Farmers Protest in Delhi: किसान और सरकार की वार्ता खत्‍म, शनिवार को फिर होगी अगली बैठक

विज्ञान भवन में करीब 40 किसान संगठनों के नेता और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल के बीच मीटिंग चल रही है। उधर नोएडा-दिल्ली बॉर्डर यूपी बॉर्डर जैसी कई जगहों पर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 07:29 AM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 07:45 PM (IST)
Farmers Protest in Delhi: किसान और सरकार की वार्ता खत्‍म, शनिवार को फिर होगी अगली बैठक
यूपी गेट पर किसानों की पुलिस के साथ धक्कामुक्की जारी है।

नई दिल्ली, जेएनएन/ एएनआइ। नए कृषि कानूनों पर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच मीटिंग शुरू हो गई है। विज्ञान भवन में करीब 40 किसान संगठनों के नेता और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल के बीच मीटिंग चल रही है।  बैठक से पहले एक किसान नेता ने कहा कि  हम शिक्षित किसान हैं, हम जानते हैं कि हमारे लिए क्या अच्छा है। हम चाहते हैं कि इन कानूनों को वापस लिया जाए। दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्र सरकार के साथ किसान नेताओं की बैठक से मिल रही ताजा जानकारी के मुताबिक किसान नेताओं ने सरकार को सुझाव दिया कि संसद का एक विशेष सत्र बुलाया जाए और नए कृषि कानूनों को समाप्त किया जाए। आज की वार्ता खत्‍म हो चुकी है। अगली बैठक फिर शनिवार को होगी।

इधर, कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य को नहीं छेड़ा जाएगा। इसमें किसी प्रकार कोई बदलाव नहीं किया गया है और ना ही किया जाएगा।

नोएडा के डॉ. अंबेडकर मेमोरियल पार्क में किसानों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध जारी रखा है। भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के प्रवक्ता राजीव मलिक ने कहा कि हमारे संगठन के दो सदस्यों ने आज सरकार के साथ वार्ता में भाग लिया। हमने इसमें एमएसपी पर गहन चर्चा की।

कृषि कानून के खिलाफ अब पंजाब में अवॉर्ड वापस कर भी अपना विरोध दर्ज करवाया जा रहा है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्म विभूषण सम्मान वापस करने की बात कही है। इसके कुछ ही देर बाद अकाली दल के नेता रहे सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी अपना पद्म भूषण सम्मान लौटाने की बात कही है। 

#WATCH | Agitating farmers assembled at Ghazipur border (UP-Delhi border) try to break police barricades. pic.twitter.com/IOsqdJtQsG— ANI UP (@ANINewsUP) December 3, 2020

प्रकाश सिंह बादल (पंजाब के पूर्व सीएम) ने कहा कि उन्होंने किसानों के लिए पूरे जीवन संघर्ष किया। उन्होंने सरकार को एक मजबूत संदेश भेजने के लिए अपना पुरस्कार लौटाया है। किसानों को इन कानूनों की आवश्यकता नहीं है, फिर सरकार उन्हें किसानों पर क्यों थोंप रही है ? शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल ने भी कहा कि ये कानून किसानों के हित में नहीं है।

उधर दिल्ली की सीमा पर सुबह से लगे जाम को खत्म करने के लिए ट्रैफिक पुलिस की ओर से एडवाइजरी जारी की गई। पुलिस ने बताया कि टीकरी, झाड़ौदा बॉर्डर हर तरह के ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद हैं। बदुसराय बॉर्डर केवल लाइट मोटर व्हीकल जैसे कारों और दो पहिया वाहनों के लिए खुला है। झटीकरा बॉर्डर केवल टू व्हीलर ट्रैफिक के लिए खुला है।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ओर से सूचना दी गई है कि हरियाणा जाने वालों के लिए बॉर्डर खुले हुए हैं वाहन चालक यहां से जा सकते हैं। इसमें धनसा, दौराला, कपसेरा, राजोखरी NH 8, बिजवासन / बजघेरा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हुए हैं। विज्ञान भवन में मीटिंग के दौरान किसानों ने सरकारी खाने को भी ना कर दी, उन्होंने अपने साथ लाया हुआ खाना खाया। 

#WATCH | Delhi: Farmer leaders have food during the lunch break at Vigyan Bhawan where the talk with the government is underway. A farmer leader says, "We are not accepting food or tea offered by the government. We have brought our own food". pic.twitter.com/wYEibNwDlX— ANI (@ANI) December 3, 2020

