वेस्टइंडीज अपने प्रदर्शन की ईमानदारी से समीक्षा करे

वेस्टइंडीज पर भारत की सबसे बड़ी जीत के बाद बहुत से समर्थक तो इस दौरे पर आगे नजर रखने को लेकर विचार कर रहे होंगे

By Lakshya SharmaEdited By: Publish:Sun, 07 Oct 2018 06:22 PM (IST) Updated:Sun, 07 Oct 2018 06:22 PM (IST)
वेस्टइंडीज अपने प्रदर्शन की ईमानदारी से समीक्षा करे
वेस्टइंडीज अपने प्रदर्शन की ईमानदारी से समीक्षा करे

 (सुनील गावस्कर का कॉलम)

वेस्टइंडीज पर भारत की सबसे बड़ी जीत के बाद बहुत से समर्थक तो इस दौरे पर आगे नजर रखने को लेकर विचार कर रहे होंगे, लेकिन उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ अगले ही टेस्ट मैच में इस टीम ने जबरदस्त वापसी की थी। शाई होप ने दोनों पारियों में शतक बनाए और क्रेग ब्रेथवेट ने भी लगभग यही कारनामा कर दिखाया, लेकिन वह पांच रनों से चूक गए। 

अगर ये बल्लेबाज उस उपलब्धि का थोड़ा भी यहां दोहरा पाए, तो वेस्टइंडीज का स्कोर राजकोट की तुलना में ज्यादा होगा।बल्लेबाजों के जिस रवैये से मुझे निराशा हुई, वह भारतीय स्पिनरों पर पहली ही गेंद से हमला करने की कोशिश थी। अगर गेंद काफी ज्यादा टर्न हो रही हो तो यह एप्रोच समझ में आती है, लेकिन यहां ऐसा नहीं था। ऐसे में इस तरह का रवैया एक तरह से आत्महत्या का प्रयास था। 

649 रनों के साथ भारतीय स्पिनरों को बड़े शॉट से कोई चिंता नहीं थी। भारतीय कप्तान भी स्पिनरों को ज्यादा लंबा स्पैल देकर खुश थे और कुलदीप यादव ने इसका पूरा फायदा उठाते हुए टेस्ट क्रिकेट में पहली बार पांच विकेट लिए।मेहमान टीम में एक और चीज की कमी दिखी कि उन्होंने बाउंसर फेंकने का प्रयास ही नहीं किया। गर्मी के माहौल को भी देखा जाए तो भी अगर तेज गेंदबाज अपने सबसे घातक हथियार का इस्तेमाल नहीं करता है तो मजबूत भारतीय बल्लेबाजी को रोकना मुश्किल था। 

राजकोट में गेंद स्विंग नहीं हो रही थी और ना ही कोई उछाल थी। ऐसा लग रहा था कि विंडीज के गेंदबाजों को एक हाथ बांधकर गेंदबाजी करने पर मजबूर किया जा रहा हो। उम्मीद है कि इस एप्रोच की ईमानदारी से समीक्षा होगी और दूसरे टेस्ट मैच में वे ज्यादा प्रतिस्पर्धी नजर आएंगे।

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