अंतरराष्ट्रीय योग दिवसः दवा के साथ योगाभ्यास होता है ज्यादा कारगर

मोटापा, तनाव, मधुमेह, अस्थमा, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के इलाज में दवा के साथ-साथ योग किया जाए तो यह टॉनिक का काम करता है।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 21 Jun 2017 08:43 AM (IST) Updated:Wed, 21 Jun 2017 04:12 PM (IST)
अंतरराष्ट्रीय योग दिवसः दवा के साथ योगाभ्यास होता है ज्यादा कारगर
अंतरराष्ट्रीय योग दिवसः दवा के साथ योगाभ्यास होता है ज्यादा कारगर

नई दिल्ली (रणविजय सिंह)। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने अपने कई शोधों में योग की उपयोगिता पर मुहर लगा दी है। मोटापा, तनाव, मधुमेह, अस्थमा, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के इलाज में दवा के साथ-साथ योग किया जाए तो यह टॉनिक का काम करता है।

इसे ध्यान में रखते हुए एम्स यह प्रोटोकॉल तैयार करने में लगा है कि किस बीमारी में योगासन लाभदायक रहेगा। इसके लिए संस्थान के विभिन्न विभागों में योग से जुड़ी 20 परियोजनाओं पर शोध चल रहा है।

एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि संस्थान के सेंटर फॉर इंटिग्रेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च के नेतृत्व में विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान के साथ मिलकर योग से जुड़ी परियोजनाओं पर शोध किया जा रहा है।

विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान के 10 योग विशेषज्ञ शोध में मदद कर रहे हैं। इसका मकसद योग के फायदों पर साक्ष्य एकत्रित करना है, ताकि इलाज में योग की भी मदद ली जा सके।

अस्थमा के मरीजों की घट जाती हैं दवाएं

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि एम्स में अस्थमा के इलाज में योग के लाभ पर पहले शोध हो चुका है। पाया गया था कि अस्थमा के मरीजों को दवा व इनहेलर देने के साथ-साथ योग कराया जाए तो फेफड़ा मजबूत होता है और मरीज की दवाएं धीरे-धीरे कम हो जाती हैं।

एम्स इस शोध के नतीजों को कनाडा में प्रदर्शित कर चुका है। एक अन्य शोध में पाया गया है कि अस्थमा के मरीजों के लिए योग रिहैबिलिटेशन के बराबर कारगर है। रिहैबिलिटेशन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कई उपकरणों की जरूरत पड़ती है, जबकि योग में कोई खर्च नहीं आता।

उन्होंने कहा कि फेफड़े की बीमारी आम होती जा रही है। इलाज के बाद टीबी तो ठीक हो जाती है, लेकिन मरीज के फेफड़े कमजोर हो जाते हैं इसलिए सीओपीडी व टीबी के इलाज में योग के इस्तेमाल पर भी शोध शुरू किया गया है। इसके अलावा हृदय व दिमाग की बीमारियों में योग के इस्तेमाल पर शोध चल रहा है।

योग से खून की गुणवत्ता में होता है परिवर्तन

योग से शरीर के अंदर कई तरह के परिवर्तन आते हैं। एम्स में कुछ मरीजों को 12 सप्ताह तक योग कराकर उनके खून की जांच की गई तो पाया गया कि ब्लड प्रेशर, स्ट्रॉक, तनाव आदि बीमारियों के लिए जिम्मेदार मार्कर की कमी आ गई थी।

हृदय के मरीजों को भी लाभ

योग हृदय के ऐसे मरीजों के लिए भी उपयोगी है जिनकी बाईपास सर्जरी संभव नहीं होती। एम्स में किए गए शोध में यह पाया गया था कि सर्जरी नहीं हो पाने के बावजूद योग ऐसे मरीजों का जीवन बढ़ाने में मददगार है।

इग्रेन के इलाज पर शोध शुरू

लोगों में माइग्रेन की समस्या लगातार बढ़ रही है। न्यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने माइग्रेन के इलाज में योग के इस्तेमाल पर शोध शुरू किया है। 144 लोगों पर यह शोध किया जा रहा है। इन्हें एक साल तक सप्ताह में तीन दिन योग कराकर उसके नतीजों का परीक्षण किया जाएगा।

डॉक्टरों को उम्मीद है कि शोध के नतीजे उत्साहजनक आएंगे। माइग्रेन के अलावा योग मिर्गी के इलाज में कितना लाभकारी है, इस पर भी शोध शुरू किया गया है।

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