Delhi Lockdown: दिल्ली में बिगड़ रहे हालात, फिर लागू हो सकता है लॉकडाउन

Delhi Lockdown दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने गृहमंत्री अमित शाह से बुधवार की शाम को मुलाकात की। उन्‍होंने इसकी जानकारी ट्वीट कर खुद दी है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Wed, 10 Jun 2020 09:00 PM (IST) Updated:Thu, 11 Jun 2020 03:54 PM (IST)
Delhi Lockdown: दिल्ली में बिगड़ रहे हालात, फिर लागू हो सकता है लॉकडाउन
Delhi Lockdown: दिल्ली में बिगड़ रहे हालात, फिर लागू हो सकता है लॉकडाउन

नई दिल्‍ली, जागरण संवाददाता। Lockdown in Delhi Again: राजधानी दिल्‍ली में कोरोना के कारण हालात बिगड़ रहे हैं। बुधवार की ही बात की जाए तो यहां एक दिन में कोरोना को लेकर अब तक की सबसे ज्‍यादा मौत का आंकड़ा दर्ज किया गया है। पहले जहां 500-600 मरीज औसततन रोज बढ़ रहे थे वहीं अब यह आंकड़ा 1000 से कम नहीं हो रहा है। बुधवार को भी 1500 से ज्‍यादा संक्रमित मिले हैं। ऐसी आपात स्थिति में कोरोना को लेकर जहां दिल्‍ली सरकार की सरकार भी चिंतिंत दिखाई दे रही है वहीं अब इस बात पर भी चर्चा फिर से शुरू हो गई है कि यहां एक बार फिर सख्‍त लॉकडाउन किया जा सकता है। हालात में सुधार नहीं हुआ तो यहां दिल्‍ली में एक बार लॉकडाउन 6 देखने को जल्‍द ही मिल सकता है।

सीएम ने की गृह मंत्री से मुलाकात

राजधानी में कोरोना संकट के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। माना जा रहा है कि दिल्ली में बिगड़ते हालात को देखते हुए यहां फिर लॉकडाउन लगाया जा सकता है। अमित शाह से मुलाकात के बाद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि गृह मंत्री से कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने सहयोग का आश्वासन दिया।

रोज आने वाले मरीजों को लेकर सरकार कर रही गहनता से समीक्षा

दूसरे राज्यों के लोगों को दिल्ली में इलाज के लिए अनुमति दे दिए जाने के बाद से दिल्ली सरकार की चिंता बढ़ गई है। दिल्ली में ही लगातार मरीज बढ़ते जा रहे हैं और प्राइवेट अस्पतालों में बेड लगभग भर चुके हैं। अब बैंक्वेट हॉल, होटल और स्टेडियम में अस्पताल चलाने की तैयारी हो रही है। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सरकार हालात पर नजर रखे हुए है और रोज आने वाले मरीजों को लेकर गहनता से समीक्षा कर रही है। यदि जरूरी हुआ तो सरकार लॉकडाउन पर फैसला लेगी।

तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मरीजों को लेकर सरकार तनाव में

हालांकि सरकार इस बात को कहती रही है कि कोरोना वायरस अभी जाने वाला नहीं है। ऐसे में व्यावसायिक गतिविधियां बंद हो जाने से सरकार और जनता दोनों के सामने बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो सकता है। मगर दूसरे राज्यों के लोगों को दिल्ली में इलाज में छूट दिए के बाद तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मरीजों को लेकर सरकार तनाव में आ गई है। सरकार की चिंता है कि बेड कहां से आएंगे। सरकार यह भी कह रही है कि दिल्ली में कोरोना वायरस कम्युनिटी ट्रांसमिशन की स्टेज पर है। हालांकि इस बारे में फैसला लेने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है।

दिल्‍ली सरकार और एलजी के बीच विवाद

बता दें कि बीते कुछ दिनों में दिल्‍ली सरकार और एलजी के बीच भी विवाद कोरोना को लेकर ही हुआ हालांकि बाद में सीएम केजरीवाल ने यह साफ कर दिया कि यह वक्‍त दिल्‍ली की जनता की सेवा करने का है। कोरोना वायरस से उपजे इस कठिन हालात के समय राजनीति करने वालों के लिए जगह नहीं होनी चाहिए।

यह हैं दिल्‍ली के ताजा हालात

बता दें कि बुधवार को भी दिल्‍ली में कोरोना के मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। आज भी 1501 मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही दिल्‍ली में कुल संक्रमितों की संख्‍या 32 हजार से पार हो चुकी है। 

क्‍यों है दिल्‍ली की हालत चिंताजनक

मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने चिंता जताते हुए कहा था कि 31 जुलाई तक दिल्ली में कोरोना के साढ़े पांच लाख मरीज हो जाएंगे। उस मुश्‍किल की घड़ी में दिल्ली को करीब 80 हजार बेडों की आवश्‍यकता होगी।उन्होंने उपराज्यपाल अनिल बैजल के निवास पर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक के बाद कहा था कि राजधानी में लगभग 12 से 13 दिन में कोरोना के केस दोगुने हो रहे हैं।

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यहां समझिए क्‍यों डिप्‍टी सीएम ने जताई चिंता

मनीष सिसोदिया ने बताया कि अभी जो डाटा प्रस्तुत किया गया है, उसके अनुसार 30 जून तक कोरोना के मरीजों के लिए दिल्ली में 15 हजार बेडों की जरूरत होगी। 15 जुलाई तक 33 हजार और 31 जुलाई तक 80 हजार बेडों की दरकार होगी।

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