2011 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में हुआ था बड़ा विवाद, संगकारा ने Dhoni का सच बताया

कुमार संगकारा ने बताया कि 2011 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में हुए विवाद के दौरान MS Dhoni ने क्या कहा था।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Fri, 29 May 2020 12:55 PM (IST) Updated:Fri, 29 May 2020 05:24 PM (IST)
2011 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में हुआ था बड़ा विवाद, संगकारा ने Dhoni का सच बताया
2011 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में हुआ था बड़ा विवाद, संगकारा ने Dhoni का सच बताया

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट इतिहास में 2 अप्रैल 2011 का दिन अमर हो गया, क्योंकि इस दिन MS Dhoni की कप्तानी में टीम इंडिया ने दूसरी बार वनडे विश्व कप खिताब अपने नाम किया था। वर्ल्ड कप के इस सीजन में भारत ने श्रीलंका को फाइनल में छह विकेट से हराया था जो अपराजेय लग रही थी। ये मैच काफी रोमांचक था, लेकिन मैच शुरू होने से ठीक पहले टॉस के वक्त एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। इस मैच में दो बार टॉस किया गया था और आमतौर पर ऐसा होता नहीं है। 

फाइनल मैच में श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा थे और उन्होंने बताया कि आखिर ऐसी कौन सी बात हुई थी जिसकी वजह से दो बार टॉस कराया गया था। संगकारा ने उस मैच को याद करते हुए कहा कि एमएस धौनी मेरी आवाज ही नहीं सुन पाए थे क्योंकि वानखेड़े स्टेडियम में मौजूद दर्शक बहुत ही ज्यादा शोर मचा रहे थे। 

टॉस विवाद के बारे में बात करते हुए संगकारा ने बताया कि माही ने सिक्का उछाला था और मेरी कॉल थी। उसके बाद धौनी पूरी तरह से निश्चित नहीं थे कि मैंने क्या कहा था। उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या आपने टेल्स कहा है। मैंने धौनी को जवाब दिया कि मैंने हेड कहा है। इसके बाद मैच रेफरी ने भी कहा कि मैंने टॉस जीता है। फिर महेंद्र सिंह धौनी ने कहा कि, नहीं..नहीं..नहीं..आपने वो नहीं कहा था, यहां थोड़ा भ्रम है। फिर माही ने ही कहा कि एक बार और टॉस कर लेते हैं और इसके बाद दोबारा टॉस किया गया। संगकारा ने लाइव इंस्टाग्राम चैट पर आर अश्विन से बातें करते हुए ये सारी बातें बताई। 

इस फाइनल मैच में टॉस जीतने के बाद भी श्रीलंका को हार मिली। उन्होंने कहा कि अगर माही टॉस जीतते तो शायद वो पहले बल्लेबाजी करते और फिर कहानी कुछ अलग होती। ये शायद मेरी किस्मत ही थी कि मैंने टॉस जीता अगर धौनी टॉस जीत जाते तो भारत पहले बल्लेबाजी करता और हम चेज करते। फाइनल में हार की बात बताते हुए उन्होंने कहा कि एंजेलो मैथ्यूज के इंजर्ड होेने का टीम पर बहुत ही असर पड़ा। उनकी वजह से हम 6 - 5 कांबिनेशनल के साथ मैदान पर उतरे। अगर वो इंजर्ड नहीं होते तो हमारा कांबिनेशनल 7- 4 का होता।

उन्होंने कहा कि मैथ्यूज का चोटिल होना टीम के लिए बड़ा झटका था और उनकी गैर-मौजूदगी का असर टीम के रिजल्ट पर पड़ा। इसके अलावा संगकारा ने कहा कि फाइनल मैच में हमने कई सारे कैच भी छोड़े। यही नहीं हमने जो टीम में बदलाव किये वो हमारी रणनीति का हिस्सा था, लेकिन वही टर्निंट प्वाइंट साबित हुआ। 

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