Money Laundering Case में दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को क्यों नहीं मिली बेल? कोर्ट ने फैसले में वजह बताई

Money Laundering Case में जून 2022 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन को अभी जेल में ही रहना होगा क्योंकि राउज एवेन्यू की विशेष अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।

By Ashish GuptaEdited By: Publish:Fri, 18 Nov 2022 04:59 AM (IST) Updated:Fri, 18 Nov 2022 07:19 AM (IST)
Money Laundering Case में दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को क्यों नहीं मिली बेल? कोर्ट ने फैसले में वजह बताई
दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मनी लांड्रिंग मामले में बृहस्पतिवार को दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन, सह आरोपित अंकुश जैन और वैभव जैन को राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया। विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया सत्येंद्र जैन एक करोड़ रुपये से ज्यादा की मनी लांड्रिंग करने और अपराध से हुई आय को छिपाने में शामिल प्रतीत होते हैं।

1. मनी लांड्रिंग गंभीर आर्थिक अपराध

यह भी कहा कि सत्येंद्र जैन ने कोलकाता के एंट्री आपरेटरों को नकद देकर प्रयास इन्फोसाल्यूशंन प्राइवेट लिमिटेड, अकिंचन डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के शेयर बेचने के नाम पर खातो में राशि ली। जानबूझकर इस तरह से गतिविधियों को अंजाम दिया। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि मनी लांड्रिंग गंभीर आर्थिक अपराध है। इसकी साजिश गहरी होती है और सार्वजनिक धनराशि का भारी नुकसान होता है।

2. सत्येंद्र पर शेल कंपनियों से पैसे लेने का आरोप

ईडी का दावा है कि सत्येंद्र जैन ने इन तीनों शेल कंपनियों के शेयर बेचने के एवज में इन कंपनियों के खाते में 4.61 करोड़ रुपये प्राप्त किए। यह राशि पहले हवाला के जरिये कोलकाता के हवाला आपरेटरों को भेजी गई थी। यह भी आरोप लगाया था कि इन कंपनियों का गठन दिल्ली में जमीन खरीदने के उद्देश्य से किया गया था। यह तर्क भी कोर्ट के समक्ष प्रमुखता से रखा गया।

3. मनी लान्ड्रिंग हुई

कोर्ट ने माना कि सत्येंद्र जैन ने अपराध से अर्जित आय 4.61 करोड़ रुपये के एक तिहाई के बराबर धन की मनी लांड्रिंग की। इसके अलावा अपनी कंपनी जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कोलकाता के आपरेटरों से प्रविष्टियां प्राप्त कर 15 लाख रुपये काले धन को सफेद बनाने के लिए भी इसी कार्यप्रणाली का उपयोग किया।

4. वैभव और अंकुश ने अपराध की आय छिपाने में की मदद

कोर्ट ने आदेश में कहा कि आरोपित वैभव जैन और अंकुश जैन ने जानबूझकर सत्येंद्र कुमार जैन को अपराध की आय को छिपाने में मदद की। आय प्रकटीकरण योजना (आइडीएस) 2016 के तहत अपराध की आय को उनकी बेहिसाब आय बतानापीएमएलए की धारा-तीन में परिभाषित मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के लिए प्रथम दृष्टया दोषी हैं।

ये था आरोपितों का पक्ष

ईडी ने गत 30 मई को सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया था। 30 जून को वैभव जैन और अंकुश जैन को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में पहले सत्येंद्र जैन ने जमानत के लिए अर्जी दायर की थी। फिर वैभव जैन और अंकुश जैन ने अर्जी दायर की। सत्येंद्र जैन की तरफ से पक्ष रखा गया था कि ईडी के आरोप निराधार हैं। अर्जित की गई संपत्ति को लेकर ईडी के पास किसी तरह का साक्ष्य नहीं है। इसी तरह बाकी दोनों आरोपितों ने ईडी की जांच पर सवाल उठाए थे।

chat bot
आपका साथी