रिषभ पंत को धौनी का उत्तराधिकारी मानते हैं ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान पोंटिंग

युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने उन खबरों को खारिज किया जिनमें कहा जा रहा था कि उन्हें ऑस्ट्रेलियाई दौरे से अनुशासनहीनता के कारण वापस भेजा गया था।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sat, 16 Mar 2019 08:37 PM (IST) Updated:Sat, 16 Mar 2019 08:37 PM (IST)
रिषभ पंत को धौनी का उत्तराधिकारी मानते हैं ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान पोंटिंग
रिषभ पंत को धौनी का उत्तराधिकारी मानते हैं ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान पोंटिंग

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग का मानना है कि विकेटकीपर बल्लेबाज रिषभ पंत आगामी विश्व कप में महेंद्र सिंह धौनी के सबसे अच्छे विकल्प है। इंग्लैंड और वेल्स में 30 मई से शुरू होने वाले विश्व कप के लिए 15 सदस्यीय टीम चुनी जानी है।

पोंटिंग ने कहा कि अगर इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) में दिल्ली कैपिटल्स के लिए पंत अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो वह भारतीय टीम में स्थान के प्रबल दावेदार हो जाएंगे गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे वनडे में रिषभ पंत के मैदान पर रहने के दौरान धौनी-धौनी के नारे लगे थे।

पोंटिंग ने कहा कि मैं समझता हूं कि वास्तव में मेरे और अन्य प्रशिक्षकों के लिए यह एक बड़ा काम है कि हम पंत को पिछले दिनों जो हुआ उसे भुलाने में मदद करें। वह शायद भाग्यशाली थे कि यह चीज अंत के कुछ मैचों में हुई क्योंकि इस तरह के दबाव में पूरे पांच मैच खेलना मुश्किल होता और अब वह उस प्रतियोगिता में वापस आए गए हैं जिसमें उन्होंने पहले बेहतरीन प्रदर्शन किया है।

पोंटिंग ने कहा कि अगर वह दिल्ली कैपिटल्स के लिए एक-दो गेम जीत सकते हैं तो सब कुछ भुला दिया जाएगा। मुझे भारतीय विश्व कप टीम में दूसरे विकेटकीपर के रूप में उनसे बेहतर कोई नहीं दिखाई दे रहा।

बायोपिक के लिए रोचक नहीं है मेरी जिंदगी: गावस्कर

भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का कहना है कि उनकी जिंदगी में ऐसा कुछ रोचक नहीं, जिसके आधार पर उनके जीवन पर आधारित बायॉपिक बनाई जा सके। क्रिकेट की दुनिया से महेंद्र सिंह धौनी और सचिन तेंदुलकर पर बायोपिक बन चुकी है जबकि कपिल देव से संबंधित फिल्म पर काम हो रहा है।

गावस्कर ने कहा, 'मैं सच में अपने ऊपर बायोपिक के पक्ष में नहीं हूं। मेरा जीवन काफी नियमित है। इसमें कुछ रोचक नहीं। एक दर्शक के तौर पर मैं इसे पर्दे पर देखना भी पसंद नहीं करूंगा। तो फिर लोग क्यों पसंद करेंगे? कई बार लोगों ने मुझसे बायोपिक के संबंध में बात की लेकिन मैं मानता हूं कि मेरा जीवन बायोपिक के लिए रोचक नहीं है।'

निर्देशक कबीर खान इन दिनों 1983 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम की उपलब्धि पर बायोपिक बना रहे हैं। विश्व कप जीतने वाली टीम में गावस्कर भी शामिल रहे हैं। सुनील ने कहा, 'हां मैं कबीर से मिला हूं और हमारी बातचीत 1983 में विश्व कप जीतने वाली टीम पर केंद्रित रही। हमने विश्व कप टूर्नामेंट के बारे में बात की और साथ ही विश्र्व कप में हमारी टीम के सफर पर बात की।

कॉफी विद करन कार्यक्रम में विवादित बयान देकर फंसने वाले भारतीय क्रिकेटरों हार्दिक पंड्या और लोकेश राहुल को लेकर गावस्कर ने कहा कि मुझे यहां बताना होगा कि किसी भी खिलाड़ी के करियर के शुरुआती दौर में स्टारडम को संभालना काफी मुश्किल होता है। आपको अपने खेल में लगातार सुधार करना होता है और एक खिलाड़ी के तौर पर लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरना होता है। ऐसे में सीनियर खिलाडि़यों की जिम्मेदारी बनती है कि वे युवाओं का मार्गदर्शन करें। पुराने खिलाडि़यों को पता होता है कि ऐसे हालात से कैसे निपटना है क्योंकि वे पहले इस तरह के हालात से गुजर चुके होते हैं।'

अनुशासनहीनता के आरोपों को पृथ्वी ने किया खारिज

युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने उन खबरों को खारिज किया, जिनमें कहा जा रहा था कि उन्हें ऑस्ट्रेलियाई दौरे से अनुशासनहीनता के कारण वापस भेजा गया था। उन्होंने जोर दिया कि ऐसा उनके टखने की चोट से उबरने में देरी होने के कारण ही हुआ था।

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पृथ्वी को अभ्यास मैच में क्षेत्ररक्षण करते हुए चोट लग गई थी और शुरू में कहा गया था कि वह तीसरे टेस्ट के बाद उपलब्ध रहेंगे लेकिन 19 वर्षीय खिलाड़ी को वापस भारत भेज दिया गया और यह माना जा रहा है कि ऐसा इस युवा खिलाड़ी के ध्यान कहीं और लगाने के कारण किया गया था।

पृथ्वी ने शनिवार को दिल्ली कैपिटल्स के मीडिया सत्र के दौरान कहा, 'ये सब अफवाहें हैं, इसलिए मैं इन पर ध्यान नहीं दूंगा।' जब उनसे पूछा गया कि रीहेबिलिटेशन के दौरान वह इतनी कड़ी मेहनत नहीं कर रहे थे तो पृथ्वी ने कहा, 'किसी ने भी मुझे इस बारे में नहीं बताया कि मैं कड़ी मेहनत नहीं कर रहा। मैं खेलना चाहता था, लेकिन चोटिल हो गया। मुझे लगा कि मैं मेलबर्न में तीसरे टेस्ट में खेल सकता हूं लेकिन चोट से उबरने की प्रक्रिया में प्रगति धीमी थी।'

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