दूल्हा-दुल्हन को बताया भाई-बहन, पंचायत का फरमान- शादी करके दिखाओ

समाज के लोगों का कहना है कि इन दोनों का एक ही गोत्र है, जिससे ये दोनों रिश्ते में भाई-बहन हुए। ऐसे में इन दोनों का शादी करना हर लिहाज से गलत है।

By JP YadavEdited By: Publish:Sun, 28 May 2017 08:25 AM (IST) Updated:Sun, 28 May 2017 10:02 PM (IST)
दूल्हा-दुल्हन को बताया भाई-बहन, पंचायत का फरमान- शादी करके दिखाओ
दूल्हा-दुल्हन को बताया भाई-बहन, पंचायत का फरमान- शादी करके दिखाओ

नई दिल्ली (जेएनएन)। देश के विभिन्न राज्यों में हमारी कुछ खाप पंचायतें आए दिन ऐसे तुगलकी फरमान जारी करती रहती हैं, जिन्हें सुनकर-जानकर यकीन ही नहीं होता कि हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। तुगलकी फरमान का नया मामला देश की राजधानी दिल्ली से आया है। दिल्ली के रघुबीर नगर में बावरी समाज के लोगों ने पंचायत कर एक लड़की और एक लड़के शादी नहीं करने की चेतावनी दी है। पंचायत का कहना है कि अगर यह शादी की गई, तो हमसे बुरा कोई नहीं होगा।

यह है पूरा मामला

यहां पर रहने वाली युवती राखी और युवक अमित दोनों शादी एक-दूसरे से प्यार करते हैं और शादी के बंधन में बंधना चाहते हैं। दोनों के प्यार के आगे झुकते हुए दोनों के घरवाले भी रजामंद है। वहीं, बावरी समाज के लोग इस शादी के लिए तैयार नहीं हैं।

समाज के लोगों का कहना है कि इन दोनों का एक ही गोत्र है, जिससे ये दोनों रिश्ते में भाई-बहन हुए। ऐसे में इन दोनों का शादी करना हर लिहाज से गलत है। 

पंचायत का कहना है कि हम कानून को नहीं मानते। हमारा समाज अलग है। हमारे कानून अलग हैं। हम इन दोनों कि शादी नहीं होने देंगे। फिर चाहे कुछ भी हो जाएं।

बड़ी मुश्किल से हो रही है राखी की शादी

राखी दिव्यांग है और उसका एक हाथ कटा हुआ है। ऐसे में राखी के लिए रिश्ते नहीं आ रहे। वहीं,  अमित राखी से शादी के लिए तैयार है। राखी की मानें तो दिव्यांग होने के चलते उससे कोई शादी नहीं करना चाहता था

वहीं, अमित का भी कहना है कि हम दोनों शादी करना चाहते हैं। वहीं, खाप के एतराज पर कि लड़का और लड़की का एक ही गोत्र है, तो राखी की बुआ ने उनका समाज ही बदलवा दिया। बताया जा रहा है कि राखी की बुआ पंजाबी हैं और उन्होंने क़ानूनी रूप से राखी को गोद ले लिया है।

अगले हफ्ते है राखी-अमित की शादी

छह जून को राखी और अमित की शादी होने वाली है। शादी की पत्रिका भी बांटी जा चुकी है। अब इस जोड़े ने पुलिस से मदद मांगने का फैसला लिया है। वहीं, बावरी समाज शादी नहीं होने देने के लिए अड़ा है। 

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