लोढ़ा कमेटी: SC ने ठुकराई बीसीसीआइ की अपील, जानें क्या हुआ कोर्ट में

सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों पर बीसीसीआइ द्वारा दायर पुनर्विचार की सिफारिश ठुकरा दी है।

By bharat singhEdited By: Publish:Tue, 18 Oct 2016 03:06 PM (IST) Updated:Tue, 18 Oct 2016 03:23 PM (IST)
लोढ़ा कमेटी: SC ने ठुकराई बीसीसीआइ की अपील, जानें क्या हुआ कोर्ट में

नई दिल्ली (एजेंसी) सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के फैसले पर पुनर्विचार करने की बीसीसीआइ की अपील ठुकरा दी है। इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख चुकी है, पर अभी इसे सुनाया नहीं गया है। बीसीसीआइ ने इस पर पुनर्विचार की अपील की थी, जिसे कोर्ट ने मंगलवार को ठुकरा दिया। सोमवार को इस मामले में हुई सुनवाई बाद कोर्ट ने फैसला नहीं सुनाया था।

सोमवार की सुनवाई में बीसीसीआइ ने जानेमाने वकील कपिल सिब्बल के हवाले से सुप्रीम कोर्ट में लोढ़ा कमेटी पर जमकर हमला बोला। बीसीसीआइ ने कहा है कि लोढ़ा कमेटी अपनी हद से बाहर जाकर देश में क्रिकेट संचालन करने की कोशिश कर रही है। जानिए, क्या-क्या हुआ कोर्ट में सुनवाई के दौरान

कोर्ट की शरण में आ सकता है बोर्ड
बीसीसीआई ने लोढ़ा कमिटी के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने के आरोप के जवाब में कहा, ऐसा लग रहा है कि लोढ़ा कमेटी आईपीएल सहित मैचों के कार्यक्रम संबंधी निर्देश देकर देश में क्रिकेट को चलाने का प्रयास कर रही है जो उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। बीसीसीआइ ने कोर्ट से गुजारिश की कि क्रिकेट को चलाने का काम बोर्ड पर ही छोड़ दिया जाए और इसे प्रोफेशनल तरीके से चलाया जाए। इस पर मुख्य न्यायाधश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अगर समिति ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर की चीज की है तो बोर्ड कोर्ट की शरण में आ सकता है।

एक राज्य-एक वोट पर फंसा है पेंच
बोर्ड ने अपनी मजबूरी बताई कि उसके तीन चौथाई सदस्यों के लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों पर सहमत होने तक वह सुधारों को लागू नहीं कर सकता है। बोर्ड ने कहा कि वह कोर्ट की अवमानना नहीं कर रहा है। बोर्ड ने लोढ़ा कमेटी की भाषा पर कहा कि शीर्ष संस्था से ऐसी भाषा की उम्मीद नहीं की जा सकत है। बोर्ड ने एक राज्य-एक वोट के मामले पर कहा कि इसे लागू करना मुश्किल है। बोर्ड ने कहा कि उसे हलफनामा दाखिल करने का मौका दिया जाए, जिसमें वह बताएगा कि किस समय सीमा में कौन से सुधार लागू किए जा सकते हैं।

पैसे की निकासी पर उठे सवाल
पीठ ने लोढ़ा कमेटी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ गोपाल सुब्रमण्यम से पूछा कि क्या अदालत की अवमानना के अलावा कोई और रास्ता तलाशा जा सकता है। सुब्रमण्यम ने कोर्ट से कहा कि 25 लाख रुपये से ज्यादा की निकासी पर बोर्ड को कमेटी की मंजूरी जरूरी बनाई जाए। इस पर सिब्बल ने तंज कसने के अंदाज में कहा कि अगर किसी की मर्जी से पैसे निकाले और खर्च किए जाएं ऐसे तो वह आदमी बोर्ड में सबसे ताकतवर हो जाएगा।

हलफनामे पर अनुराग-शेट्टी को फटकार
कोर्ट ने आइसीसी चेयरमैन को पत्र के मामले पर लिखने पर विरोधाभासी हलफनामे को लेकर बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और वरिष्ठ अधिकारी रत्नाकर शेट्टी को कड़ी फटकार लगाई। मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की पीठ ने कहा कि अनुराग ने अपने हलफनामे में स्वीकार किया है कि उन्होंने आईसीसी चेयरमैन को पत्र लिखने के लिए कहा जबकि शेट्टी का हलफनामा कहता है कि ऐसा नहीं कहा गया। दोनों के हलफनामों में विरोधाभास है। कोर्ट ने शेट्टी को 7 अक्टूबर को निजी हलफनामा देने को कहा था। सोमवार की सुनवाई में ठाकुर ने अपना हलफनामा सौंपा, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने पूर्व बीसीसीआइ अध्यक्ष शशांक मनोहर के रुख के अनुरूप ही आइसीसी को पत्र लिखा था।

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