MS Dhoni ने भारतीय सेना के सम्मान में लगाया 'बलिदान बैज', ICC ने की ये 'कार्रवाई'

ICC cricket World Cup 2019 टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और मौजूदा विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धौनी के दस्ताने चर्चा का विषय बने हुए हैं। इस बारे में आइसीसी ने भी संज्ञान लिया ह

By Vikash GaurEdited By: Publish:Thu, 06 Jun 2019 09:04 PM (IST) Updated:Fri, 07 Jun 2019 12:18 AM (IST)
MS Dhoni ने भारतीय सेना के सम्मान में लगाया 'बलिदान बैज', ICC ने की ये 'कार्रवाई'
MS Dhoni ने भारतीय सेना के सम्मान में लगाया 'बलिदान बैज', ICC ने की ये 'कार्रवाई'

नई दिल्ली, जेएनएन। ICC Cricket World Cup 2019: टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप 2019 में साउथ अफ्रीका को रौंदकर विजयी आगाज किया। इस मैच में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और मौजूदा विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धौनी के दस्ताने चर्चा का विषय बने हुए हैं।

साउथ अफ्रीका के खिलाफ वर्ल्ड कप 2019 के अपने पहले मैच में धौनी स्पेशल ग्लव्स के साथ मैदान में उतरे। ये दस्ताने भारत की सवा सौ करोड़ जनता के लिए खास इसलिए थे क्योंकि इस पर बलिदान बैज छपा हुआ था जिसे इंडियन आर्मी के पैरा कंमाडो इस्तेमाल करते हैं। 

एमएस धौनी के इन्हीं दस्तानों पर वर्ल्ड कप 2019 का आयोजन करा रहे और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की गवर्निंग बॉडी यानी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने एतराज जताया है। आइसीसी ने धौनी को भारतीय सेना के चिन्‍ह वाले दस्‍ताने हटाने को कहा है। आइसीसी ने इस बात को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) से बात की और इस बैज को हटाने की मांग की है। 

फिलहाल, आइसीसी के महाप्रबंधक क्लेयर फरलोंग ने कहा है, "हमने बीसीसीआइ से इस चिन्ह को हटवाने की अपील की है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के नियम के मुताबिक, कपड़ों या अन्य चीजों पर अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान राजनीति, धर्म या नस्लभेदी जैसी चीजों का संदेश नहीं होना चाहिए।" हालांकि, बीसीसीआइ धौनी को इस बात के लिए कहेगी या नहीं ये देखने वाली बात होगी।  

धौनी ने क्यों किया इसका इस्तेमाल

धौनी इससे पहले भी सेना के प्रति अपना सम्मान जताते रहे हैं। अब सवाल है कि धौनी इस बैज का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं। आपको बता दें कि धौनी ने भी पैराट्रूपर की सफल ट्रेनिंग ली है। धौनी को 2011 में प्रादेशिक सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी। इसके बाद अगस्त 2015 में धौनी प्रशिक्षित पैराट्रूपर बन गए। इसके बाद से वह प्रतिष्ठित पैरा विंग्स प्रतीक चिह्न का इस्तेमाल भी करते हैं। वह इसको पहनने की योग्यता भी रखते हैं। 

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