Kisan Andolan Update: राकेश टिकैत सड़क से हटने को तैयार नहीं और बोले सरकार हठधार्मिता छोड़े वरना संघर्ष और तेज होगा, जानिए और क्या कहा?

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत केंद्र सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद वहां से दिल्ली पुलिस और किसान संगठनों को निर्देश मिल चुके हैं। दिल्ली पुलिस बैरिकेड हटा रही है मगर किसान रास्ता नहीं खोल रहे।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 31 Oct 2021 05:53 PM (IST) Updated:Sun, 31 Oct 2021 05:53 PM (IST)
Kisan Andolan Update: राकेश टिकैत सड़क से हटने को तैयार नहीं और बोले सरकार हठधार्मिता छोड़े वरना संघर्ष और तेज होगा, जानिए और क्या कहा?
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत केंद्र सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत केंद्र सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं। बीते कुछ दिनों से धरना स्थलों पर मची हलचल के बाद किसानों के मन में भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद वहां से दिल्ली पुलिस और किसान संगठनों को निर्देश मिल चुके हैं कि वो हमेशा के लिए रास्ता नहीं बंद कर सकते हैं। रास्ता बंद हुए 11 माह का समय हो चुका है। इस मामले की सुनवाई नवंबर माह में होनी है। कोर्ट पहले ही ये कह चुका है कि प्रजातंत्र में प्रदर्शन करने का अधिकार हर नागरिक को है मगर कोई हमेशा के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग या सड़क जाम नहीं कर सकता है।

ललितपुर में एक और किसान रघुवीर पटेल ने खाद न मिलने से दुखी होकर आत्महत्या कर ली। केंद्र व राज्य सरकार किसानों को आत्महत्या के अंधे कुएं में धकेल रही है। सरकार हठधर्मिता छोड़े, वरना संघर्ष और तेज होगा ।#FarmLawsAreSuicidalLaws #FarmersProtest— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) October 30, 2021

कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद दिल्ली के टीकरी बार्डर और गाजीपुर बार्डर पर हलचल बढ़ गई है। दिल्ली पुलिस यहां लगाए गए बैरिकेड को हटा रही है। जिससे 11 माह से बंद रास्ता खुल सके और हजारों वाहन चालकों को सुविधा हो सके। इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर फिर हमला बोला, कहा कि सरकार हठधार्मिता छोड़े, वरना संषर्घ और तेज होगा। दरअसल उन्होंने ये ट्वीट ललितपुर में एक और किसान रघुवीर पटेल के खाद न मिलने से दुखी होकर आत्महत्या करने पर किया था। ली।

उन्होंने लिखा कि केंद्र व राज्य सरकार किसानों को आत्महत्या के अंधे कुएं में धकेल रही है। सरकार हठधर्मिता छोड़े, वरना संघर्ष और तेज होगा। वो प्रत्यक्ष रूप से इस आंदोलन के लिए केंद्र सरकार को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, उनका कहना है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून को खत्म कर दें तो किसान वापस चले जाएंगे।

अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट पर राकेश टिकैत ने लिखा कि हमारी लड़ाई तीन काले कानूनों के खिलाफ और एमएसपी पर गारंटी कानून को लेकर है। जिन किसानों की फसल कहीं नहीं बिक रही है वह दिल्ली में फसल बेचने जाएंगे। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि किसान खाद की लाईन में मर रहा। धान बेचने के लिए दिन-रात दर - दर भटक रहा, आर्थिक बदहाली से परेशान किसान नौजवान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहा! ‘मोदी जी ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी होगी.? मगर किसान की न तो उपजी फसल बिक रही है न ही उसे खाद मिल पा रही है।
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