खुशियों की दीपावली पर अंधेरा न कर दे पटाखा

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : हर्ष, उल्लास और आस्था का पर्व दीपावली लोगों के जीवन में खुशियां लाने के लि

By Edited By: Publish:Wed, 22 Oct 2014 11:22 PM (IST) Updated:Wed, 22 Oct 2014 11:22 PM (IST)
खुशियों की दीपावली पर 
अंधेरा न कर दे पटाखा

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : हर्ष, उल्लास और आस्था का पर्व दीपावली लोगों के जीवन में खुशियां लाने के लिए लेकिन पटाखों ने निकला प्रदूषण और चिंगारी जीवन में अंधेरा भी कर सकती है इसलिए दीपावली पर पटाखा नहीं बल्कि दीपक जलाकर मनाएं।

दीपावली के दिन पटाखा न जलाने के लिए राजधानी के विभिन्न हिस्सों में गैर सरकारी संगठनों से लेकर शिक्षकों, कलाकारों, छात्रों सहित अन्य लोगों ने भी इसके लिए अपील की है। पटाखा जलाने से न केवल स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है बल्कि पशु-पक्षियों के लिए भी घातक सिद्ध हो रहा है।

इसके लिए बड़ी संख्या में लोगों ने राजधानी में अपील की थी। डॉक्टरों की सख्त सलाह है कि पटाखों से दूर रहे, क्योंकि इससे निकलने वाला धुंआ स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है।

राजधानी की हवा में प्रत्येक दीपावली के बाद खतरनाक रसायन हवा में घुलते हैं, जिसमें सल्फर डाईआक्साइड, नाइट्रोजन डाईआक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड सहित अन्य गैस हवा में घुलती है, जिससे कारण सांस की नली में सूजन आ जाती है। कार्बन कण सांस के माध्यम से फेफड़े में जाकर संक्रमण पैदा करते हैं। जिसके कारण अस्थमा का अटैक आता है। डॉक्टर विशेष रूप से लोगों को यह सलाह दे रहे हैं कि दीपावली में पटाखों से दूर रहें।

दिल्ली सरकार राजधानी में प्रदूषण रोकने के लिए एक तरफ विभिन्न उपाय कर रही है जिसमें वाहनों द्वारा कैसे प्रदूषण रोका जाए इस पर जोर है लेकिन पटाखों द्वारा प्रदूषण रोकने के बारे में विशेष प्रयास नहीं कर रही है।

पर्यावरण वैज्ञानिक एमपी जार्ज का कहना है कि आतिशबाजी के दौरान राजधानी में शाम 6 बजे से लेकर रात 10 बजे तक प्रदूषण का स्तर 10-12 गुना बढ़ जाता है। जो किसी भी के लिए हानिकारक है। इसलिए यह पूरी करने की जरूरत है कि किसी भी हाल में पटाखे न जलाएं जाएं, जिससे पर्यावरण में प्रदूषण न बढ़े।

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