LIVE Farmers Protest in Delhi दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्र सरकार के साथ किसान नेताओं की बैठक से मिल रही ताजा जानकारी के मुताबिक किसान नेताओं ने सरकार को सुझाव दिया कि संसद का एक विशेष सत्र बुलाया जाए और नए कृषि कानूनों को समाप्त किया जाए। शिरोमणि अकाली दल (लोकतांत्रिक) के प्रमुख और राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ने कृषि कानूनों के विरोध में पद्म भूषण पुरस्कार लौटाने की घोषणा की।  पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने पद्म विभूषण सम्मान को केंद्र सरकार को वापस करने की घोषणा की है। ऐसा उन्होंने किसानों के समर्थन में किया है।  भीम आर्मी चीफ चंद्र शेखर ने सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने कहा, "अगर सरकार तानाशाह हो जाती है तो लोगों को सड़कों पर उतरना चाहिए। सरकार को इस आंदोलन को रोकना चाहिए। हम अपने किसानों का समर्थन करने के लिए यहां हैं और अंत तक उनके साथ खड़े रहेंगे।" किसानों के प्रदर्शन की वजह से दिल्ली और दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद  और हरियाणा की सीमाओं पर जाम लगा है। कई जगहों पर रूट डायवर्ट किया गया है।  दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान नेता राकेश टिकैट ने कहा कि हमें उम्मीद है कि वार्ता सकारात्मक होगी। अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो किसान दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेंगे।   किसान मजदूर संघर्ष समिति, पंजाब ने कहा कि जब तक पीएम मोदी सभी 507 किसान यूनियनों के नेताओं के साथ बैठक नहीं करेंगे तब तक वह सरकार द्वारा बुलाई गई किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।  बताया गया है कि दोनों नेताओं के बीच किसानों के मुद्दे पर चर्चा हुई। विज्ञान भवन में गुरुवार दोपहर 12 बजे होने वाली बैठक में कुल 35 किसान संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा ले सकते हैं। तोमर ने कहा, ‘हम किसानों के साथ बैठक करेंगे जिसमें किसी हद तक समाधान हो सकता है।’ उन्होंने कहा, ये कानून किसानों के हित में हैं। लेकिन कोई दिक्कत है तो हम उनकी चिंताओं पर चर्चा करने को तैयार हैं। किसानों के साथ मंगलवार को हुई वार्ता में उठाए गए सवालों और गुरुवार को होने वाली चौथे दौर की बैठक की रणनीति पर विचार करने के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गृह मंत्री शाह से उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान कृषि कानूनों को खत्म करने जैसी किसानों की जिद पर चर्चा हुई। गुरुवार की बैठक में किसानों को मनाने और कानून की बारीकियों से उन्हें परिचित कराने का प्रयास किया जाएगा। माना जा रहा है कि किसानों के बड़े प्रतिनिधिमंडल की जगह सीमित संख्या में आने की बात को नकार देने जैसे मसले भी वार्ता की गंभीरता को प्रभावित करेंगे। उधर, बार्डर पर डटे किसान संगठनों की कई बैठकें हुईं, जिसमें केंद्रीय मंत्रियों के साथ होने वाली वार्ता के एजेंडे पर कोई आम राय नहीं बन पाई। जबकि सरकार ने उन्हें बुधवार शाम तक अपनी आपत्तियों की सूची सौंप देने को कहा था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। किसानों की संयुक्त बैठक में भारतीय किसान यूनियन-टिकैत (भाकियू-टिकैत) के नेता राकेश टिकैत का संगठन भी शामिल हुआ। कृषि मंत्री की मंगलवार को भाकियू-टिकैत के नेताओं से अलग से मुलाकात हुई थी, जिसे लेकर माना जा रहा है कि आंदोलन कर रहे किसान संगठनों में मुद्दों को लेकर मतभेद है। लेकिन किसान संगठनों की बुधवार की बैठक में पंजाब के किसान संगठनों के साथ टिकैत ने भी हिस्सा लिया। टिकैत ने बताया कि बैठक में सभी किसान संगठनों के नेताओं से कहा गया कि जारी किए जाने वाले बयानों में एकरूपता होनी चाहिए। मसले एक जैसे होने चाहिए। सरकार को सौंपी जाने वाली सूची के बारे में टिकैत ने बताया, ‘एमएसपी की गारंटी और संसद के पिछले सत्र में पारित तीनों कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग पर वे अड़े रहेंगे। 

ये भी पढ़ें:- बडा़ सवाल- क्या शिरोमणि अकाली दल की साख बचाने के लिए बादल ने खेला अंतिम दांव

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो

chat bot
आपका साथी