इस साल अक्टूबर की हवा ज्यादा खराब, आने वाले दिन हो सकते हैं मुश्किल भरे

सरकारी विभागों की तमाम कवायद के बावजूद पिछले साल की तुलना में इस बार अक्टूबर में अब तक दिल्ली को कहीं अधिक खराब दिन मिले हैं।

By Edited By: Publish:Thu, 11 Oct 2018 09:30 PM (IST) Updated:Thu, 11 Oct 2018 10:22 PM (IST)
इस साल अक्टूबर की हवा ज्यादा खराब, आने वाले दिन हो सकते हैं मुश्किल भरे
इस साल अक्टूबर की हवा ज्यादा खराब, आने वाले दिन हो सकते हैं मुश्किल भरे

नई दिल्ली (जेएनएन)। सरकारी विभागों की तमाम कवायद के बावजूद पिछले साल की तुलना में इस बार अक्टूबर में अब तक दिल्ली को कहीं अधिक खराब दिन मिले हैं। ऐसे में सीपीसीबी और ईपीसीए दोनों ही गंभीर हो गए हैं। 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू करने के साथ-साथ सीपीसीबी की टीमों का निरीक्षण अभियान और बड़े पैमाने पर शुरू हो जाएगा। 11 दिन में इस साल 7 दिन खराब सीपीसीबी के अनुसार अक्टूबर में इस साल अभी तक खराब दिनों की संख्या अधिक रही है। 2017 में 1 से 11 अक्टूबर के बीच दिल्ली में 5 दिन खराब और 5 दिन सामान्य स्तर प्रदूषण रहा था, लेकिन इस साल तक अब तक 4 दिन सामान्य और 7 दिन खराब स्तर का प्रदूषण मिला है।

पिछले साल 17 अक्टूबर को दिल्ली में पहली बार बेहद खराब स्तर रहा था। पूरे अक्टूबर माह के दौरान पिछले साल 5 दिन सामान्य, 10 दिन खराब, 14 दिन बेहद खराब और एक दिन खतरनाक स्तर का प्रदूषण रहा था। स्थानीय निकायों को अपनी टीमें बनाने के निर्देश सीपीसीबी ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के स्थानीय निकायों को गुरुवार को ही एक बैठक कर निर्देश जारी किए हैं कि प्रदूषण से निपटने के लिए वह भी अपनी टास्क फोर्स टीमों का गठन करें। पराली जलने का सिलसिला शुरू हो चुका है।

दिल्ली की हवा खराब स्तर पर जा चुकी है। ऐसे में प्रदूषण के उल्लंघन के मामलों को तेजी से दूर करने के लिए सीपीसीबी की 41 टीमें दिल्ली- एनसीआर को कवर नहीं कर पाएंगी, इसलिए स्थानीय निकाय भी अपनी टीमों को बनाएं और इन टीमों के लिए एक नोडल अधिकारी भी रखें।

पिछले साल से क्या अलग है

पराली जलाने से रोकने के लिए स्पेशल बजट के तहत स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम बनाया गया है। यह मशीन खेतों में ही पराली को क्रश कर बिछा देती है जिससे मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ती है। पेट कोक पर बैन लगा है ईस्टर्न पेरिफेरल वे शुरू हुआ है औद्योगिक इकाइयों के लिए सॉक्स और नॉक्स के मानक तय हुए हैं

हवा की गति बढ़ी तो प्रदूषण घटा
दिल्ली की गति बढ़ते ही बृहस्पतिवार को न केवल दिल्ली की फिजा में ठंडक का अहसास हुआ बल्कि प्रदूषण भी घट गया। हालांकि यह अभी कुछ ही देर के लिए है। शुक्रवार दोपहर बाद फिर से हवा की गति कम होने लगेगी। इस बीच इन हवाओं के कारण 11 अक्टूबर का दिन पिछले 7 सालों में सबसे ठंडा दर्ज किया गया। गुरुवार को राजधानी का अधिकतम तापमान महज 32.3 डिग्री सेल्सियस रहा। जो सामान्य से एक डिग्री कम रहा।

न्यूनतम तापमान 24.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से चार डिग्री अधिक था। हवा में नमी का स्तर 49 से 79 फीसद दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार हवा की गति औसतन 20 से 22 किलोमीटर प्रति घटे रही। बीच-बीच में यह 35 से 40 किलोमीटर प्रति घटे तक भी दर्ज की गई। सीपीसीबी के अनुसार हवा की गति बढ़ने से पीएम 10 और पीएम 2.5 के प्रदूषक तत्व छंटने में मदद मिली है। दिल्ली का एयर इंडेक्स भी गिरकर 210 पहुंच गया। जबकि बुधवार को यह 241 रहा था।

मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बीपी यादव ने बताया कि यह बदलाव पहाड़ों पर हुई ताजा बर्फबारी की वजह से हुआ है। दूसरी तरफ स्काईमेट वेदर के अनुसार जम्मू-कश्मीर से पश्चिमी विक्षोभ गुजर रहा है। इसकी वजह से उत्तरी राजस्थान और इससे लगते पंजाब व हरियाणा में साइक्लोनिंग सर्कुलेशन बना है। हालाकि मौसम में यह बदलाव कुछ देर के लिए ही है। शुक्रवार से फिर हवा की गति कम हो जाएगी। रात के तापमान में 1 से 2 डिग्री की गिरावट आ सकती है, लेकिन दिन में किसी तरह की राहत नहीं मिलेगी।

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