही है जबकि गर्मी में अधिकतम तापमान बढ़ रहा है और लू चलने की बारंबारता बढ़ रही है। यह बदलाव भी न केवल दिल्ली बल्कि देश-विदेश में सभी जगह देखने को मिल रहा है। प्रारंभिक तौर पर इसकी वजह जलवायु परिवर्तन ही सामने आ रही है।
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