Delhi Congress: पार्टी की हालत देख कोई बना हलवाई तो किसी का हुआ धर्मकर्म की ओर झुकाव

पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बहुत करीबी लोगों में से एक रहे रोहित को भी पार्टी फिलहाल भुलाए बैठी है। इसलिए द काठीज नाम से अपने फूड आउटलेटस पर ध्यान दे रहे हैं। दिल्ली में इनके 4 आउटलेटस हैं। एक तो कुछ माह पहले ही डिफेंस कॉलोनी में खुला है।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 06 Oct 2020 08:36 AM (IST) Updated:Tue, 06 Oct 2020 08:36 AM (IST)
Delhi Congress: पार्टी की हालत देख कोई बना हलवाई तो किसी का हुआ धर्मकर्म की ओर झुकाव
दिल्ली में लगातार तीन विधानसभा चुनाव कांग्रेस बुरी तरह हारी है।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली में कांग्रेस के लगातार कमजोर होने के पीछे एक बड़ी वजह इसके मजबूत नेताओं की अनदेखी भी है। ऐसे नेताओं की लंबी फेहरिस्त है जो एक जमाने में अपना अच्छा सियासी रसूख रखते थे, लेकिन आज या तो अपने कारोबार में रम गए हैं या फिर धर्म-अध्यात्म में समय बिता रहे हैं। खास बात यह कि ऐसे नेता अभी भी पार्टी के साथ ही खड़े होने की बात करते हैं। अलबत्ता इंतजार है तो पार्टी की नजरें इनायत होने यानि कोई जिम्मेदारी मिलने का।

इनकी मिठाई के चर्चे दूर दूर तक

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष स्व. रामबाबू शर्मा के बेटे विपिन शर्मा ने 2009 में रोहताश नगर दिल्ली से विधानसभा चुनाव जीता। जनता के हक में सदन पटल पर भी खूब आवाज उठाई एवं अपनी विधान सभा के निवासियों संग अब भी सुख दुख में खड़े रहते हैं। लेकिन पार्टी की ओर से आज इन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं है। लिहाजा, "हीरा स्वीटस" के नाम से अपनी मिठाई की दुकानों के कारोबार पर ध्यान दे रहे हैं। दिल्ली एनसीआर में 17 दुकानें खुल चुकी हैं, नवरात्रोें में नई दुकान वाराणसी जबकि साल के अंत तक हरिद्वार में खोलने जा रहे हैं। कहते हैं, पार्टी बुलाएगी तो दौड़े चले जाएंगे। फिलहाल घर चलाने के लिए कारोेबार पर ध्यान दे रहे हैं।

दिल्ली के कोने कोने में जाते इनके काठी रोल

वरिष्ठ कांग्रेस नेता रोहित मनचंदा ने 2002 में निगम पार्षद का चुनाव जीता। 2004 और 2005 में दो बार दक्षिणी दिल्ली नगर निगम जोन के अध्यक्ष रहे। साकेत से विधायक का चुनाव भी लड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. शीला दीक्षित के बहुत करीबी लोगों में से एक रहे रोहित को भी पार्टी फिलहाल भुलाए बैठी है। इसलिए "द काठीज" नाम से अपने फूड आउटलेटस पर ध्यान दे रहे हैं। दिल्ली में इनके चार आउटलेटस हैं। एक तो कुछ माह पहले ही डिफेंस कॉलोनी में खुला है। इनके वेज, पनीर और चिकन काठी रोल के शौकीनों में गांधी परिवार स्वयं भी है। लेकिन पार्टी की अनदेखी से यह जनाब भी इस समय अपने कारोबार को बढ़ाने में लग गए हैं। कहते हैं, पार्टी के साथ पहले भी खड़ा था, आज भी खड़ा हूं। जिम्मेदारी मिलेगी तो फिर चल दूंगा। तब तक कारोबार पर ध्यान दे रहा है। घर- परिवार की आर्थिक जरूरतें पूरी करना भी जरूरी है।

रोज जाते मंदिर, बांट रहे गीता का ज्ञान

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चौ. प्रेम सिंह से लेकर पूर्व सांंसद जयप्रकाश अग्रवाल के अध्यक्षीय कार्यकाल तक करीब 14-15 साल दिल्ली कांग्रेस के महासचिव रहे ओमप्रकाश विधूड़ी तो अब राजनीति से ही विमुख होने लगे हैं। संगम विहार में इन्होंने सांई बाबा का खूब बड़ा मंदिर बनवाया है। रोजाना मंदिर भी जाते हैं और साथियों को भगवत गीता का ज्ञान भी बांटते हैं। फेसबुक पर भी रोज गीता के किसी एक अध्याय का भावार्थ समझाते हैं। कहते हैं, पार्टी ने जब जब भी जिम्मेदारी दी, शिददत से निभाई। आगे भी कोई आदेश होगा तो अवश्य पूरा करेंगे। तब तक भगवान और अध्यात्म में मन लगा रहे हैं। गीता का ज्ञान सही मायनों में जीवन पथ पर आगे बढ़ने का संदेश देता है। 

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