आप ने निगम पर काबिज भाजपा नेताओं पर लैंडफिल साइटों की सफाई के नाम पर गड़बड़ी का आरोप लगाया

आप ने अब निगमों की सत्ता पर काबिज भाजपा नेताओं पर लैंडफिल साइटों की सफाई के नाम पर 180 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का आरोप लगाया है। आप नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि नगर निगम के ऑडिटर द्वारा एक ऑडिट रिपोर्ट जारी की गई है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sat, 02 Jan 2021 05:50 PM (IST) Updated:Sat, 02 Jan 2021 05:50 PM (IST)
आप ने निगम पर काबिज भाजपा नेताओं पर लैंडफिल साइटों की सफाई के नाम पर गड़बड़ी का आरोप लगाया
आप नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा नेताओं ने किराए की मशीन लेने में फर्जीवाड़ा किया।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) लगातार भाजपा शासित नगर निगमों में भ्रष्टाचार के आरोप लगा कर भाजपा पर निशाना साध रही है। आप ने अब नगर निगमों की सत्ता पर काबिज भाजपा नेताओं पर तीनों लैंडफिल साइटों की सफाई के नाम पर 180 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का आरोप लगाया है। शनिवार को आप नेता दुर्गेश पाठक ने पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि भलस्वा लैंडफिल साइट के संबंध में नगर निगम के ऑडिटर द्वारा एक ऑडिट रिपोर्ट जारी की गई है।

उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए गए एक और भ्रष्टाचार को सामने लाया गया है। पाठक ने कहा कि दिल्ली में स्थित तीनों लैंडफिल साइटों पर कूड़े के पहाड़ों की सफाई करने के लिए नगर निगमों ने सफाई करने वाली मशीन किराये पर ली हैं। उन्होंने बताया कि इन मशीनों के लिए कंपनी के मालिकों के साथ भाजपा शासित नगर निगमों ने 5 साल के लिए करार किया है। एक मशीन का 1 महीने का किराया 6 लाख रुपये तय हुआ है। इस हिसाब से 50 मशीनों का 5 साल का कुल किराया लगभग 180 करोड़ रुपये हुआ। 

ऑडिट रिपोर्ट में दी गई एक मशीन की कीमत का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि बड़ा ही आश्चर्यजनक है कि जिस एक मशीन के लिए भाजपा 1 महीने के लिए 6 लाख रुपये किराया दे रही है, बाजार में उस मशीन की कुल कीमत ही मात्र 17 लाख रुपये है। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा शासित नगर निगम इन 50 मशीनों को बाजार से खरीदती है, तो कुल 8.5 करोड़ रुपये में 50 मशीनें खरीदी जा सकती हैं।

परंतु भाजपा मात्र 8.5 करोड़ रुपये की कीमत वाली मशीनों को किराये पर लेकर 180 करोड़ रुपये का खर्चा कर रही है। जो काम मात्र 8.5 करोड़ रुपये में हो सकता था, भाजपा उस काम को करने के लिए जबरदस्ती जनता की मेहनत की कमाई में से टैक्स के रूप में दिए गए पैसों में से 180 करोड़ रुपये बर्बाद कर रही है। 

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