3 साल से एक ही लोकसभा क्षेत्र में तैनात दिल्ली पुलिस अफसरों के होंगे तबादले

लोकसभा चुनाव की घोषणा से पूर्व दिल्ली पुलिस में भारी संख्या में तबादले किए जाएंगे। चुनाव आयुक्त ने दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को पत्र लिखकर कहा है कि वे 2

By Edited By: Publish:Tue, 29 Jan 2019 08:38 PM (IST) Updated:Wed, 30 Jan 2019 08:38 AM (IST)
3 साल से एक ही लोकसभा क्षेत्र में तैनात दिल्ली पुलिस अफसरों के होंगे तबादले
3 साल से एक ही लोकसभा क्षेत्र में तैनात दिल्ली पुलिस अफसरों के होंगे तबादले

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। लोकसभा चुनाव की घोषणा से पूर्व दिल्ली पुलिस में बड़ी संख्या में तबादले किए जाएंगे। चुनाव आयुक्त ने पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को पत्र लिखकर कहा है कि वे 28 फरवरी से पहले ऐसे सभी पुलिस अधिकारियों के तबादले कर दें, जिनकी एक लोकसभा क्षेत्र में तैनाती के तीन साल हो चुके हैं। चुनाव आयुक्त के निर्देश के बाद ऐसे पुलिस अधिकारियों की सूची तैयार की जा रही है। एक हफ्ते बाद उनके तबादले कर दिए जाएंगे। निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए हर बार की तरह इस बार भी इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं।

माना जाता है कि एक ही लोकसभा क्षेत्र में तीन साल से पुलिस अधिकारियों की तैनाती रहने पर उनके इलाके के नेताओं से मधुर संबंध बन जाते हैं। ऐसे में चुनाव के दौरान पक्षपात का आरोप न लगे इसलिए तबादले किए जाते हैं।

पुलिस मुख्यालय के सूत्रों के मुताबिक सब इंस्पेक्टर (एसआइ) से लेकर एसीपी तक के तबादले किए जाएंगे। सबसे अधिक संख्या सब इंस्पेक्टरों की है, जो एक लोकसभा क्षेत्र में तीन साल से अधिक समय से तैनात रहते हैं। इसके बाद दूसरी बड़ी संख्या इंस्पेक्टरों व एसीपी की है।

इन तीनों स्तर के अधिकारियों पर ही इलाके की कानून-व्यवस्था की सारी जिम्मेदारी रहती है। दिल्ली पुलिस में करीब 1500 सब इंस्पेक्टर व 500 इंस्पेक्टर व एसीपी हैं, जिनके तबादले किए जाएंगे। ऐसे डीसीपी के भी तबादले किए जाएंगे, जिनके घर उन्हीं के जिले में पड़ते हैं।

पुलिस आयुक्त ने सभी डीसीपी से पिछले लोकसभा व विधानसभा चुनाव के दौरान दर्ज किए गए मुकदमों की सूची भी मांगी है। उन्होंने कहा है कि उस दौरान अगर किसी प्रत्याशी पर शराब बांटने, पैसा बांटने व अन्य किसी तरह के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था या उन्होंने मुकदमा दर्ज कराया था तो उस बारे में जल्द से जल्द जानकारी दी जाए।

पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के नेताओं पर अवैध रूप से शराब जमा करने के आरोप लगे थे। पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज कर लिया था, लेकिन इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई। कई मुकदमों को क्राइम ब्रांच में ट्रांसफर कर दिया गया था।

इस बार दिल्ली पुलिस पर और अधिक दबाव रहने की संभावना है, क्योंकि कुछ राजनीतिक दलों के बीच इस बार ज्यादा जोर आजमाइश रहने की संभावना है। इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है।

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