Delhi Trade Fair 2022: अब लीजिए 'बोलता' महाभारत, कहीं आर्केस्टा का जलवा, कहीं ढोल नगाड़े की थाप
बोलती रामायण के बाद इस बार हाल नं. 11 में बोलता महाभारत भी मिल रहा है। एक आडियो डिवाइस में महाभारत की गाथा को बहुत ही प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है। स्टाल संचालक अभय माहेश्वरी बताते हैं कि महाभारत को घर में रखना शुभ नहीं माना जाता।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। 41वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के दौरान इन दिनों प्रगति मैदान में अनेकानेक आकर्षण दर्शकों को अनायास ही खींच लेते हैं। हाल चाहे कोई हो, कुछ न कुछ आकर्षण नजर आ ही जाता है। आपको बता दें कि 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस मेले की थीम इस बार 'वोकल फार लोकल' और लोकल टू ग्लोबल' रखी गई है। वहीं, मेले में 'आजादी के अमृत महोत्सव' की भी झलक आपको देखने को मिलेगी। इस मेले में एंट्री 14 से 26 नवंबर तक सुबह 10 बजे से शाम 7:30 बजे तक और 27 नवंबर को सुबह 10 बजे से शाम 4:30 बजे तक रहेगा।
'बोलता' महाभारत, पढ़ने की जरूरत ही नहीं
बोलती रामायण के बाद इस बार हाल नं. 11 में 'बोलता' महाभारत भी मिल रहा है। एक आडियो डिवाइस में महाभारत की गाथा को बहुत ही प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है। स्टाल संचालक अभय माहेश्वरी बताते हैं कि महाभारत को घर में रखना शुभ नहीं माना जाता। किन्तु अब इसे आडियो डिवाइस के जरिए सुना जा सकता है। न रखने और न ही पढ़ने की जरूरत है। खास बात यही कि इस डिवाइस में भागवत गीता, दुर्गा सप्तशती, विष्णु पुराण, शिव पुराण, रूद्री पाठ व नारायण कवच भी उपलब्ध है।
दिल्ली मंडप में दिखा आर्केस्टा का जलवा
हाल नं. चार में स्थित दिल्ली मंडप के बाहर ऐतिहासिक इमारतों के दीदार के साथ ही दिल्ली लिखा हुआ एक कटआउट लगाया गया है। उसके बगल में बैठे आर्केस्टा बजाते कुछ युवा आपका ध्यान अपनी ओर खींच लेंगे। पुराने गानों की धुन हो या नए गाने, उनके आर्केस्टा का जलवा ही कुछ ऐसा ही है कि आप वहां बिना रूके आगे नहीं बढ़ पाएंगे। ये आर्केस्टा शिक्षा निदेशालय का है। आर्केस्टा के एक सदस्य देव कपूर ने बताया कि मैं दिल्ली सरकार के स्वरूप नगर के स्कूल में आर्केस्टा का टीचर हूं। हमारा पूरा ग्रुप 14-27 नवंबर तक यहां सिर्फ आर्केस्टा के जरिए दर्शकों को आकर्षित ही नहीं करेगा, बल्कि बच्चों को म्यूजिक के प्रति जागरूक करने के लिए यहां सिखाएगा भी।
पंजाब के भांगड़े संग नाचे दर्शक
पंजाब और पंजाबियों का कोई सानी नहीं है। पंजाब मंडप ने जहां अपने प्रदेश की प्रगति की एक लंबी श्रृंखला को प्रस्तुत किया है। वहीं, दर्शकों को जो सबसे अधिक आकर्षक कर रहा है, वो है रंग-बिरंगे पारंपरिक वस्त्रों से सजे पंजाबी लोग और बड़ा सा ढोल, जिसकी थाप पर वो भांगडा कर दर्शकों को लुभा रहे हैं। पंजाब मंडप के सामने इन लोक नर्तकों के साथ दर्शक भी भांगडा डालते और फोटो खिंचवाते नजर आ जाते हैं। इसी तरह हरियाणा मंडप में नगाड़े की थाप पर भी दर्शक बरबस ही थिरक उठते हैं।
बिहार मंडप में छोटे व्यवसायियों की नई योजना
हाल नं. दो में स्थित बिहार मंडप में युवा दर्शकों की रूचि देखने को मिलती है। थीम पर आधारित स्टाल्स देखने को लेकर दर्शकों में काफी उत्साह नजर आता है। दरअसल यहां छोटे व्यवसायियों को आगे लाने की नई योजनाओं के साथ यहां प्रदर्शित किया गया है। मंडप में व्यापार मेले की थीम पर अलग-अलग श्रेणियों की वस्तुएं लाई और दर्शाई गई हैं। मंडप में प्रदेश की परंपरा, संस्कृति और आधुनिकता आदि को बेहतरीन ढंग से प्रदर्शित किया गया है।
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