सिविल सेवा परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में आवाज के नमूने लेने से रोकने का निर्देश देने वाली याचिका खारिज

Civil Services Exam 2017 आवाज का नमूना लेने का उद्देश्य अपराध की जांच करना है लेकिन इसका अर्थ यह समझना गलत होगा कि आवाज का नमूना केवल चार्जशीट दायर होने के समय के भीतर ही लेना होगा अदालत के आदेशों को इस तरह से निरर्थक नहीं बनाया जा सकता है।

By Pradeep Kumar ChauhanEdited By: Publish:Sat, 06 Aug 2022 08:09 PM (IST) Updated:Sat, 06 Aug 2022 08:09 PM (IST)
सिविल सेवा परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में आवाज के नमूने लेने से रोकने का निर्देश देने वाली याचिका खारिज
Civil Services Exam 2017: आवाज का नमूना लेने का उद्देश्य अपराध की जांच करना है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Civil Services Exam 2017: दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रश्न पत्र लीक मामले में जांच एजेंसी को आवाज के नमूने से रोकने का निर्देश देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप पत्र दाखिल करने से पहले और दाखिल करने के बाद जांच के किसी भी स्तर पर आवाज के नमूने लेने के लिए स्वतंत्र है। न्यायमूर्ति आशा मेनन की पीठ ने कहा कि आवाज का नमूना लेने का उद्देश्य किसी अपराध की जांच करना है।

कोर्ट ने हरियाणा सिविल सेवा (न्यायिक) प्रारंभिक परीक्षा 2017 के लिए निर्धारित प्रश्न पत्र के लीक होने से संबंधित मामले में एक आरोपित द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए टिप्पणी की। अदालत का विचार है कि जांच के लंबित रहने के दौरान आवाज का नमूना उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन याचिकाकर्ता ने उस आदेश का पालन नहीं किया।

आवाज का नमूना लेने का उद्देश्य अपराध की जांच करना है, लेकिन इसका अर्थ यह समझना गलत होगा कि आवाज का नमूना केवल चार्जशीट दायर होने के समय के भीतर ही लेना होगा, अदालत के आदेशों को इस तरह से निरर्थक नहीं बनाया जा सकता है। कोर्ट ने आदेश देने वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा कि विशेष न्यायाधीश एक तारीख तय कर सकते हैं, जब याचिकाकर्ता अपनी आवाज का नमूना देने के लिए सीएफएसएल, चंडीगढ़ के समक्ष पेश होगा।

chat bot
आपका साथी