दिवाली से पहले बाजारों में रौनक, बढ़ी दीयों और मूर्तियों की मांग

दिवाली को लेकर दीयों व लक्ष्मी-गणोश की मूर्तियों की खरीदारी बढ़ गई है। इन दिनों जगह-जगह तरह-तरह के दीये देखने को मिल रहे हैं।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Thu, 24 Oct 2019 12:45 PM (IST) Updated:Thu, 24 Oct 2019 12:45 PM (IST)
दिवाली से पहले बाजारों में रौनक, बढ़ी दीयों और मूर्तियों की मांग
दिवाली से पहले बाजारों में रौनक, बढ़ी दीयों और मूर्तियों की मांग

नई दिल्ली, जेएनएन। दिवाली( Diwali) को लेकर दीयों व लक्ष्मी-गणोश की मूर्तियों की खरीदारी बढ़ गई है। इन दिनों जगह-जगह तरह-तरह के दीये देखने को मिल रहे हैं। इसमें भी कोलकाता के दीये व मूर्तियों की अधिक मांग है। राजधानी में प्रदूषण से जंग छिड़ी हुई है, तो उसी क्रम में जगह-जगह इको फ्रेंडली मूर्तियां देखने को मिल रही हैं।

बाजार में मिल रहे हैं अलग-अलग प्रकार के दीये

बाजार में इन दिनों दीये भी विभिन्न प्रकार के आ रहे हैं। डिजाइन वाले दीये लोगों को लुभा रहे हैं। चांदनी चौक के एक दुकानदार ने बताया कि बाजार में लोगों की मांग को देखते हुए पांच से अधिक डिजाइन वाले दीये उपलब्ध हैं। इन दीयों को विशेष रूप से कोलकाता से मंगाया जाता है। जोकि समुंद्र किनारे की मिट्टी के बने होते हैं। यह दीये अन्य दीयों के मुकाबले अधिक चटकदार दिखते हैं।

कोलकाता की मूर्तियों की भी है मांग 

दुकानदार ने बताया कि दीयों के साथ-साथ कोलकाता के ही लक्ष्मी-गणोश की मूर्ती व हटरियों की भी मांग है। उन्होंने बताया कि इन मूर्तियों को अधिक पसंद करने की वजह यह है कि यह मूर्तियां अन्य मूर्तियों से अधिक सुंदर दिखती हैं।

27 अक्टूबर को मनाई जाएगी दिवाली

आपको बता दें कि 27 अक्टूबर को दिवाली का पर्व है। इस पर्व को देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। सरकार की तरफ से दिवाली पर पटाखों का कम इस्तेमाल करने के लिए भी कई मुहिम चलाई गई है। प्रदूषण को कम करने के लिए ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल को  लेकर भी सरकार देशवासियों को जागरुक करने काम कर रही है। 

दिल्‍ली-एनसीआर की खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्‍लिक

यह भी पढ़ें: Gurgaon, Faridabad Sonipat Election Result LIVE : बरोदा से योगेश्वर दत्त आगे, 2 मंत्री रामबिलास-कविता जैन पिछड़े

यह भी पढ़ें: South Haryana Election 2019 Result LIVE: दक्षिण हरियाणा में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

chat bot
आपका साथी