अपनी खूबसूरती से युवाओं को बुलाती है और फिर ले लेती है जान!

अरावली की पहाड़ियां जितनी खूबसूरत हैं उतनी ही खतरनाक। इन पहाड़ियों पर बनीं दर्जन से अधिक झीलें अब तक कई युवकोंं को मौत की नींद सुला चुकी हैं।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 01 Jun 2016 08:37 AM (IST) Updated:Thu, 02 Jun 2016 07:30 AM (IST)
अपनी खूबसूरती से युवाओं को बुलाती है और फिर ले लेती है जान!

फरीदाबाद (जेएनएन)। अरावली की पहाड़ियां जितनी खूबसूरत हैं उतनी ही खतरनाक। इन पहाड़ियों पर बनीं दर्जन से अधिक झीलें अब तक कई युवकोंं को मौत की नींद सुला चुकी हैं। दिल्ली के ओखला से दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करने फरीदाबाद आए पिंटू नाम के छात्र के साथ भी यही हुआ।

झील में डूबकर अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी की मौत

पिंटू की अरावली की वादियों में बड़वाली झील (खूनी झील) में डूबने से मौत हो गई। नौसेना की रेस्क्यू टीम रविवार को डूबे पिंटू का शव दो दिन बाद मंगलवार की सुबह निकाल पाने में कामयाब हुई।

मौत को बुलावा देती हैं अरावली की खूूबसूरत खूनी झीलें

सूरजकुंड थाना पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। तिपहिया चालक सुरेंद्र सिंह अपने परिवार के साथ ओखला फेस एक नई दिल्ली में रहते हैं। उनका 18 वर्षीय बेटा पिंटू दसवीं कक्षा में पढ़ता था। स्कूल की छुट्टियों के कारण वह अपने चार-पांच दोस्तों के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर रविवार की दोपहर बड़वाली झील पर मौज मस्ती करने के लिए आया था।

बाद में सभी झील में नहाने लगे, लेकिन पिंटू डूबने लगा। उसने बचाओ के लिए आवाज लगाई, लेकिन उसके साथी उसे बचा नहीं सके और वह पानी में समा गया। उसके साथियों ने इस बारे में तुरंत उसके परिजनों को जानकारी दी।

इसके बाद उसके पिता, दो भाई व परिचित लोग बड़वाली झील पर पहुंचे। मौके पर पुलिस के माध्यम से नौसेना टीम भी बुला ली गई। टीम रविवार से पिंटू को तलाश कर रही थी। टीम को मंगलवार की सुबह 11 बजे पिंटू का शव मिला।

बता दें, इससे पहले आठ मई को बल्लभगढ़ भीकम कॉलोनी निवासी एवं कबड्डी खिलाड़ी करण सिंह की इसी झील में डूबकर मौत हो गई थी। इसके बाद से सेव अरावली संस्था के सदस्यों ने गूगल पर इन झीलों की जानकारी हटाने की मांग की थी। हालांकि अभी तक इन झीलों का विवरण नहीं हटाया गया है।

सेव अरावली संस्था का कहना है कि दिल्ली व आसपास के क्षेत्र के युवा गूगल पर इन झीलों का आकर्षण देखकर यहां आते हैं। प्रशासन ने इन झीलों तक जाने वाले रास्तों में खोदाई करवा दी है, मगर युवा पैदल ही इन झीलों तक पहुंच जाते हैं। इस झील के पास झील की गहराई संबंधी एक चेतावनी बोर्ड भी प्रशासन ने लगवाया हुआ है।

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