Coronavirus: देश की पहली महिला हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पद्मावती ने 103 साल की उम्र में तोड़ा दम

Doctor sivaramakrishna iyer padmavati passes away डॉ. एस पद्मावती कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आ गई थीं जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

By JP YadavEdited By: Publish:Mon, 31 Aug 2020 09:02 AM (IST) Updated:Mon, 31 Aug 2020 09:02 AM (IST)
Coronavirus: देश की पहली महिला हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पद्मावती ने 103 साल की उम्र में तोड़ा दम
Coronavirus: देश की पहली महिला हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पद्मावती ने 103 साल की उम्र में तोड़ा दम

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Doctor sivaramakrishna iyer padmavati passes away देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच ठीक होने वालों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। बावजूद इसके इस राहत के बीच राजधानी दिल्ली से एक बुरी खबर आ रही है। कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने के बाद देश की पहली महिला हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पद्मावती का 103 साल की उम्र में दिल्ली में निधन हो गया। इस बाबत नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट (National Heart Institute Delhi East Of Kailash) ने रविवार को यह जानकारी दी। इसी के साथ रविवार को ही पंजाबी बाग स्थित कोविड-19 शवदाह गृह में उनकी अंत्येष्टि भी कर दी गई है। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक, बेहद कम संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए मौजूद रहे।

नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट ने जारी बयान में कहा है कि देश की पहली महिला हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एस पद्मावती कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आ गई थीं, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बयान में कहा गया है कि संक्रमण के चलते उन्हें सांस लेने में तकलीफ तो थी है, साथ ही बुखार भी था। इलाज के दौरान उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया हो गया था और रविवार को हालत ज्यादा खराब हो गई इसके बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। 

मिली जानकारी के मुताबिक, डॉ. एस पद्मावती ने उत्तर भारत में कार्डियक केयर यूनिट की स्‍थापना दिल्‍ली के नामी अस्पताल गोविंद बल्‍लभ पंत में की थी।  इसे उन्‍होंने ही 1981 में बनवाया था। म्‍यांमार में जन्मीं डॉ. एस पद्मावती जापान पर हमले के चलते किसी तरह भारत आ गई थीं। यहां पहली महिला हृदय रोग विशेषज्ञ बनीं। 

जीबी पंत हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. विजय त्रेहन के मुताबिक, जब हमारे विभाग ने स्थापना के 50 साल पूरे किए थे, तभी वह डॉ. एस पद्मावती से मिले थे। इस दौरान उन्हें सम्मानित भी किया गया था।

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